ललित गर्ग दो अरब तीस करोड़ आबादी को भुखमरी एवं भूख का सामना करना पड़ रहा है। दो वक्त की भोजन सामग्री जुटाने के लिए इस आबादी को जिन मुश्किलों, संकटों एवं त्रासद स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, वह विश्व की सरकारों एवं व्यवस्थाओं के विकास के बयानों को बेमानी सिद्ध करता है। […]
Author: ललित गर्ग
ललित गर्ग नागरिक अपेक्षा करते हैं कि उनके शासक ईमानदार हों, चरित्रसम्पन्न हों, नशामुक्त हों एवं अपने पद की गरिमा को कायम रखने वाले हों। ब्रिटेन के नागरिक भी यही उम्मीद करते रहे कि सरकार एक सही, योग्य, जिम्मेदार और गम्भीर तरीके से काम करे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की विदाई का कारण स्वच्छन्द, […]
ललित गर्ग सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर इस झूठ की भी पोल खोली कि पुलिस की कमी के बावजूद मुख्यमंत्री ने दंगों को रोकने की पूरी कोशिश की और बिना समय गंवाए केंद्रीय सुरक्षा बलों एवं सेना को बुलाने के साथ शांति बनाये रखने के लिए कई बार अपील भी की। कांग्रेसियों, वामपंथियों और कट्टरवादियों […]
ललित गर्ग उम्मीद है कि देश के संवैधानिक प्रमुख के रूप में उनकी मौजूदगी हर भारतवासी विशेषतः महिलाओं, आदिवासियों को उनके शांत और सुरक्षित जीवन के लिए आश्वस्त करेगी। आदिवासी का दर्द आदिवासी ही महसूस कर सकता है- यानी भोगे हुए यथार्थ का दर्द। द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक […]
, क्या नियम-कानूनों से ऊपर है गांधी परिवार ललित गर्ग तथाकथित क्रांतिकारी विचारों का सैलाब कांग्रेस कार्यकर्त्ता एवं नेताओं में उमड़ा है पर जीने का ईनाम एवं पारदर्शिता गायब है। अपने मंचों से कांग्रेस नेताओं के प्रभावी वायदे जनता के हाथों में सपने, आदर्श थमाते रहे हैं पर जीवन का सच नहीं पकड़ा पाए। यह […]
ललित गर्ग स्वर्ण मन्दिर में कट्टरपंथी सिख संगठनों के अलावा शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने भी हिस्सा लिया। अकाल तख्त के जत्थेदार ने ‘सिख राज’ की मांग उठाते हुए कहा कि इस बार सिख युवकों को बाकायदा हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चालीस साल पहले जो पंजाब अलगाववाद एवं आतंकवाद की चपेट में था, […]
ललित गर्ग संघ प्रमुख भागवत ने नागपुर में संघ के विशिष्ट पदाधिकारी सम्मेलन में दिये गये अपने उद्बोधन में साफ किया कि मुस्लिम भी इसी देश के हैं और उनके पुरखे भी हिन्दू ही रहे हैं। उन्होंने किसी कारणवश इस्लाम धर्म स्वीकार कर पृथक पूजा पद्धति अपनाई। किसी भी देश की माटी को प्रणम्य बनाने, […]
ललित गर्ग यूक्रेन के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए केवल रूस ही जिम्मेदार होगा। रूस एवं यूक्रेन के बीच इस तरह युद्धरत बने रहना खुद में एक असाधारण और अति-संवेदनशील मामला है, जो समूची दुनिया को विनाश एवं विध्वंस की ओर धकेलने जैसा है। रूस-यूक्रेन युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा […]
समाज चाहे तो सद्भाव बना रह सकता है
ललित गर्ग अगर प्रांत का सर्वोच्च शासक एवं कानून-व्यवस्था सख्त हो, तो किसी भी तरह का उपद्रव फैलाना आसान नहीं होता। मगर पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए यही लगता है कि कुछ उपद्रवी तत्त्व बाकायदा रणनीति बना कर ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। धार्मिक व साम्प्रदायिक भावना को धार देकर […]
ललित गर्ग भारत में पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। अकबर इलाहाबादी ने इसकी ताकत एवं महत्व को इन शब्दों में अभिव्यक्ति दी है कि ‘न खींचो कमान, न तलवार निकालो, जब तोप हो मुकाबिल तब अखबार निकालो। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 3 मई को मनाया जाता है। प्रेस किसी […]