ओ३म् ========= श्री प्रकाशचन्द्र कविरत्न जी आर्यसमाज के गीतकारों वा भजन लेखकों में अग्रणीय व एक प्रमुख गीतकार थे। उन्होंने अपने जीवन में सकैड़ों भजनों की रचना की। उनके सभी भजन उच्च कोटि के हैं जिन्हें शास्त्रीय संगीत की मधुर धुनों में प्रस्तुत किया जा सकता है। ‘वेदों का डंका आलम में बजवा दिया ऋषि […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् ========== हमें हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी से कुछ पुस्तकें प्राप्त हुई हैं जिनमें से एक पुस्तक ‘यज्ञ क्यों?’ है। ‘यज्ञ क्यों?’ पुस्तक में नाम के साथ बताया गया है कि यह पुस्तक तर्क की कसौटी पर अग्निहोत्र को प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक के लेखक हैं श्री गजानन्द आर्य, पूर्व प्रधान, परोपकारिणी सभा, […]
ओ३म् ========= मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह अकेला रहकर अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकता। इसे सज्जन पुरुषों की संगति तो अवश्य ही करनी होती है। ऐसा करके ही यह उनसे कुछ सद्गुणों को ग्रहण कर अपने जीवन को संवार सकता है। जिस मनुष्य के जीवन में सद्गुण नहीं होते, उस जीवन की कोई […]
ओ३म् ========== संसार में इस समय छोटे व बड़े 195 देश हैं। इन सभी देशों में सबसे पुराना देश कौन सा है? इसका उत्तर है कि वर्तमान का भारत देश जिसका प्राचीन नाम आर्यावर्त है, वह हमारी पृथिवी का सबसे प्राचीन देश है। हमारा यह भारत संसार में सबसे प्राचीन देश किस आधार पर है, […]
ओ३म् =========== आर्यसमाज ईश्वरीय ज्ञान वेद के प्रचार एवं प्रसार का आन्दोलन है। ऋषि दयानन्द ने लिखा है कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद,सामवेद एवं अथर्ववेद ईश्वरीय भाषा, जो संसार की आदि भाषा भी है, उस भाषा संस्कृत में हैं। वेदज्ञान मुनष्य को अन्धकार से निकाल कर ज्ञान से […]
========== आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती वेदों के उच्च कोटि के विद्वान एवं सिद्ध योगी थे। योग में सफलता, वेदाध्ययन व वेदज्ञान के कारण उन्हें सत्यासत्य का विवेक प्राप्त हुआ था। वह ईश्वर के वैदिक सत्यस्वरूप के जानने वाले थे। वेदों में सभी सत्य विद्यायें हैं। इन सब सत्य विद्याओं का ज्ञान भी उनको […]
चार वेदों पर काव्यार्थ लिख रहे आर्य वेद-कवि श्री वीरेन्द्र कुमार राजपूत, देहरादून की दो निजी कवितायें प्रस्तुत हैं। यह कवितायें उन्होंने कुछ अन्य कविताओं के साथ अपनी निजी डायरी में लिखी हुई हैं। वह हमसे प्यार करते हैं। इसी कारण उन्होंने हमें वह कवितायें दिखाईं व सुनाईं भी। हमें ये कवितायें अच्छी लगीं। अतः […]
“स्वाध्याय का महत्व”
ओ३म् ========== मनुष्य जीवन और इतर प्राणियों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अन्तर यह है कि मनुष्य अपनी बुद्धि की सहायता से विचार व चिन्तन सहित सत्यासत्य का निर्णय करने व अध्ययन-अध्यापन करने में समर्थ है जबकि अन्य प्राणियों को ईश्वर ने मनुष्यों के समान बुद्धि नहीं दी है। मनुष्यों को दो प्रकार का ज्ञान […]
श्री वीरेन्द्र राजपूत उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून नगर व राजधानी में निवास करते हैं। श्री वीरेन्द्र राजपूत जी ने वेदों का काव्यानुवाद किया है। इन्होंने यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का काव्यानुवाद का कार्य पूर्ण कर लिया है।यह सभी काव्यानुवाद अनेक खण्डों में उनकी ओर से एव कुछ आर्य संस्थाओं की ओर से प्रकाशित किए जा […]
ओ३म् ========= दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 अंग्रेजी वर्ष 2021 का अन्तिम दिवस है। अंग्रेजी वर्ष का प्रथम दिन 1 जनवरी ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार होता है। जनवरी के इस प्रथम दिन से कोई महत्वपूर्ण इतिहास जुड़ा हुआ नहीं है। सन् 1582 में यह ग्रेगोरियन कलेण्डर पोप ग्रेगोरी-13 द्वारा अस्तित्व में लाया गया था। ईसाईयों का […]