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पुस्तक समीक्षा

स्वामी अच्युतानन्द सरस्वती रचित पुस्तक चतुर्वेद-शतकम् का परिचय”

ओ३म् ========= हमारे पुस्तक संग्रह में ‘चतुर्वेद शतकम्’ नामक पुस्तक के दो संस्करण हैं। इसका पुराना संस्करण ‘वेद ज्योति’ नाम से प्रकाशित हुआ था जिसमें चारों वेद से 100 मन्त्रों का चयन कर मन्त्र के पदार्थ एवं भावार्थ दिये गये हैं। इसका प्रथम संस्करण सम्वत् 2026 विक्रमी अर्थात् लगभग सन् 1970 में प्रकाशित हुआ था। […]

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आज का चिंतन

“ईश्वर में निहित वेदों का ज्ञान आदि सृष्टि में ईश्वर से ऋषियों को मिला”

ओ३म् ========= वेद ज्ञान को कहते हैं। वेद इस सृष्टि के आदि काल में प्राप्त ज्ञान हैं। यह संहिता रूप में है जो आज भी उपलब्ध हैं। अनुमान है कि चार वेदों के हिन्दी भाष्य प्रायः सभी सक्रिय आर्य समाज के सदस्यों के पास उपलब्ध हैं। प्रश्न है कि वेदों के ज्ञान को किसने कब […]

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आज का चिंतन

देह-दान संकल्पित श्री सुशील भाटिया जी और उनका देह-दानी परिवार”

ओ३म् =========== देहरादून में तपोवन के नाम से प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम, नालापानी रोड में हमें लगभग प्रत्येक वर्ष एक ऐसे दानी परिवार के सदस्यों से मिलने का सौभाग्य मिलता है जो न केवल अर्थ दान ही करते हैं अपितु जिनके सभी सदस्यों, 8 भाई-बहिनों, ने अपनी अपनी मृत्यु होने पर अपने पूरे शरीर व […]

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उगता भारत न्यूज़

आर्य जगत के महान समाजसेवी पंडित जोखूराम मिश्र जी की स्मृति में प्रेरणा सभा का आयोजन- “आर्य समाज के सच्चे कार्यकर्ता थे पण्डित जोखूराम – डॉ. वेद प्रताप वैदिक”

……… अध्यात्म पथ पत्रिका एवं भारत उदय परिषद के संयुक्त तत्वावधान में पण्डित जोखूराम मिश्र की स्मृति में स्मारक प्रेरणा सभा का ऑनलाइन बेबिनार आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डाँ० वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि अमेठी उतर प्रदेश के गाँव मे एक ब्राह्मण (मिश्र गौतम गोत्र) कुल मे उत्पन्न दिल्ली […]

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आज का चिंतन

वेदों का आविर्भाव कब, कैसे व क्यों हुआ?”

ओ३म् ======== संसार में जितने भी पदार्थ है उनकी उत्पत्ति होती है और उत्पत्ति में कुछ मूल कारण व पदार्थ होते हैं जो अनुत्पन्न वा नित्य होते हैं। इन मूल पदार्थों की उत्पत्ति नहीं होती, वह सदा से विद्यमान रहते हैं। उदाहरण के लिए देखें कि हम चाय पीते हैं तो यह पानी, दुग्ध, चीनी […]

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आज का चिंतन

“हमारी जीवन यात्रा दीर्घजीवी व सुखद तब बनती है जब हम वेद के पथ पर चलते हैं: आचार्य डा. धनंजय आर्य”

ओ३म् -हमारे 5 दशक पुराने मित्र के विवाह की स्वर्ण जयन्ती पर गुरुकुल में यज्ञ- ========== आज हमारे मित्र एवं आर्यसमाज के अनुयायी श्री महीपाल शर्मा जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कुन्ता शर्मा जी के विवाह की पचासवीं वर्षगांठ हैं। इस अवसर पर श्री शर्मा जी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ देहरादून के […]

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आज का चिंतन

आर्यसमाज-लक्ष्मण चौक में विवाह की स्वर्णजयन्ती पर आयोजन- “आर्य भजनोपदेशक सत्यपाल सरल सब भजनोपदेशकों में वरिष्ठ एवं आर्यसमाज के गौरव हैं: स्वामी आर्यवेश”

ओ३म् ========= शुक्रवार दिनांक 20-5-2022 को आर्यसमाज के प्रसिद्ध भजनोपदेशक श्री सत्यपाल सरल जी के विवाह के 50 वर्ष पूरे होने पर देहरादून के आर्यसमाज लक्ष्मणचैक में यज्ञ एवं सत्संग का विशेष आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अनेक गुरुकुलों के संस्थापक स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती, सार्वदेशिक प्रतिनिधि के सभा प्रधान स्वामी आर्यवेश जी, स्वामी आदित्यवेश […]

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आज का चिंतन

यदि वेदों के आधार पर देश चलता तो कल्याण होताः आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ”

ओ३म् -वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव का समापन समारोह- =========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के समापन कार्यक्रम में आगरा से पधारे वैदिक विद्वान पं. उमेश चन्द्र कुलश्रेष्ठ जी का व्याख्यान हुआ। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द महाभारत युद्ध के बाद भारत में आये। महाभारत के बाद […]

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आज का चिंतन

वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के पांच दिवसीय उत्सव सोल्लास सम्पन्न- “हमें युवावर्ग को आर्यसमाज में बुलाकर उनके प्रश्नों व जिज्ञासाओं का समाधान करना चाहियेः आचार्य आशीष दर्शनाचार्य”

ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के दिनांक 15-5-2022 को सम्पन्न हुए समापन समारोह में प्रसिद्ध विद्वान आचार्य आशीष दर्शनाचार्य जी सहित अनेक विद्वानों के व्याख्यान हुए। आचार्य आशीष दर्शनाचार्य जी ने अपने व्याख्यान के आरम्भ में कहा कि जब हिन्दू सोता है तो आर्यसमाज बचाता है। प्रश्न यह है […]

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आज का चिंतन

हिन्दू समाज पर जब भी कोई संकट आया है, आर्यसमाज ने आगे आकर हिन्दुओं का साथ दिया है : डॉ वागीश आर्य

ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के दिनांक 11-5-2022 से 15-5-2022 तक आयोजित पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव के समापन आयोजन में आर्यजगत् के शीर्ष विद्वान डा. वागीश आर्य जी का सम्बोधन हुआ। उन्होंने अपना सम्बोधन एक वेदमन्त्र बोलकर आरम्भ किया। अपने सम्बोधन के आरम्भ में उन्होंने प्रश्न किया कि आर्य और हिन्दू शब्द में क्या […]

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