============ वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे प्राप्त होने वाले सुख व सुविधाओं का भोग करना बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अविद्यायुक्त संगठन व सम्प्रदाय अपने प्रसार की योजनायें […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
============ ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों से लाभ […]
============ ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों से लाभ […]
=========== एक साधारण मनुष्य भी सत्य को धारण कर महान कार्यों को करके यशस्वी बनने सहित समाज में मान-सम्मान पा सकता है। ऐसा ही एक व्यक्तित्व हुआ है जिसे बाबा मुकुन्दा, लाहौर के नाम से जाना जाता है। बाबा मुकुन्दा जी का परिचय ऋषिभक्त और आर्यसमाज के यशस्वी संन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी की श्री सुनील […]
=========== मनुष्य का जो ज्ञान होता है वह सत्य व असत्य दो कोटि का होता है। मनुष्य के कर्म भी दो कोटि यथा सत्य व असत्य स्वरूप वाले हाते हैं। अनेक स्थितियों में मनुष्य को सत्य को अपनाने से क्षणिक व सामयिक हानि होती दीखती है और असत्य का आचरण करने से लाभ होता दीखता […]
============ वेद ईश्वरीय ज्ञान होने के साथ धर्म और संस्कृति सहित सभी विद्याओं का आदि स्रोत भी है। वेद धर्म व संस्कृति विषयक पूर्ण ज्ञान प्रस्तुत करता है। वेदों की विद्यमानता में धर्म व संस्कृति के ज्ञान व उसके प्रचार व प्रचलन के लिये किसी अन्य ज्ञान की पुस्तक की आवश्यकता नहीं है। वेद नित्य […]
============ युवक व युवतियों के वैदिक विधि से विवाह होने से पति व पत्नी गृहस्थी कहलाते हैं। विवाह के बाद का जीवन गृहस्थ जीवन तथा इसे ही गृहाश्रम भी कहते हैं। गृहस्थाश्रम पर लोगों के तरह तरह के विचार हैं। कोई गृहाश्रम को अच्छा मानता है और ऐसे भी लोग हैं जो इस आश्रम को […]
=========== मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन प्राणी होने से प्रत्येक मनुष्य व इतर प्राणियों के शरीर में एक जैसी आत्मा का वास होता है। यह आत्मा अनादि, नित्य, अविनाशी, अजर व अमर सत्ता है। इसका आकार अत्यन्त सूक्ष्म एवं आंखों से न देखे जा सकने योग्य होता है। आत्मा से भी सूक्ष्म परमात्मा वा […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमें अपने धर्म व संस्कृति की शक्ति व सामथ्र्य का समय समय पर अध्ययन करते रहना चाहिये। हमारे सामने वर्तमान में मुख्य चुनौतियां क्या हैं?, इसका भी हमें ज्ञान होना चाहिये। हमारे धर्म व संस्कृति तथा इसके अनुयायियों के विरुद्ध देश व विश्व स्तर पर कहीं कोई साजिश तो नहीं हो […]
============ हमें अपने धर्म व संस्कृति की शक्ति व सामथ्र्य का समय समय पर अध्ययन करते रहना चाहिये। हमारे सामने वर्तमान में मुख्य चुनौतियां क्या हैं?, इसका भी हमें ज्ञान होना चाहिये। हमारे धर्म व संस्कृति तथा इसके अनुयायियों के विरुद्ध देश व विश्व स्तर पर कहीं कोई साजिश तो नहीं हो रही है, इसका […]