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पर्व – त्यौहार

“सृष्टि का आदर्श ”नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होता है”

ओ३म् ========= दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 अंग्रेजी वर्ष 2021 का अन्तिम दिवस है। अंग्रेजी वर्ष का प्रथम दिन 1 जनवरी ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार होता है। जनवरी के इस प्रथम दिन से कोई महत्वपूर्ण इतिहास जुड़ा हुआ नहीं है। सन् 1582 में यह ग्रेगोरियन कलेण्डर पोप ग्रेगोरी-13 द्वारा अस्तित्व में लाया गया था। ईसाईयों का […]

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आज का चिंतन

“यदि ईश्वर न होता तो क्या संसार का अस्तित्व होता?”

ओ३म् हमारे इस संसार में जन्म लेने से पूर्व से ही यह संसार इसी प्रकार व्यवस्थित रुप से चल रहा है। हमसे पूर्व हमारे माता-पिता, उससे पूर्व उनके माता-पिता और यही परम्परा सृष्टि के आरम्भ से चली आ रही है। इस परम्परा का आरम्भ कब व कैसे हुआ? इसका उत्तर है कि यह परम्परा इस […]

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आज का चिंतन

“वेदों का सत्यस्वरूप, ईश्वर विषयक वेद-विचार और ऋषि दयानन्द”

ओ३म् ========= यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ज्ञान होता है। अतः चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ज्ञान की पुस्तकें हैं। इन चारों वेदों पर ऋषि दयानन्द का आंशिक और अनेक आर्य वैदिक विद्वानों का सभी वेदों पर भाष्य वा टीकायें […]

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आज का चिंतन

“जीवन की सफलता हेतु वेदाध्ययन की आर्ष-शिक्षा पद्धति को अपनाना आवश्यक”

ओ३म् संसार में अनेक भाषायें हैं। इन भाषाओं की अपनी-अपनी व्याकरण प्रणालियां हैं। संसार की प्रथम भाषा संस्कृत है। संस्कृत का आरम्भ सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा के चार ऋषियों को वेद ज्ञान के उपदेश से हुआ। यह चार ऋषि थे अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा तथा यह उपदेश चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा […]

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आज का चिंतन

वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त सत्य नियमों पर आधारित यथार्थ दर्शन है”

ओ३म् ======= वैदिक धर्म सृष्टि का सबसे पुराना धर्म है। यह धर्म न केवल इस सृष्टि के आरम्भ से प्रचलित हुआ है अपितु इससे पूर्व जितनी बार भी प्रलय व सृष्टि हुई हैं, उन सब सृष्टि कालों में भी एकमात्र वैदिक धर्म ही पूरे विश्व में प्रवर्तित रहा है। इसका कारण यह है कि ईश्वर, […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “संसार के एक सर्वशक्तिमान राजा ईश्वर का कहीं कोई प्रतिद्वंदी नहीं है”

ओ३म हम इस ब्रह्माण्ड के असंख्य व अनन्त गृहों में से एक पृथिवी नामी ग्रह पर रहते हैं। इस ब्रह्माण्ड को सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, नित्य तथा सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने बनाया है और वही इसका संचालन वा पालन कर रहा है। ईश्वर के समान व उससे बड़ी उस जैसी कोई सत्ता नहीं है। उसका […]

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उगता भारत न्यूज़

-आर्यसमाज धामावाला देहरादून का वार्षिकोत्सव सोल्लास सम्पन्न- “अध्यात्म में यदि थोड़ा भी प्रवेश हो जाता है तो जीवन भर आनन्द आता हैः स्वामी सच्चिदानन्द”

ओ३म् ========= आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द के जीवनकाल में स्थापित समाज है। यह समाज सन् 1879 में स्थापित हुई थी। आज इस समाज का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव सोल्लास सम्पन्न हुआ। हम भी इस समारोह में सम्मिलित हुए। आरम्भ में समाज की यज्ञशाला में यज्ञ हुआ। यज्ञ के बाद जलपान एवं उसके बाद भजन एवं […]

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भारतीय संस्कृति

सन्तान के जीवन में माता-पिता का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है

ओ३म् हम संसार में अपनी अपनी माता के गर्भ से उत्पन्न हुए हैं वा हमने अपनी माता से जन्म लिया है। यदि माता न हो तो हम अपने जन्म की कल्पना भी नहीं कर सकते। परमात्मा ने इस सृष्टि को बनाया है और उसी ने इस माता-पुत्र के पवित्र सम्बन्ध को भी बनाया है। पिता […]

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आज का चिंतन

“हमारी सुरक्षा हमारी समान विचारधारा के लोगों के संगठित होने पर ही संभव”

ओ३म् मनुष्य मननशील प्राणी है। वह सभी विषयों पर विचार करता है और उन पर अपनी स्वतन्त्र सम्मति वा राय रखता है। वह अपने समान विचारों वाले लोगों को पसन्द करता है। परस्पर विरोधी विचारधारा वाले लोग एक-दूसरे को पसन्द नहीं करते व इस प्रकार सहयोग नहीं करते जैसे कि समान विचारधारा के लोग आपस […]

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आज का चिंतन

“नियमित स्वाध्याय सब मनुष्यों के जीवन का आवश्यक अंग होना चाहिये”

ओ३म् ========= मनुष्य की आत्मा अनादि, नित्य, अजर, अमर, सूक्ष्म, ससीम, जन्म-मरणधर्मा, कर्म के बन्धनो में बंधी हुई, वेद ज्ञान प्राप्त कर उसके अनुसार कर्म करते हुए मोक्ष को प्राप्त होने वाली एक चेतन सत्ता है। चेतन सत्ता में ज्ञान एवं प्रयत्न गुण होता है। जीवात्मा एकदेशी होने से अल्पज्ञ होता है। इसको सुख व […]

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