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देश विदेश

पुरानी मित्रता है रूस और भारत की

शिबन कृष्ण रैणा संयुक्त राष्ट्र संघ में मतदान के दौरान भारत अनुपस्थित रहा, उसने किसी के भी पक्ष में मत नहीं दिया I ठीक किया।रूस भारत का पुराना और विश्वसनीय मित्र रहा है जिसने प्रत्येक संकट की घड़ी में भारत का साथ दिया है, जबकि यूक्रेन हमेशा भारत के खिलाफ रहा है Iयाद कीजिये नेहरू […]

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पुस्तक समीक्षा

समय से संवाद करता सत्यवान ‘सौरभ’ का दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ 

(अमेजन, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध यह दोहा संग्रह कुछ आप बीती और कुछ जगबीती से परिपूर्ण है। यह वर्तमान समय से संवाद करता हुआ काव्य कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। मुझे विश्वास है यह दोहा संग्रह पाठकों को प्रभावित करेगा। सत्यवान ‘सौरभ’ के दोहा संग्रह “तितली है खामोश” के दोहे आज […]

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आज का चिंतन

1 जनवरी, अंग्रेजी नव वर्ष – भ्रमित करने वाली काल गणना

नए ईसाई वर्ष का आरंभ होनेवाला है, हम इसका स्वागत करने के लिए तैयार हुए हैं; किन्तु यह लेख सभी को यह बताने के लिए संकलित किया गया है कि इस नए वर्ष का इतिहास कितना भ्रमित करने वाला और तर्कहीन है। इस लेख में यह जानकारी मिलती है कि अंग्रेजी नव वर्ष कैसे प्रारम्भ […]

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देश विदेश

पाकिस्तान – चीन की अफगान नीति के पेंच और भारत की समस्याएं

जी. पार्थसारथी अफगानिस्तान में आईएसआई की मदद से सत्तासीन हुए तालिबान से बनती चुनौतियों से निपटने की खातिर भारत ने कभी-कभार अपनाया जाने वाला नैसर्गिक रुख चुना है। कालांतर में भारत ने अफगान मुद्दे पर उसके पश्चिमी पड़ोसी मुल्क, जिनके साथ हमारे संबंध बहुत बढ़िया हैं, निकटता से काम किया है। इनमें ताज़िकिस्तान, तुर्केमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, […]

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भारतीय संस्कृति

चाणक्य नीति के अनुसार पारदर्शी प्रशासन

उगता भारत ब्यूरो चाणक्यकालीन भारत गणतांत्रिक राजतन्त्र था। विश्व इतिहास में ऐसे कम उदाहरण मिलते हैं जिनमे राजतन्त्र को देश और राज परिवार के आय व्यय का लेखा-जोखा जनता के सामने प्रस्तुत करना पड़ता रहा हो। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इस बात की व्यवस्था है कि राजा के महामात्य और प्रधान अधिकारी आय-व्यय और राज्य […]

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पर्यावरण

बिगड़ते हुए मौसम के मिजाज ने किया किसान का मजा किरकिरा

ज्ञाानेन्द्र रावत बीते दिनों केरल में आयी लगातार मूसलाधार बारिश ने भीषण तबाही मचाई। बारिश ने सितम्बर में महाराष्ट्र, गुजरात, उ.प्र., बिहार, असम आदि कुछ दूसरे राज्यों में कहर बरपाया। नदियां खतरे के निशान को पार कर गयीं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। हाई अलर्ट जारी हुआ। मुम्बई में लगातार तीसरे साल […]

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भारतीय संस्कृति

जैसलमेर की कला संस्कृति और सोने जैसी माटी का कोई सानी नहीं

प्रीटी  राजस्थान पर्यटन विकास निगम जैसलमेर शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित मनोरम बालू के टीलों का भ्रमण करने के लिए परिवहन की शानदार व्यवस्था करता है। इन मनोरम टीलों की यात्रा किए बिना जैसलमेर की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। थार मरूस्थल के बीच बसा राजस्थान का जैसलमेर शहर अपनी पीले पत्थर की […]

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मुद्दा

लोकतंत्र में ‘राइट टू रिकॉल’ का औचित्य और महत्व

आलोक यात्री लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा संचालित शासन प्रणाली है। लिहाजा निर्वाचित प्रतिनिधि के अपने कर्तव्य पालन में विफल रहने या किसी गलत कार्य में लिप्त पाए जाने की स्थिति में ‘राइट टू रिकॉल’ का प्रावधान जरूरी हो जाता है। जयप्रकाश नारायण के बाद अन्ना हजारे भी अपने आंदोलनों में ‘राइट […]

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धर्म-अध्यात्म

संस्कारों की दौलत ही सच्चा धन

योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ आजकल समाज में संस्कारों की कमी देखकर कभी-कभी मन उद्वेलित हो उठता है। समाचारपत्रों में ऐसे समाचार देखकर कि कोई वृद्धा मां या वृद्ध पिता विदेश में या किसी बड़े शहर में नौकरी करने गए अपने पुत्र को देखने को तरसते रहते हैं और एकाकी रहते हुए जब मर जाते हैं, […]

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देश विदेश

बदले हालात में तालिबान के लिए शासन करना आसान नहीं, गृहयुद्ध की ओर बढ़ सकता है अफगानिस्तान

अशोक मधुप  तालिबान को काबुल की सत्ता चाहिए थी, वह उसे मिल गई। अब उसे किसी से कोई वास्ता नहीं। वैसे भी पूरी दुनिया से मदद लेनी है तो उसे ये साबित करना पड़ेगा कि न उसका कोई आका है। न सरपस्त। वह अपने निर्णय खुद ले रहे हैं। बीस साल में तालिबान के चेहरे […]

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