ललित गर्ग स्वामी दयानन्द सरस्वती ने न केवल धर्मक्रांति की बल्कि परतंत्रता में जकड़े देश को आजादी दिलाने के लिये राष्ट्रक्रांति का बिगुल भी बजा दिया। इसके लिये उन्होंने हरिद्वार पहुँच कर वहां एक पहाड़ी के एकान्त स्थान पर अपना डेरा जमाया। महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन […]
Author: ललित गर्ग
भारत में लोकतंत्र और दागी राजनीति
ललित गर्ग एडीआर की इस ताजा अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार जिन पांच राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमें उत्तर प्रदेश की जिन 58 विधानसभा सीटों पर मत डाले जाएंगे, वहां से कुल 623 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए भारतीय राजनीतिक की शुचिता, चारित्रिक उज्ज्वलता और स्वच्छता […]
ललित गर्ग स्पष्ट है कि यह विवाद जितना स्वतः स्फूर्त लगता है, उतना है नहीं। जानबूझकर इस चिंनगारी को आग दी जा रही है। परदे के पीछे से इसमें राजनीति अहम भूमिका निभा रही है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने एवं कट्टरवादी शक्तियों को संगठित करने का यह षडयंत्र है। साम्प्रदायिक कट्टरता, […]
ललित गर्ग सरकार ने वित्त वर्ष 2023 में पूंजीगत खर्चों में 35.4 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, इससे रोजगार में वृद्धि होगी। यह बहुत बड़ा फैसला है। वित्त मंत्री ने बजट में क्रिप्टोकरंसी पर भी निवेशकों की उलझन दूर कर दी। उन्होंने इससे हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा। […]
ललित गर्ग केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में आम बजट प्रस्तुत करने का समय आ रहा है। अगले हफ्ते मंगलवार को प्रस्तुत होने वाले आम बजट में आखिर क्या निकलेगा? यह कुतूहलभरी नजरे सभी की इस बजट पर टिकी है। कोरोना महामारी के विगत दो वर्षों के संकटों एवं आर्थिक असंतुलन से बेहाल सभी […]
ललित गर्ग अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस सम्पूर्ण मातृ-शक्ति को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिवस है, जिसे मदर्स डे, मातृ दिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें यह दिन सबके मन में विशेष स्थान लिये हुए है। पूरी जिंदगी भी समर्पित कर दी जाए तो मां के ऋण से उऋण नहीं हुआ जा सकता है। […]
भारत की अफगान नीति और तालिबान
-ः ललित गर्ग:- जब दुश्मनी निश्चित हो जाए तो उससे दोस्ती कर लेनी चाहिए-इस एक पंक्ति में फलसफा है, कूटनीति है, अहिंसा है, मानवीयता है एवं जीवन का सत्य है और यही भारतीयता भी है। इसी भारतीयता का एक अनूठा उदाहरण तमाम विपरीत स्थितियों के बावजूद अफगानिस्तान की मदद करके भारत ने प्रस्तुत किया है। […]
ललित गर्ग एक चिन्तनीय प्रश्न है कि भारत में वृद्धाश्रमों में भीड़ क्यों बढ़ रही है? क्यों वृद्धों की उपेक्षा एवं प्रताड़ना की स्थितियां लगातार बढ़ती जा रही है? क्यों आधुनिक युग की संतानें संवेदनहीन एवं स्वकेन्द्रित हो रही है? चिन्ता एवं चिन्तन का यह विषय महत्वपूर्ण इसलिये है कि एक ताजा सर्वे के दौरान […]
सार्थक जीवन जीने की करें नई पहल
ललित गर्ग इस दुनिया में सबसे ज्यादा मूल्यवान है जीवन। और भी बहुत सारी वस्तुएं हैं जिनका मूल्य है किन्तु तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो सबसे अधिक मूल्य है जीवन का। जीवन के होने पर सब कुछ है। जीवन न हो तो कुछ भी नहीं है। जिसके होने पर अन्य सबका अस्तित्व सामने आता है, […]
ललित गर्ग पिछले लम्बे दौर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक दर्शन, उनके व्यक्तित्व, उनकी बढ़ती ख्याति, उनकी कार्य-पद्धतियों एवं उनकी सफलता के विजय रथ को अवरुद्ध करने के लिये कांग्रेस द्वारा जिस तरह के हथकंड़े अपनाये जा रहे हैं, वह राजनीतिक मूल्यों एवं मर्यादाओं के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे के […]