ओ३म् ================ मनुष्य अपनी माता से इस संसार में जन्म लेता है। आरम्भ में शैशव अवस्था होती है। समय के साथ उसके शरीर व ज्ञान में वृद्धि होती है। वह माता की बोली को सुनकर उसे समझने लगता है व कुछ समय बाद बोलने भी लगता है। शैशव अवस्था बीतने पर किशोर व कुमार अवस्था […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् “मनुष्य निर्माण में माता, पिता तथा आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका” ============== परमात्मा की व्यवस्था से संसार में मनुष्य का जन्म माता व पिता के द्वारा होता है। माता के विचारों व स्वभाव का सन्तान के निर्माण व जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि माता अशिक्षित व धर्म विषयक ज्ञान से हीन है, तो […]
ओ३म् ================ मनुष्य इस संसार में भौतिक स्थूल पदार्थों, जो आकार वाले हैं, उन्हें ही अपनी आंखों से देख पाता है। सूक्ष्म भौतिक पदार्थ वायु, अग्नि, आकाश व गैस अवस्था में जल को भी हम इनके होते हुए भी नहीं देख पाते। अग्नि सभी पदार्थों में निहित व छिपी रहती है। बादलों में भी अग्नि […]
ओ३म् =============== मनुष्य का आत्मा अभौतिक पदार्थ है। आत्मा से इतर मनुष्य का शरीर भौतिक पदार्थों से बना होता है। मनुष्य शरीर को पांच भौतिक पदार्थों पृथिवी, अग्नि, वायु, जल एवं आकाश से बना होने के कारण पंचभौतिक शरीर कहते हैं। आत्मा पांच भूतों व पदार्थों से पृथक अनादि, नित्य तथा चेतन पदार्थ है। यह […]
ओ३म् =============== सूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […]
ओ३म् ================= मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके द्वारा हर क्षण वायु को प्रदूषित किया जाता है। वायु ही नहीं अपितु मनुष्य जिस स्थान पर रहता वहां भी अस्वच्छता व अपवित्रता उत्पन्न होती रहती है जिसे अनेक प्रकार से स्वच्छ व पवित्र किया जाता है। वायु मुख्यतः मनुष्य के श्वास लेने से अपवित्र होती है। […]
ओ३म् ========== महाभारत के बाद वेदों की रक्षा एवं प्रचार के लिये उत्तरादायी लोगों के आलस्य प्रमाद के कारण वेद विलुप्त हो गये थे और देश व समाज में वैदिक ज्ञान के विपरीत अन्धविश्वास तथा सामाजिक कुरीतियां आदि प्रचलित हो गईं थी। इसी कारण हमारा पतन व देश की पराधीनता जैसे कार्य हुए। ऋषि दयानन्द […]
ओ३म् ======== देहरादून निवासी श्री कृष्ण कान्त वैदिक शास्त्री वरिष्ठ वैदिक विद्वान हैं। आपने स्कूल वक कालेज की शिक्षा प्राप्त की और उसके आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च सरकारी पद संयुक्त कमिश्नर को सुशोभित किया। अपने सरकारी पद पर कार्य करते हुए उन्होंने संस्कृत व्याकरण का अध्ययन किया। सेवा निवृत्ति के बाद गुरुकुल […]
ओ३म ========== ऋषि दयानन्द को अपने बाल्यकाल में सच्चे ईश्वर की खोज तथा मृत्यु पर विजय प्राप्ति के उपाय जानने की प्रेरणा हुई थी। उन्हें इस सम्बन्ध में अपने किसी पारिवारिक सदस्य व विद्वानों से समाधान प्राप्त नहीं हुआ था। इन प्रश्नों के समाधान के लिये उन्होंने अपने पितृगृह को छोड़कर एक सच्चे धर्म जिज्ञासुकी […]
ओ३म् =========== संसार में अनेक मत-मतान्तर प्रचलित हैं। यह सब मत-मतान्तर ही हैं परन्तु इसमें धर्म वेदों से आविर्भूत सिद्धान्तों के पालन को ही कहते हैं। वेद क्या हैं? वेद ईश्वर से प्राप्त उस ज्ञान को कहते हैं जिसमें इस सृष्टि के प्रायः सभी रहस्यों जो मनुष्यों के जानने योग्य होते हैं तथा जिसे प्राप्त […]