Categories
आर्य समाज

आर्यसमाज वेदज्ञान से युक्त शुद्ध आचरण करने वाले मनुष्य का निर्माण करता है

देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के लिए […]

Categories
आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

पिछले पांच हजार वर्षों में दयानन्द के समान ऋषि नहीं हुआ

महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान-विज्ञान सहित देश की अखण्डता व स्थिरता की दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद ऋषि जैमिनी पर आकर देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई थी। ऋषि परम्परा का आरम्भ […]

Categories
आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानन्द के जीवन के अन्तिम प्रेरक शिक्षाप्रद क्षण

महर्षि दयानन्द की मृत्यु जोधपुर में वैदिक धर्म का प्रचार करते हुए उनके विरोधियों के षडयन्त्र के अन्तर्गत उन्हें संखिया जैसे विषैले पदार्थ का सेवन कराने से अजमेर में दीपावली 30 अक्तूबर, 1883 मंगलवार सायं लगभग 6:00 बजे हुई थी। मृत्यु के दिन मृत्यु से आधे घण्टे पूर्व की उनकी जीवन की प्रमुख घटनाओं का […]

Categories
आर्य समाज

आर्य समाज ईश्वरीय ज्ञान वेद का प्रचारक संसार का अद्वितीय संगठन है

संसार में अनेक संगठन है जिनके अपने-अपने उद्देश्य व लक्ष्य हैं तथा जिसे पूरा करने के लिये वह कार्य व प्रचार करते हैं। सभी संगठन या तो धार्मिक होते हैं या सामाजिक। इनसे इतर भी अनेक विषयों को लेकर अनेक संगठन बनाये जाते हैं। देश की रक्षा करने के लिये भी सभी देशों की सरकारें […]

Categories
आर्य समाज वेद

महर्षि दयानन्द की प्रमुख देन चार वेद और उनके प्रचार का उपदेश

महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार के लोग असत्य व अज्ञान के मार्ग पर चल रहे थे। उन्हें यथार्थ सत्य का ज्ञान नहीं था जिससे वह जीवन के सुखों सहित मोक्ष के सुख से भी सर्वथा अपरिचित व वंचित थे। महर्षि दयानन्द […]

Categories
आर्य समाज धर्म-अध्यात्म

अग्निहोत्र करने से परिवार ज्ञानवान् होकर सत्यमार्गानुगामी एवं निरोगी होता है

वैदिक धर्म एवं संस्कृति की विशेषता है कि इसके सब सिद्धान्त एवं मान्यतायें ज्ञानयुक्त होने सहित तर्क एवं युक्ति की कसौटी पर खरे हैं। वैदिक धर्म का पालन करते हुए सभी गृहस्थियों के लिए प्रतिदिन प्रातः एवं सायं अग्निहोत्र यज्ञ का विधान किया गया है। अग्निहोत्र का विधान प्रत्येक गृहस्थी मनुष्य का प्रमुख कर्तव्य होता […]

Categories
धर्म-अध्यात्म वेद

वेदों के आचरण से ही मनुष्य को अभ्युदय एवं निःश्रेयस प्राप्त होते हैं

हमें मनुष्य जीवन जन्म-जन्मान्तरों में दुःखों से सर्वथा निवृत्त होने के लिए एक अनुपम साधन मिला है। यह हमें परमात्मा द्वारा प्रदान किया गया है। माता-पिता, सृष्टि तथा समाज हमारे जन्म, इसके पालन व उन्नति में सहायक बनते हैं। हमें अपने जीवन के कारण व उद्देश्यों पर विचार करना चाहिये। इस कार्य में वेद व […]

Categories
आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महान आर्य संन्यासी स्वामी श्रद्धानन्द

वैदिक धर्म एवं संस्कृति के उन्नयन में स्वामी श्रद्धानन्द जी का महान योगदान है। उन्होंने अपना सारा जीवन इस कार्य के लिए समर्पित किया था। वैदिक धर्म के सभी सिद्धान्तों को उन्होंने अपने जीवन में धारण किया था। देश भक्ति से सराबोर वह विश्व की प्रथम धर्म-संस्कृति के मूल आधार ईश्वरीय ज्ञान ‘‘वेद” के अद्वितीय […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द को राष्ट्र कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाव-भरित श्रद्धांजलि

महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्र कवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर व उनके परिवार से उनके निवास पर मिले थे। आपका जन्म कोलकत्ता में 7 मई सन् 1861 को हुआ तथा मृत्यु भी कोलकत्ता में ही 7 अगस्त […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आदर्श, प्रेरक एवं अनुकरणीय जीवन

वैदिक धर्म एवं संस्कृति में मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जीवन आदर्श, अनुकरणीय एवं प्रेरक उदाहरणों से युक्त जीवन है। वह आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श राजा, आदर्श शत्रु, आदर्श मित्र, ईश्वर, वेद एवं ऋषि परम्पराओं को समर्पित, उच्च आदर्शों एवं चरित्र से युक्त महापुरुष व महामानव थे। त्रेता युग में चैत्र मात्र के […]

Exit mobile version