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आज का चिंतन

ओ३म् “मनुष्य जीवन की सार्थकता वेदाध्ययन एवं वेदानुकूल आचरण में है”

=========== हम मनुष्य हैं और अपनी बुद्धि व ज्ञान का उपयोग कर हम सत्य और असत्य का निर्णय करने में समर्थ हो सकते हैं। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान दिया था। यह ज्ञान सभी मनुष्यों के लिए दिया गया था। यह ज्ञान सभी श्रेणी के […]

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विविधा

ओ३म् “मृतक श्राद्ध विषयक भ्रान्तियां: विचार और समाधान”

============ हिन्दू समाज आज कल अन्धविश्वासों का पर्याय बन गया है। श्राद्ध शब्द को पढ़कर धर्म-कर्म में रूचि न रखने वाला एक अल्प ज्ञानी सामान्य व्यक्ति भी समझता है कि श्राद्ध अवश्य ही श्रद्धा से सम्बन्ध रखता है। जिस प्रकार से देव से देवता शब्द बनता है उसी प्रकार से श्रद्धा से श्राद्ध बनता है। […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ओ३म् “भारत भाग्य विधाता ऋषि दयानन्द”

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द जी का बलिदान 141 वर्ष पूर्व हुआ था। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने अनेक कार्य किये हैं जिनसे समाज एवं राष्ट्र को लाभ पहुंचा है। ऋषि दयानन्द को हम इसलिये भी स्मरण करते हैं कि उन्होंने हमें असत्य का परिचय कराकर सत्य ज्ञान, सत्य सिद्धान्त व […]

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भाषा

ओ३म् -हिन्दी दिवस 14 सितम्बर 2024 पर- “स्वामी दयानन्द और हिन्दी”

============ भारतवर्ष के इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने पराधीन भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए हिन्दी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण जानकर मन, वचन व कर्म से इसका प्रचार-प्रसार किया। उनके प्रयासों का ही परिणाम था कि हिन्दी शीघ्र लोकप्रिय हो गई। यह ज्ञातव्य है कि हिन्दी को स्वामी दयानन्द […]

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पुस्तक समीक्षा

ओ३म् समाचार – ऋग्वेद के आठवें मण्डल तक का काव्यार्थ पूर्ण शेष दो मण्डल पर काव्यार्थ का कार्य आरम्भ

============ आज हमारी चार वेदों पर काव्यार्थ लिख रहे ऋषिभक्त विद्वान कवि श्री वीरेन्द्र कुमार राजपूत जी, देहरादून से फोन पर बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि उन्होंने ऋग्वेद के आठवें मण्डल तक का काव्यार्थ पूर्ण कर लिया है। अब वह नवम् मण्डल का काव्यार्थ प्रारम्भ करेंगे। इससे पूर्व श्री वीरेन्द्र राजपूत जी सामवेद, यजुर्वेद तथा […]

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धर्म-अध्यात्म

ओ३म् “मानव जाति की सबसे उत्तम सम्पत्ति ईश्वर एवं वेद हैं”

============ वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे प्राप्त होने वाले सुख व सुविधाओं का भोग करना बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अविद्यायुक्त संगठन व सम्प्रदाय अपने प्रसार की योजनायें […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “ईश्वर का अस्तित्व प्रमणों से सिद्ध है वह सबका रक्षक एवं पालनकर्ता है”

============ ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों से लाभ […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “ईश्वर का अस्तित्व प्रमणों से सिद्ध है वह सबका रक्षक एवं पालनकर्ता है”

============ ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहें। ऐसे विचार संसार के किसी साहित्य में उपलब्ध नहीं होते। सभी मनुष्यों के जीवन में यह अत्यन्त लाभप्रद एवं ज्ञानवर्धक हैं। सब मनुष्यों को इन विचारों से लाभ […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ओ३म् “सत्यनिष्ठा की मूर्ति एक असाधारण मनुष्य बाबा मुकुन्दा, लाहौर”

=========== एक साधारण मनुष्य भी सत्य को धारण कर महान कार्यों को करके यशस्वी बनने सहित समाज में मान-सम्मान पा सकता है। ऐसा ही एक व्यक्तित्व हुआ है जिसे बाबा मुकुन्दा, लाहौर के नाम से जाना जाता है। बाबा मुकुन्दा जी का परिचय ऋषिभक्त और आर्यसमाज के यशस्वी संन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी की श्री सुनील […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “वैदिक धर्म दुःखों से रक्षार्थ सत्य को ग्रहण करने की प्रेरणा करता है”

=========== मनुष्य का जो ज्ञान होता है वह सत्य व असत्य दो कोटि का होता है। मनुष्य के कर्म भी दो कोटि यथा सत्य व असत्य स्वरूप वाले हाते हैं। अनेक स्थितियों में मनुष्य को सत्य को अपनाने से क्षणिक व सामयिक हानि होती दीखती है और असत्य का आचरण करने से लाभ होता दीखता […]

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