मुजफ्फर हुसैन गतांक से आगे……. मुंबई आज भी वह दिन भूली नही है जब इसका विरोध करते हुए तीस साल के एक युवक ने अपनी जान दे दी। सहसा ही मुंबई वासियों के बाबू गेनू की याद आ गयी, जो 25 साल का जवान था, जिसने विदेशी कपड़ों से भरे ट्रक को अपनी छाती से […]
लेखक: मुज्जफर हुसैन
मुजफ्फर हुसैन गतांक से आगे……. बकरा ईद आते ही अहिंसा प्रेमी और जागरूक पर्यावरणवादी इस प्रयास में जुट जाते हैं कि धर्म के नाम पर कम से कम कुरबानी हो। प्रबोधन के साथ साथ इस दिशा में क्या कोई कानूनी कार्रवाई हो सकती है, इस बात पर भी विचार किया जाता है। धर्मनिरपेक्ष देश के […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….कोई यह कह सकता है कि कुरान में इब्राहीम की कुरबानी की चर्चा है, इसलिए उसका महत्व अधिक है, लेकिन इस तर्क से इमाम हुसैन का त्याग और बलिदान कम नही हो जाता।इब्राहीम के दो पुत्र थे-इस्माइल और इसहाक आइजिक। इब्राहीम के पश्चात उनके दोनों ही पुत्र पैगंबर बने। इसहाक की नस्ल […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….खुलेआम जानवरों की हत्या सामूहिक रूप से होती है। यह हत्या तकनीक युक्त है, जो अत्यंत दर्दनाक और क्रूरतापूर्ण है। जो हत्या की गयी है, वह व्यापारिक आधार पर लाभ कमाने के लिए की गयी है। इसलाम जैसे महान धर्म के लिए यह चिंता और चिंतन का विषय है। पशुओं की हिंसा […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….मुसलमानों के लिए कुरबानी के नियम दो प्रकार के हैं। एक तो वे जो अल्लाह के आदेशानुसार चले आ रहे हैं और दूसरे वे, जो बाह्य दुनिया से संबंधित है। कुरबानी के नियम मुसलिमों के खान पान से भी जुडे हुए हैं। कुरबानी का आंतरिक अर्थ तो यही है कि हम अपना […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….जब उनका पहला पुत्र जनमा उस समय वे सीरिया और पेलेस्टाइन के फलद्रुप क्षेत्र में थे। इस पुत्र का नाम इस्माइल रखा गया था। इस नाम को सुनकर ही चेहरे पर मुसकराहट आ जाती है। क्योंकि अल्लाह ने इब्राहीम की प्रार्थना को सुन लिया था। इस्माइल का जन्म उनकी नौकरानी हाजरा से […]
मुजफ्फर हुसैनपिछले अध्याय में यह बात स्पष्टï की जा चुकी है कि हजरत इब्राहीम मध्य एशिया से निकले हुए तीनों धर्म यहूदियत, ईसाइयत और इसलाम के पितामह हैं। वे तीनों के आदर्श हैं। मुसलिम जिन्हें इब्राहीम कहते हैं, यहूदी और ईसाई उनका उच्चारण अब्राहम करते हैं। हजरते ईसा अब्राहम के पुत्र आहजिक (इसहाक) वंशज हैं, […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…शेड में स्वचलित परदे लगाए गये हैं। जिधर धूप होती है, परदे उसी दिशा में तन जाते हैं। धूप के न आने से इन गायों को बड़ी राहत मिलती है। इस शेड के बाहर औसतन 46 डिग्री सेल्सियस गरमी होती है। 800 मीटर लंबे शेड में दर्जनों डेजर्ट कूलर लगे हुए हैं। […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…जिस कृत्य से अपने पड़ोसी का दिल दुखता हो और जिस वस्तु के खाने से अपने साथ रहने वाले के मन में खटास पैदा होती है, उसे इसलाम ने वर्जित किया है। इसलिए आम धारणा यही रही कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए भारत गौ-वध पर प्रतिबंध अनिवार्य है। भिन्न भिन्न […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…गाय के वध के मामले में इस प्रकार के अनेक फतवे समय समय पर आए हैं, जिनमें गाय के मांस को वर्जित घोषित किया है। परिस्थितिवश न तो उसे काटा जाए और न ही उसके मांस का भक्षण किया जाए। भारत में देवबंद, बरेलवी, फुलेरी शरीफ, लखनऊ और हैदराबाद जैसे अनेक दारूल […]