========= आर्यसमाज में साप्ताहिक, पाक्षिक तथा मासिक रूप से अनेक पत्र पत्रिकायें प्रकाशित होती है जिनमें स्वाध्याय की महत्वपूर्ण सामग्री का प्रकाशन किया जाता है। जनज्ञान भी एक ऐसी ही मासिक पत्रिका है जिसका प्रकाशन विगत 57 वर्षों से हो रहा है। इस पत्रिका का अगला अंक 58वे वर्ष का प्रथम अंक होगा। जनज्ञान मासिक […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् हम वर्ष 2018 के परोपकारिणी सभा के उत्सव ऋषि मेले में देहरादून निवासी वैदिक विद्वान डा. कृष्णकान्त वैदिक जी के साथ गये थे। वहां हमने अनेक विद्वानों सहित आचार्य सत्यानन्द वेदवागीश जी के भी दर्शन किये थे। वहां एक दिन आचार्य जी की पुस्तक ‘दयानन्द-दृष्टान्त-निधिः’ निःशुल्क वितरित की गई थी। इसकी एक प्रति हमारे […]
ओ३म् =========== स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ईश्वर एवं वेद भक्त, ऋषिभक्त, आदर्श साधक, यज्ञ एवं सद्धर्म प्रचार के लिए समर्पित, निष्ठावान व प्रेरणादायक व्यक्तित्व के धनी पावन जीवन के धनी विद्वान संन्यासी हैं। आपका जीवन सतत् साधना एवं तप का जीवन्त उदाहरण है। आप तन, मन व धन से वैदिक धर्म एवं आर्यसमाज के लिए […]
ओ३म् ========== मनुष्य जानता है कि वह ज्ञान एवं शारीरिक बल की दृष्टि से अपूर्ण वा अल्प सामर्थ्य वाला है। उसे अपने कार्यों को पूरा करने में दूसरे मनुष्यों की सहायता लेनी पड़ती है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जहां मनुष्यों की सहायता से काम नहीं चलता क्योंकि मनुष्य वह कार्य नहीं कर सकते […]
ओ३म् ========= दयानन्द सन्देश मासिक पत्रिका आर्यजगत में सिद्धान्तों की पोषक एक प्रमुख पत्रिका है। हम इसके आरम्भ काल से ही पाठक व सदस्य रहे हैं। इस पत्रिका का नवम्बर-दिसम्बर, 1976 संयुक्तांक एक विशेषांक के रूप में प्रकाशित हुआ था जिसका शीर्षक था ‘वेदार्थ-समीक्षा’। यह भी बता दें कि इस पत्रिका का प्रकाशन महान ऋषिभक्त […]
ओ३म् ========= पं. लोकनाथ तर्कवाचस्पति जी मूलतः सिंध प्रान्त के निवासी थे, परन्तु आपका प्रचार क्षेत्र पंजाब रहा। आप आर्य प्रादेशिक सभा पंजाब के उपदेशक भी रहे। वह अद्वितीय व्याख्याता, तर्कनिष्णात शास्त्रार्थ महारथी तथा कर्मकाण्ड प्रेमी भावुक विद्वान् थे। आपने पौराणिकों तथा अन्य विधर्मी विद्वानों से अनेक शास्त्रार्थ किये। पौराणिक आस्थाओं पर इनके प्रहार बड़े […]
ओ३म् ========== वर्ण व्यवस्था के सम्बन्ध में कहा जाता है कि संसार के तीन प्रमुख शत्रु हैं। प्रथम अज्ञान व अविद्या, दूसरा अन्याय, शोषण वा अत्याचार आदि और तीसरा अभाव। अज्ञान व अविद्या दूर करना ब्राह्मण का दायित्व होता है और अन्याय व अभाव को दूर करना क्षत्रिय तथा वैश्य का कर्तव्य होता है। अज्ञान […]
ओ३म् =========== आज दिनांक 10 अप्रैल, 2022 को दो महनीय पर्व रामनवमी एवं आर्यसमाज स्थापना दिवस हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम वैदिक धर्म एवं संस्कृति के आदर्श महान् पुरुष, रक्षक एवं प्रहरी हैं। उनका जीवन सभी मनुष्यों व संसार के लिए प्ररेक एवं अनुकरणीय है। वाल्मीकि रामायण के अनुरूप उनका जीवन सब मनुष्यों के अध्ययन […]
ओ३म् ======== मनुष्य संसार में जन्म लेता है, शिशु से किशोर, युवा, प्रौढ़ व वृद्ध होकर किसी रोग व अचानक दुर्घटना आदि से मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। वैदिक ग्रन्थों में मृत्यु का कारण जन्म को बताया गया है। यदि हमारा जन्म ही न हो तो हमारी मृत्यु नहीं हो सकती। यदि जन्म हुआ […]
ओ३म् ========== आज नव सृष्टिसंवत् एवं विक्रमी संवत्सर आरम्भ हुआ है। हमारे पास समय की अवधि की जो गणनायें हैं वह दिन, सप्ताह, माह व वर्ष में होती हैं। यदि सृष्टि की उत्पत्ति, मानवोत्पत्ति अथवा वेदोत्पत्ति का काल जानना हो तो वह वर्षों में बताया जाता हैै। वैदिक गणनाओं में वर्ष की अवधि सामान्यतः 360 […]