सनातन भारतीय संस्कारों के अनुसार भारत में कुटुंब को एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में स्वीकार किया गया है एवं भारत में संयुक्त परिवार इसकी परिणती के रूप में दिखाई देते है। परंतु, पश्चिमी आर्थिक दर्शन में संयुक्त परिवार लगभग नहीं के बराबर ही दिखाई देते हैं एवं विकसित देशों में सामान्यतः बच्चों के 18 […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
प्रह्लाद सबनानी यदि साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी जानी चाहिए। पुलिस विभाग द्वारा विशेष रूप से साइबर ठगी के मामलों के लिए अलग से साइबर सेल एवं पुलिस थाने बनाए गए हैं, जहां केवल साइबर ठगी के मामलों के सम्बंध में ही शिकायतें दर्ज की जाती […]
कीमतों पर नियंत्रण के लिए कृषि उत्पादों का संयमित उपयोग हो वर्तमान में पूरे विश्व में सामान्यतः वस्तुओं की कीमतों का निर्धारण पश्चिमी आर्थिक दर्शन पर आधारित वस्तुओं की मांग एवं आपूर्ति के सिद्धांत के अनुरूप होता है। यदि किसी वस्तु की बाजार में मांग अधिक है और आपूर्ति कम है तो उस वस्तु की […]
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) 8 अप्रेल 2015 को भारत में प्रारम्भ की गई भी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे छोटे व्यवसायियों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराना था ताकि इन व्यवसाईयों को अपना व्यापार प्रारम्भ करने में पूंजी की कमी महसूस न हो। यह योजना छोटे कारोबारियों के व्यवसाय को आगे बढ़ाने की दिशा […]
भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति में आस्था रखने वाले व्यक्तियों के लिए उनके जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। परम पूज्य गुरुदेव जीवन में आने वाले विभिन्न संकटों से न केवल उबारते हैं बल्कि इस जीवन को जीने की कला भी सिखाते हैं ताकि इस जीवन को सहज रूप से जिया जा […]
वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं चतुर्थ तिमाही के हाल ही में जारी किए गए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास सम्बंधी आंकड़ों से यह आभास हुआ है कि भारत में आर्थिक विकास दर उम्मीद से कहीं अधिक रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत की रही है एवं जनवरी-मार्च […]
प्रह्लाद सबनानी अभी हाल ही में रक्षा विभाग ने 928 उत्पादों की एक सूची जारी की है, इस सूची में दिए गए समस्त उत्पादों का निर्माण अब पूर्णतः भारत में ही किया जाएगा एवं आगामी वर्षों में इन उत्पादों का आयात पूर्णतः बंद कर दिया जाएगा। भारत कुछ समय पूर्व तक रक्षा के क्षेत्र में […]
आपको याद होगा कि कुछ समय पूर्व ही भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी क्षेत्र की 11 बैंकों को, इन बैंकों में खराब कर्ज के खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण, त्वरित सुधारात्मक ढांचे के तहत रखा था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कम पूंजी आधार, गैर-पेशेवर प्रबंधन, हताश कर्मचारियों […]
आपको याद होगा कि कुछ समय पूर्व ही भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी क्षेत्र की 11 बैंकों को, इन बैंकों में खराब कर्ज के खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण, त्वरित सुधारात्मक ढांचे के तहत रखा था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कम पूंजी आधार, गैर-पेशेवर प्रबंधन, हताश कर्मचारियों […]
श्री एंगस मेडिसन दुनिया के जाने माने ब्रिटिश अर्थशास्त्री इतिहासकार रहे हैं। आपने विश्व के कई देशों के आर्थिक इतिहास पर गहरा अनुसंधान कार्य किया है। भारत के संदर्भ में आपका कहना है कि एक ईस्वी के पूर्व से लेकर 1700 ईस्वी तक भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित […]