ओ३म् =========== गुरुकुल एक लोकप्रिय शब्द है। यह वैदिक शिक्षा पद्धति का द्योतक शब्द है। वैदिक धर्म व संस्कृति का आधार ग्रन्थ वेद है। वेद चार हैं जिनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद हैं। यह चार वेद सृष्टि के आरम्भ में सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, अनन्त, न्यायकारी, सृष्टिकर्ता और जीवों को उनके […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
======== महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार के लोग असत्य व अज्ञान के मार्ग पर चल रहे थे। उन्हें यथार्थ सत्य का ज्ञान नहीं था जिससे वह जीवन के सुखों सहित मोक्ष के सुख से भी सर्वथा अपरिचित व वंचति थे। महर्षि […]
ओ३म् ========= परम पिता परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्यों के पूवर्जों को वेदों का ज्ञान दिया था और आज्ञा की थी कि जीवात्मा व जीवन के कल्याण के लिए संसार की प्रथम वैदिक संस्कृति को अपनाओं व धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के मार्ग का अनुसरण करो। इस मार्ग पर […]
“सोम प्रभु की महिमा”
ओ३म् ======= त्वं सोम क्रतुभिः सुक्रतुर्भूस्, त्वं दक्षैः सुदक्षो विश्ववेदाः। त्वं वृषा वृषत्वेभिर्महित्वा, द्युम्नेभिर् द्युम्न्यभवो नृचक्षाः।। ऋग्वेद 1.91.2 ऋषिः गोतमः राहूगणः। देवता सोमः। छन्दः पंक्ति।। (सोम) हे जगदुत्पादक तथा शुभगुणप्रेरक परमात्मन्! (त्वं) तू (क्रतुभिः) प्रज्ञाओं और कर्मों से (सुक्रतुः) सुप्रज्ञ और सुकर्मा (भूः) हुआ है। (विश्ववेदाः) सर्वव्यापक तथा सर्वज्ञ (त्वं) तू (दक्षैः) दक्षताओं एवं बलों […]
ओ३म् ========= अध्यात्म पथ मासिक पत्रिका द्वारा ऑनलाइन जूम पर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आर्य विद्वान आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री के संयोजन व संचालन में आयोजित चतुर्दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेद सम्मेलन का आयोजन किया गया। ’पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार’ के प्रति-उपकुलपति मुख्यवक्ता प्रो0 डा0 महावीर अग्रवाल जी ने कहा कि वेदों में राष्ट्रोन्नति का चिन्तन वेदों के दीवाने ऋषिवर […]
(27 जून को स्मृति दिवस पर प्रकाशित) पं. गणपति शर्मा जी का जन्म राजस्थान के चुरु नामक नगर में सन् 1873 में श्री भानीराम वैद्य जी के यहां हुआ था। आप पाराशर गोत्रीय पारीक ब्राह्मण थे। आपके पिता ईश्वर के सच्चे भक्त व उपासक थे। पिता का यही गुण उनके पुत्र गणपति शर्मा में भी […]
ओ३म् ========= अध्यात्म पथ मासिक पत्रिका द्वारा ऑनलाइन जूम पर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आर्य विद्वान आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री के संयोजन व संचालन में आयोजित चतुर्दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेद सम्मेलन का आयोजन किया गया। ’पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार’ के प्रति-उपकुलपति मुख्यवक्ता प्रो0 डा0 महावीर अग्रवाल जी ने कहा कि वेदों में राष्ट्रोन्नति का चिन्तन वेदों के दीवाने ऋषिवर […]
ओ३म् ========= श्रीमद्दयानन्द ज्यातिर्मठ आर्ष गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून में दिनांक 2-6-2018 को तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के प्रातःकालीन सत्र में गो-कृष्यादि रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में आर्य प्रतिनिधि सभा, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मंत्री स्वामी कीर्तिशेष स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती जी का प्रभावशाली सम्बोधन हुआ था। अपने व्याख्यान में उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण विषयों […]
ओ३म् ========= ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में एक मन्त्र आता है जिसमें वैदिक नारी के छः भूषणों का उल्लेख वा वर्णन है। हम इस मन्त्र व इस पर आर्यजगत के कीर्तिशेष संन्यासी स्वामी विद्याननन्द विेदेह जी के पदार्थ व व्याख्या को प्रस्तुत कर रहे हैं। मन्त्र निम्न हैः इमा नारीरविधवाः सुपत्नीरांजनेन सर्पिषा सं विशन्तु। अनश्रवोऽनमीवाः सुरत्ना […]
ओ३म् ========= ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में एक मन्त्र आता है जिसमें वैदिक नारी के छः भूषणों का उल्लेख वा वर्णन है। हम इस मन्त्र व इस पर आर्यजगत के कीर्तिशेष संन्यासी स्वामी विद्याननन्द विेदेह जी के पदार्थ व व्याख्या को प्रस्तुत कर रहे हैं। मन्त्र निम्न हैः इमा नारीरविधवाः सुपत्नीरांजनेन सर्पिषा सं विशन्तु। अनश्रवोऽनमीवाः सुरत्ना […]