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पुस्तक समीक्षा

“महत्वपूर्ण पुस्तक विश्व की वैदिक चेतना”

ओ३म् ========== हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी की ओर से समय-समय से महत्वपूर्ण वैदिक साहित्य का प्रकाशन किया जाता रहता है। ऐसा ही एक प्रकाशन ‘‘विश्व की वैदिक चेतना” है। इस पुस्तक के लेखक श्री नवकान्त शर्मा, ग्वालियर हैं। पुस्तक के लिए प्रकाशक महोदय से उनके पते ‘हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन […]

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धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “जीवात्माओं के शरीरों की आकृति व सामर्थ्य में भेद का कारण”

ओ३म् ========== जीवात्मा जन्म-मरणधर्मा है। ईश्वर की व्यवस्था से इसे अपने पूर्वजन्मों के कर्मानुसार जाति, आयु व भोग प्राप्त होते हैं। इन तीनों कार्यों को प्राप्त करने में यह परतन्त्र है। जीव मनुष्य योनि में जन्म लेने के बाद कर्म करने में तो स्वतन्त्र है परन्तु उनके फल इसे ईश्वर की व्यवस्था से मिलते हैं […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

-ऋषिभक्त विद्वान श्री चमनलाल रामपाल जी को श्रद्धांजलि- “देश धर्म की उन्नति के लिए समर्पित होकर प्रचार किया ऋषिभक्त चमनलाल रामपाल जी ने”

ओ३म् ========== (दिनांक 2-3-2022 को कुरुक्षेत्र में अपने पुत्र के निवास पर दिवंगत हुए श्री चमनलाल जी पर हमने यह लेख दिनांक 16-10-2020 को लगभग 1 वर्ष 4 माह पूर्व लिखा था। आज इस लेख को दिवंगत आत्मा को अपनी श्रद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। -मनमोहन आर्य) आर्यसमाज का आठवां नियम है […]

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उगता भारत न्यूज़

महत्वपूर्ण भजनों की पुस्तक ‘अवसरानुकूल भजन’

ओ३म् =========== हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी की ओर से ‘अवसरानुकूल भजन’ पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। पुस्तक की संकलनकत्र्री बहिन मिथलेश आर्या हैं। प्रकाशक महोदय का डाक से सम्पर्क करने का पता है: हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन कन्या महाविद्यालय मार्ग, स्टेशन रोड, हिण्डौन सिटी (राजस्थान)-322230। प्रकाशक महोदय ऋषिभक्त श्री […]

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उगता भारत न्यूज़

“ऋषि-बोधोत्सव पर ऋषि जन्मभूमि टंकारा में ऋग्वेद-पारायण-यज्ञ आदि कार्यक्रम संपन्न”

ओ३म ========= ऋषि दयानन्द को अपने बाल्यकाल में शिवरात्रि पर्व पर सन् 1839 में अपने गृह स्थान टंकारा के शिव मन्दिर में बोध हुआ था। टंकारा में ऋषि जन्म भूमि न्यास संचालित है जहां प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के दिन ऋषि बोध पर्व का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में हमें भी अनेक बार जाने […]

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Uncategorised

“ऋषि-बोधोत्सव पर ऋषि दयानन्द जी को सादर नमन”

ओ३म् ========== आज मंगलवार दिनांक 1 मार्च, 2022 को ‘ऋषि-बोधोत्सव’ का पर्व आर्यसमाजों व आर्य संस्थाओं में सर्वत्र मनाया जा रहा है। आज से 183 वर्ष पूर्व टंकारा के एक शिवमन्दिर में शिवरात्रि का व्रत-उपवास करते हुए ऋषि दयानन्द को चूहे की एक घटना से बोध प्राप्त हुआ था। उन्हें बोध हुआ था कि मन्दिर […]

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“ऋषि दयानन्द की 197वीं जयन्ती पर उनको सादर नमन। उनकी शिक्षाओं के आचरण से ही धर्म, संस्कृति एवं मानवता सुरक्षित रह सकती है”

ओ३म् ============= आज दिनांक 26 फरवरी को हिन्दी तिथि के अनुसार ऋषि दयानन्द जी महाराज का 197वां जन्मदिवस है। ऋषि दयानन्द जी ने विलुप्त वेदों व वैदिक ज्ञान का पुनरुद्धार किया था। विलुप्त वेद संहिताओं को प्राप्त किया था और उन्हें उनके सत्य अर्थों सहित वेदार्थ को जनसामान्य तक पहुंचाया था। उन्हीं की कृपा से […]

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पुस्तक समीक्षा

“आर्यसमाज के भजनों की महत्वपूर्ण पुस्तक त्रिवेंणी भजन सरिता”

ओ३म् ========== आर्यसमाज के भजनों की एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘त्रिवेंणी भजन सरिता’ ‘हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी-322230 (राजस्थान)’ से प्रकाशित की गई है। डेमी आकार में 56 पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य 20.00 रुपये है। पुस्तक की प्राप्ति के लिये श्री प्रभाकरदेव आर्य, हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन कन्या महाविद्यालय मार्ग, […]

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साक्षात्‍कार

“शास्त्रार्थ महारथी एवं वेद प्रचारक विद्वान पं. बिहारीलाल शास्त्री, बरेली”

ओ३म् ======== फाल्गुन शुक्ला तृतीया सम्वत् 1947 विक्रमी आर्यसमाज के समर्पित विद्वान, प्रचारक एवं शास्त्रार्थ महारथी पं. बिहारीलाल शास्त्री, बरेली जी का 132 वां जन्म दिवस है। इस वर्ष यह दिवस दिनांक 5 मार्च, 2022 को पड़ रहा है। शास्त्री जी के विषय में हमें शीर्ष वैदिक विद्वान रहे डा. भवानीलाल भारतीय जी रचित आर्य […]

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पुस्तक समीक्षा

“महत्वपूर्ण पुस्तक ‘आर्य सिद्धान्त विमर्श’ का नवीन संस्करण उपलब्ध”

ओ३म् ======== आर्यसमाज चार वेदों को ईश्वरीय ज्ञान मानता है और इसके प्रचार के लिए वेदभाष्य, ऋषिप्रणीत ग्रन्थ दर्शन, उपनिषद्, मनुस्मृति, ब्राह्मण ग्रन्थ, रामायण, महाभारत सहित ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों एवं इतर वेदानकूल ग्रन्थों का प्रचार करता है जो ऋषि दयानन्द से पूर्व व उनके अनुयायी विद्वानों ने समय-समय पर लिखे व […]

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