========== महर्षि दयानन्द एक पौराणिक पिता व परिवार में गुजरात प्रान्त के मौरवी जनपद के टंकारा नामक ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को जन्में थे। उनके पिता शिव भक्त थे। उनके परिवार के सभी सदस्य भी पौराणिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले जन्मना ब्राह्मण थे। स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम मूलजी व मूलशंकर […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
============= देश भर में व विदेश में भी जहां भारतीय आर्य हिन्दू रहते हैं, वहां कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपवली का पर्व मनाया जाता है। अमावस्या के दिन रात्रि में अन्धकार रहता है जिसे दीपमालाओं के प्रकाश से दूर करने का सन्देश दिया जाता है। इस दिन ऐसा क्यों किया जाता है, इसका […]
=========== ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चौथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम इस अध्याय से […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्य कहलाने का कारण परमात्मा द्वारा हमें बुद्धि व ज्ञान का दिया जाना तथा हमें उस ज्ञान को प्राप्त होकर मननपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्धारणकर उन्हें करना होता है। सभी मनुष्य ऐसा नहीं करते। देश व विश्व की अधिकांश जनता को यही नहीं पता कि मनुष्य, मनुष्य […]
============= हम इस संसार के पृथिवी नाम के एक ग्रह पर जन्में हैं, यहीं पले व बढ़े हैं तथा इसी में हमारी जीवन लीला समाप्त होनी है। हमारी यह सृष्टि आदि काल में, जिसे काल गणना के आधार पर 1 अरब 96 करोड़ 08 लाख 53 हजार 124 वर्ष पुराना माना जाता है, उत्पन्न हुई […]
============= वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में शुक्रवार, दिनांक 18-10-2024 से बालकों/युवकों के लिए एक नये गुरुकुल का शुभारम्भ किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हमें भी कुछ समय के लिए भाग लेने का अवसर मिला। आयोजन में आर्यसमाज के प्रसिद्ध नेता स्वामी आर्यवेश जी तथा विख्यात आर्य नेता एवं विद्वान् ऋषिभक्त […]
वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में शुक्रवार, दिनांक 18-10-2024 से बालकों/युवकों के लिए एक नये गुरुकुल का शुभारम्भ किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हमें भी कुछ समय के लिए भाग लेने का अवसर मिला। आयोजन में आर्यसमाज के प्रसिद्ध नेता स्वामी आर्यवेश जी तथा विख्यात आर्य नेता एवं विद्वान् ऋषिभक्त ठाकुर […]
============= महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ में सर्वव्यापक एवं सर्वातिसूक्ष्म व सर्वज्ञ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई-नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। […]
============= परमात्मा ने मनुष्य की जीवात्मा को मानव शरीर में किसी विशेष प्रयोजन से दिया है। पहला कारण है कि हमें अपना-अपना मानव शरीर व मानव जीवन अपने पूर्वजन्मों के कर्मों के आधार पर आत्मा की उन्नति व दुःखों की निवृत्ति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति के लिये जीवन में ज्ञान की प्राप्ति […]
=============== परमात्मा ने जीवात्मा को उसके पूर्वजन्म के कर्मानुसार मनुष्य जीवन एवं प्राणी योनियां प्रदान की हैं। हमारा सौभाग्य हैं कि हम मनुष्य बनाये गये हैं। मनुष्य के रूप में हम एक जीवात्मा हैं जिसे परमात्मा ने मनुष्य व अन्य अनेक प्रकार के शरीर प्रदान किये हैं। विचार करने पर ज्ञान होता है कि मनुष्य […]