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कृषि जगत

भूजल के प्रति बढ़ती जा रही संवेदनहीनता रहेगी मानवता के लिए घातक

प्रह्लाद सबनानी दिनांक 5 जनवरी 2023 को ‘जल विजन 2047’ कॉन्फ़्रेन्स को सम्बोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता जनार्दन को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय […]

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पर्यावरण महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

“बिन पानी सब सून” कहावत हमारे जीवन में कहीं वास्तविकता न बन जाए

ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर रही जनसंख्या को अन्य स्थानों […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म के बल पर भारत को विश्व गुरु बनाने के किए थे प्रयास

प्रह्लाद सबनानी स्वामी विवेकानंद जी का मूल स्वभाव राष्ट्र के प्रति समर्पित भावना से ओतप्रोत था। आपने राष्ट्रीय भाव में आध्यात्मिक एवं धर्म को जोड़कर इसे धारदार बनाने के प्रयास किया था। आपका मजबूत विचार था भारत को अपने आध्यात्म एवं धर्म के बल पर पश्चिम को पुनः जीतना ही होगा। स्वामी विवेकानन्द जी का […]

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महत्वपूर्ण लेख

अनिवासी भारतीयों के योगदान को सराहने का अवसर भी है प्रवासी भारतीय दिवस

प्रह्लाद सबनानी प्रवासी भारतीयों का भारत की विभिन्न कम्पनियों में विदेशी निवेश भी बहुत तेज गति से बढ़ रहा है। इसका अच्छा प्रभाव यह भी देखने में आ रहा है कि प्रवासी भारतीयों की देखादेखी इन देशों के मूल निवासी भी भारत में अपने विदेशी निवेश को बढ़ा रहे हैं। प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारतीय बन रहे हैं अमेरिकी अर्थव्यवस्था के शिल्पकार

भारतीय मूल के नागरिकों का अमेरिका में आगमन विभिन स्तरों पर हुआ है। वर्ष 1890 तक भारतीय मूल के कुछ नागरिकों का कृषि श्रमिकों के रूप में अमेरिका में आगमन हुआ था। लगभग इसी खंडकाल में विशेष रूप से पंजाब से कुछ सिक्ख लोगों के जत्थे भी कनाडा एवं अमेरिका की ओर रवाना हुए थे। […]

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आर्थिकी/व्यापार

कई देशों की मुद्राओं की तुलना में मजबूत हो रहा भारतीय रुपया

विश्व के कई देशों में मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वहां के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में लगातार वृद्धि की जा रही है। विशेष रूप से अमेरिका में ब्याज दरों में की जा रही वृद्धि का असर अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है क्योंकि अमेरिकी डॉलर वैश्विक स्तर […]

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पर्यावरण

रहने लायक नहीं रहेगी यह धरा यदि प्रकृति का शोषण इसी रफ्तार से चलता रहा

भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत के आर्थिक विकास में जनजाति समाज का है भरपूर योगदान

भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है। जनजाति समाज की विकास यात्रा अपनी भूख मिटाने एवं अपने को सुरक्षित रखने के […]

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आर्थिकी/व्यापार

आत्मनिर्भरता एवं स्वदेशी अपनाकर चीन को आर्थिक क्षेत्र में दी जा सकती है मात

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में वस्तुओं के आयात के मामले में एक बार पुनः भारत की निर्भरता चीन पर बढ़ी है। हालांकि पिछले 3 साल के दौरान भारत के चीन से आयात लगातार कम हो रहे थे परंतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में चीन […]

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आर्थिकी/व्यापार

आर्थिक विकास की दृष्टि से एक दशक ही नहीं बल्कि अगली पूरी सदी ही भारत की होगी

अभी हाल ही में अमेरिका के निवेश के सम्बंध में सलाह देने वाले एक प्रतिष्ठित संस्थान मोर्गन स्टैनली ने अपने एक अनुसंधान प्रतिवेदन में यह बताया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की दृष्टि से अगला दशक भारत का होने जा रहा है। इस सम्बंध में उक्त प्रतिवेदन में कई कारण गिनाए गए हैं। […]

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