Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्यसमाज के महाधन- “संघर्ष एवं विद्वता से युक्त महनीय जीवन स्वामी विद्यानन्द सरस्वती”

ओ३म् ============= स्वामी विद्यानन्द सरस्वती जी आर्यसमाज वा वैदिक धर्म के एक ऐसी मनीषी संन्यासी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन आर्यसमाज के किसी बड़े पद पर न होते हुए भी समाज को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया एवं वैदिक साहित्य के प्रणयन के क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य किया। उनका जीवन न केवल साधारण अपितु आर्यजगत के […]

Categories
इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ओ३म् -पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी की 155 जयन्ती पर- “वेद मनीषी पं. गुरुदत्त विद्यार्थी का जीवन और कार्य”

-लेखक: डा. भवानीलाल भारतीय। (आगामी दिनांक 26-4-2023 को ऋषि दयानन्द के प्रमुख भक्त वेद मनीषी पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी की 155वी जयन्ती है। इस अवसर पर हम उनका भावपूर्ण स्मरण करते हैं और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। पं. जी की जयन्ती पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित ऋषि दयानन्द के जीवन एवं साहित्य […]

Categories
आज का चिंतन

ओ३म् “मनुष्य का कर्तव्य”

======== मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मनन का अर्थ है किसी विषय पर उसके सत्य एवं असत्य, उपयोगी एवं अनुपयोगी तथा सार्थक एवं निरर्थक आदि सभी पक्षों पर विचार करना। जब हम मनुष्य के कर्तव्य पर विचार करते हैं तो हमें यह ज्ञात होता है कि हमें अपने आप को और संसार को तथा […]

Categories
आज का चिंतन

आर्यसमाज धामावाला-देहरादून का रविवारीय सत्संग- “मनुष्य को सुकर्मों को करने में देरी नहीं करनी चाहियेः आचार्य डा. सत्यदेव निगमालंकार” ==========

ओ३म् हम दिनांक 23-4-2023 को आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के साप्ताहिक रविवारीय सत्सग में सम्मिलित हुए। हम जब आर्यसमाज पहुंचे तो वहां आर्यसमाज के पुरोहित पं. विद्यापति शास्त्री जी सत्यार्थप्रकाश के चौदहवें समुल्लास का पाठ कर रहे थे। इससे पूर्व प्रातः 8.00 बजे से आरम्भ सामूहिक यज्ञ आर्यसमाज की यज्ञशाला में सम्पन्न किया जा चुका था। […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्य सुधारक थे महात्मा बुद्ध”

ओ३म् ========= बौद्ध मत के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के बारे में यह माना जाता है कि वह आर्य मत वा वैदिक धर्म के आलोचक थे एवं बौद्ध मत के प्रवर्तक थे। उन्हें वेद विरोधी और नास्तिक भी चित्रित किया जाता है। हमारा अध्ययन यह कहता है कि वह वेदों को मानते थे तथा ईश्वर व […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महात्मा बुद्ध ईश्वर में विश्वास रखने वाले आस्तिक थे’

ओ३म् =========== महात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के एक महान विद्वान पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘‘बौद्धमत एवं वैदिक धर्म” में लिखते हैं कि आजकल जो लोग अपने को बौद्धमत का अनुयायी कहते हैं उनमें बहुसंख्या ऐसे लोगों की है जो […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

प्रज्ञाचक्षु ब्रह्मचारी बालकराम जयन्ती समारोह आयोजित- “वेदमार्ग पर चल कर ही संसार का कल्याण होगाः आचार्या डा. अन्नपूर्णा”

ओ३म् =========== ब्रह्मचारी बालकराम प्रज्ञाचक्षु जी (1915-1968) की 108 वीं जयन्ती सोमवार दिनांक 10 अप्रैल, 2023 को वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में ब्रह्मचारी जी के परिवार एवं समाज के लोगों द्वारा भव्य रूप में मनाई गई। इस अवसर पर द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, देहरादून की आचार्या डा. अन्नपूर्णा जी के ब्रह्मत्व में तीन कुण्डीय […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

आर्य सुधारक थे महात्मा बुद्ध”

ओ३म् -मन मोहन कुमार आर्य, देहरादून। बौद्ध मत के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के बारे में यह माना जाता है कि वह आर्य मत वा वैदिक धर्म के आलोचक थे एवं बौद्ध मत के प्रवर्तक थे। उन्हें वेद विरोधी और नास्तिक भी चित्रित किया जाता है। हमारा अध्ययन यह कहता है कि वह वेदों को मानते […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

सत्यार्थप्रकाश पढ़कर मनुष्य सत्यासत्य को जानने में समर्थ हो जाता हैः डा. योगेश शास्त्री”

ओ३म् -आर्यसमाज धामावाला, देहरादून का रविवारीय सत्संग- ========== आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के आज दिनांक 2-4-2023 के रविवासरीय सत्संग में गुरुकुल कांगड़ी से पधारे विद्वान डा. योगेश शास्त्री जी का व्याख्यान हुआ। उन्होंने कहा कि संगीत वही है जिसके सुनने से मनुष्य आनन्दविभोर हो जाये। आचार्य जी ने ऋषि दयानन्द के ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्य भूमिका, संस्कारविधि […]

Categories
भारतीय संस्कृति

विक्रमी संवत् 2079 एवं सृष्टि संवत् 1,96,08,53,123 का आज अन्तिम दिन, कल से नये संवत्सरों का आरम्भ”

ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आज दिनांक 21-3-2023 विक्रमी सम्वत् 2079 का अन्तिम दिवस है। कल से नया विक्रमी संवत् 2080 आरम्भ हो रहा है। इसी प्रकार से आज सृष्टि के आरम्भ वा प्रथम दिवस से प्रचलित सृष्टि सम्वत् 1,96,08,53,0123 का भी अन्तिम दिवस है और कल से नया सृष्टि संवत्सर आरम्भ हो रहा है। […]

Exit mobile version