ओ३म् =================== वेद सृष्टि के प्राचीनतम ग्र्रन्थ हैं। वेदों के अध्ययन से ही मनुष्यों को धर्म व अधर्म का ज्ञान होता है जो आज भी प्रासंगिक एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। वर्तमान में संसार में जो मत-मतान्तर प्रचलित हैं वह सब भी वेद की कुछ शिक्षाओं से युक्त हैं। उनमें जो अविद्यायुक्त कथन व मान्यतायें हैं […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् =============== संसार में तीन अनादि तथा नित्य पदार्थ हैं। यह पदार्थ हैं ईश्वर, जीवात्मा तथा प्रकृति। ईश्वर सत्य चित्त आनन्दस्वरूप एवं सर्वज्ञ है। आत्मा सत्य, चेतन एवं अल्पज्ञ है। प्रकृति सत्य एवं जड़ सत्ता है। अनादि पदार्थ वह होते हैं जिनका अस्तित्व सदा से है और सदा रहेगा। इन्हें किसी अन्य सत्ता ने उत्पन्न […]
ओ३म् =========== मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसके पास विचार करने तथा सत्य व असत्य का निर्णय करने के लिए परमात्मा से बुद्धि प्राप्त है। जैसी मनुष्यों के पास मनन करने योग्य बुद्धि होती है वैसी मनुष्येतर प्राणियों के पास नहीं होती। इस कारण मनुष्य संसार में अन्य प्राणियों की तुलना में एक भाग्यशाली प्राणी […]
ओ३म् ============= वेद ईश्वर प्रदत्त सब सत्य विद्याओं का ज्ञान है जो सृष्टि की आदि में अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को प्राप्त हुआ था। इस सृष्टि को सर्वव्यापक, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान तथा सच्चिदानन्दस्वरूप आदि लक्षणों वाले परमात्मा ने ही बनाया है। उसी परमात्मा ने सभी वनस्पतियांे व ओषधियों सहित […]
ओ३म् =========== संसार में बहुत कम मनुष्य ऐसे हैं जो अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करते हैं। यदि वह ऐसा करते हैं और उन्हें सौभाग्य से कोई सद्गुरु या सत्साहित्य प्राप्त हो जाये, तो ज्ञात होता है कि हमें हमारा यह जन्म परमात्मा ने हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर शुभ व […]
ओ३म् ========== हमारा यह संसार प्रकृति से बना है। प्रकृति की संसार में स्वतन्त्र सत्ता है। इस अनादि व कारण प्रकृति को परमात्मा व अन्य किसी सत्ता ने नहीं बनाया है। इस प्रकृति का अस्तित्व स्वयंभू और अपने आप है। प्रकृति की ही तरह में संसार में ईश्वर व जीव भी दो इतर सत्य एवं […]
ओ३म् =========== सभी मनुष्य बुद्धि रखते हैं जो ज्ञान प्राप्ति में सहायक होने के साथ सत्य व असत्य का निर्णय कराने में भी सहायक होती है। एक ही विषय में अनेक मनुष्यों व आचार्यों के विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यह भी सत्य एवं प्रामणिक तथ्य है कि एक विषय में सत्य एक ही होता […]
ओ३म् ========== हमें ज्ञात है व ज्ञात होना चाहिये कि संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों का अस्तित्व है। यह तीन पदार्थ ईश्वर, जीव व प्रकृति हैं। ईश्वर व जीव सत्य एवं चेतन पदार्थ हैं। ईश्वर स्वभाव से आनन्द से युक्त होने से आनन्दस्वरूप है तथा जीव आनन्द व सुख से युक्त न होने […]
ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून महात्मा आनन्द स्वामी जी की प्रेरणा से बावा गुरुमुख सिंह, अमृतसर द्वारा स्थापित वैदिक ध्यान साधना का देश का प्रमुख केन्द्र व आश्रम है। लगभग 7 दशक पहले इस आश्रम की स्थापना हुई थी। इस आश्रम का स्वर्णिम अतीत है। हम इस आश्रम से सन् 1970 से एक […]
ओ३म् =========== आज का युग प्रचार का युग है। हमारे सिद्धान्त व विचारधारा भले ही सर्वोत्तम व मनुष्य की उन्नति में अद्वितीय व अपूर्व क्यों न हो, यदि इसका व्यापक रूप से प्रचार नहीं किया जायेगा तो इसके अनुयायियों की संख्या नगण्य ही रहेगी। यह हम सबका अनुभव है। हम देखते हैं संसार में अनेकानेक […]