Categories
वेद

वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्यस्वरूप व अन्य सभी मान्यताओं में विश्वास करने से जीवन की सफलता

मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का आत्मा सत्य व असत्य का जानने वाला होता है परन्तु अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह तथा अविद्या आदि दोषों के कारण वह सत्य को छोड़ असत्य में झुक जाता है। ऐसा होने पर मनुष्य की भारी हानि होती है। मनुष्य को सत्य को पकड़ कर रखना चाहिये और असत्य […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी रहेगा?

मनमोहन कुमार आर्य हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य में ही मिलता है जो ज्ञान से पूर्ण, तर्क एवं युक्तिसंगत तथा सत्य है। उत्तर है कि हम मनुष्य शरीर में एक जीवात्मा के रूप में विद्यमान हैं। हमारा शरीर हमारी आत्मा का […]

Categories
वेद

वेदों को अपना लेने से विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान

मनमोहन कुमार आर्य हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा […]

Categories
भारतीय संस्कृति वेद

जीवन की सफलता वेदों के स्वाध्याय, सद्व्यवहार एवं आचरण में है

मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का निर्णय करने सहित सत्य का ग्रहण एवं असत्य का त्याग करते हैं व करने में समर्थ हैं। यह कार्य पशु व पक्षी योनि के जीवात्मा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

मानव जाति की सबसे उत्तम सम्पत्ति ईश्वर एवं वेद हैं

मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे प्राप्त होने वाले सुख व सुविधाओं का भोग करना बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अविद्यायुक्त संगठन व सम्प्रदाय अपने प्रसार […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

वेदों की रक्षा व प्रचार से ही विश्व में मानवता की रक्षा सम्भव है

मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को दुर्गुणों व दुर्व्यसनों, अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड, मिथ्या सामाजिक परम्पराओं के साथ साथ अन्याय व शोषण से रहित अपने जीवन की रक्षा के लिये सदाचारी विद्वानों, देवत्वधारी पुरुषों सहित वेदज्ञान की भी आवश्यकता होती है। यदि समाज में सच्चे ज्ञानी व परोपकारी मनुष्य न हों तो समाज में अज्ञान की वृद्धि […]

Categories
आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज हमें क्यों प्रिय हैं ?

मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं या फिर उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं का संग्रह कर उसे ग्रन्थ के रूप में संकलित किया है। हम अपने जीवन में उत्तम महान पुरूष को प्राप्त करने के लिए निकले तो […]

Categories
Uncategorised

महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ जी का ‘यज्ञ की प्रेरणा किसको’ विषय पर एक संक्षिप्त उपदेश

हमें अपने जीवन में कीर्तिशेष महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ जी के दर्शन करने, उनके वृहद वेद पारायण यज्ञों में भाग लेने तथा उनके तपोवन आश्रम, देहरादून में यज्ञ की वेदी व आश्रम के मंच से विचारों को सुनने का अवसर मिला है। उनकी पुत्री श्रीमती सुरेन्द्र अरोड़ा जी यज्ञ पारायण महिला हैं। वह देहरादून में रहती […]

Categories
स्वास्थ्य

शरीर को सदा स्वस्थ तथा बलवान् बनाने के अचूक उपाय

मनमोहन कुमार आर्य आचार्य भद्रसेन जी, अजमेर (1900-1975) वैदिक साहित्य तथा येाग के उच्च कोटि के विद्वान एवं प्रचारक थे। आपने अनेक पुस्तकें लिखी हैं। आपकी एक प्रसिद्ध पुस्तक ‘योग एवं स्वास्थ्य’ है। इस पुस्तक के कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। इसका एक संस्करण सन् 1998 में वैदिक साहित्य के प्रसिद्ध प्रकाशक ‘विजयकुमार गोविन्दराम हासानन्द, […]

Categories
आर्य समाज धर्म-अध्यात्म

नव-सम्वत्सर अर्थात् नववर्ष आरम्भ, आर्यसमाज स्थापना दिवस एवं रामनवमी वैदिक धर्मियों के तीन महनीय पर्व

मनमोहन कुमार आर्य रविवार दिनांक 30 मार्च, 2025 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है। इसी दिन से विक्रमी सम्वत्सर 2082 तथा वेद और सृष्टि सम्वत्सर 1,96,08,53,126 का आरम्भ हो रहा है। जिस प्रकार हम अपने जन्म दिवस एवं महत्वपूर्ण पर्वों को मनाते हैं उसी प्रकार से इस दिवस को भी आर्य पर्व के रूप में मनाया […]

Exit mobile version