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भारतीय संस्कृति

मनुष्य को सत्य धर्म का अनुसरण कर उसी का पालन करना चाहिए

हमें मनुष्य का जन्म क्यों प्राप्त हुआ है? इसके पीछे कौन सी अदृश्य सत्ता व शक्ति है जिसने निश्चित किया कि हमारी आत्मा को मनुष्य जन्म मिले? इसका उत्तर वैदिक साहित्य को पढ़ने से मिलता है। मनुष्य को मनुष्य जन्म उसकी आत्मा के पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर मिलता है। इन कर्मों को जीवात्मा […]

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समाज

देश और आर्य समाज देश व समाज की प्रमुख संपत्ति व शक्ति हैं

ओ३म् =========== आर्यसमाज का अस्तित्व वेद पर आधारित है। वेद ईश्वरीय ज्ञान और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद ज्ञान व विज्ञान से युक्त व इनके सर्वथा अनुकूल है। वेद विद्या के ग्रन्थ हैं। वेद में अन्य ग्रन्थों के समान, कहानी किस्से व किसी आचार्य व मत प्रवर्तक के उपदेश नहीं हैं अपितु वेदों […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महाराणा प्रताप का जीवन भारत वासियों के लिए प्रेरणादायक है : जयंती पर विशेष

ओ३म् -महाराणा प्रताप जी की जयन्ती पर- ============ आज भारत के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रखने वाले एक देशभक्त निर्भीक व साहसी क्षत्रिय महापुरुष, वैदिक धर्म व संस्कृति के आदर्श एवं भारत माता के वीर सपूत महाराणा प्रताप जी की जयन्ती है। महाराणा प्रताप जी का जन्म आज ही के दिन 9 मई, सन् 1540 […]

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देश विदेश

देश देशांतर में वेदों के व्यापक प्रचार-प्रसार से ही वेद की रक्षा संभव

ओ३म् =========== संसार में मनुष्य के लिये सबसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी वस्तु सद्ज्ञान है। सद्ज्ञान का पुस्तक केवल वेद ही है। वेद सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों के कल्याण के लिये परमात्मा से प्राप्त अत्यावश्यक सर्वांगीण ज्ञान है। मानव जाति का सौभाग्य है कि वेद आज भी सृष्टि के आदि स्वरूप में पूर्णतः सुरक्षित हैं। […]

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समाज

धर्म की रक्षा व पालन पोषण करना प्रत्येक सत्पुरुष का कर्तव्य है

ओ३म् ============ धर्म क्या है इसका ज्ञान देश देशान्तर के सभी मनुष्यों को नहीं है। अधिकांश लोग मत विशेष को ही धर्म मानते हैं। धर्म संस्कृत भाषा का शब्द है। यह शब्द किसी भी विदेशी भाषा में नहीं है। धर्म से कुछ मिलते जुलते विदेशी शब्द रिलीजन व मजहब आदि हैं परन्तु वह धर्म के […]

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राजनीति

देश के सभी नागरिकों का चरित्र निर्माण किए बिना देश उन्नति होना संभव नहीं

ओ३म =========== देश में भौतिक उन्नति की बातें बहुत की जाती है और कुछ सीमा तक देश में भौतिक उन्नति हुई भी है। परन्तु यह भी सच है कि इस उन्नति का लाभ देश के सभी नागरिकों को समान रूप से नहीं मिला। इसका प्रमुख कारण देश के नागरिकों का चरित्रवान न होना है। प्राचीन […]

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भारतीय संस्कृति

अचल व शांत आत्मा में परमात्मा समाहित व प्रकाशित रहता है

ओ३म =========== ईश्वर सृष्टिकर्ता है और वह जीवात्माओं को उनके कर्मानुसार भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म देकर सुख व दुःख का भोग कराता है। मनुष्य जन्म उन जीवात्माओं को मिलता है जिनके पूर्वजन्म के कर्म-संचय में आधे से अधिक पुण्य कर्म होते हैं। इसका अर्थ यह है कि यदि पाप कर्म आधे से कम हैं तो […]

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भारतीय संस्कृति

ईश्वर की उपासना का महत्व जाना है एवं इसका ज्ञान पूर्वक पालन करें

ओ३म् =========== उपासना क्या है और इसे क्यों करना चाहिये? उपासना करने के क्या लाभ हैं? यह विषय उपेक्षणीय नहीं है। उपासना पास बैठने को कहते हैं। हम अपनी माता की गोद में होते हैं तो हमें माता का स्नेह तथा उससे ज्ञान प्राप्त होता है। माता हमारी क्षुधा निवृति सहित सभी प्रकार से पोषण […]

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भारतीय संस्कृति

ईश्वर मेरे नेत्रों व हृदय की न्यूनताओं तथा मन की व्याकुलता को दूर करें

ओ३म् ============ चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद ईश्वर द्वारा सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को दिया गया वह ज्ञान है जिससे मनुष्य अपना समस्त जीवन ईश्वर की सच्ची उपासना एवं सत्कर्मों को करता हुआ व्यतीत कर सकता है। जीवन में सुखी, निरोग, दीर्घायु रहकर अपने परजन्म को […]

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भारतीय संस्कृति

दया को धारण करने से मनुष्य यशस्वी बनता है

ओ३म् ============ मनुष्य जिन गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने से मनुष्य कहा जाता है उनमें से एक गुण दया भी है। दया दूसरे मनुष्यों व प्राणियों पर दया, प्रेम, सहानुभूति, हित कामना रखने को कहते हैं। दया करना सह-अनुभूति प्रकट करना होता है तथा उसी के अनुरूप दूसरों की सहायता, सेवा-शुश्रुषा, दुःख निवारण […]

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