ललित गर्ग भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म कर दिया तो यह अमृत काल की सबसे बड़ी सफलता होगी नरेन्द्र मोदी शासन के जिम्मेदारी भरे बजट-2023 ने समावेशी आर्थिक समृद्धि और वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ उस ‘नए भारत’ की नींव रखी है, जो अपनी स्वाधीनता के सौवें वर्ष में साकार होगा। यह बजट ‘अमृत काल’ को […]
Author: ललित गर्ग
ललित गर्ग युवाओं की भागीदारी के बिना आखिर नया भारत कैसे बनेगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवावस्था में अपनी डायरी के पन्नों पर ‘न्यू इंडिया’ और ‘युवा भारत’ का जो सपना शब्दों में पिरोया था, वह आज साकार होता नजर आ रहा है। भारत मजबूती से लगातार नई पहल के साथ आगे बढ़ रहा है। […]
ललित गर्ग राजनीतिक नजरिए से नड्डा के लिये यह साल काफी अहम होने वाला है। फरवरी और मार्च के बीच पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनाव होंगे। वहीं, अप्रैल-मई में दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक धरातल को मजबूती देने, उसके […]
ललित गर्ग- जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर देशभर में गुस्सा और आक्रोश का उबरना झारखंड सरकार की दूषित नीति को दर्शा रहा है। गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन केन्द्र घोषित किया जाना, जैन समाज की आस्था एवं भक्ति से खिलवाड़ है, उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। […]
ललित गर्ग लोककल्याणकारी शासन-व्यवस्था की ओर बढ़ते हुए ऐसी भी योजनाएं लागू करनी चाहिए जिससे किसी भी नागरिक को मुफ्त अनाज के विवश न होना पड़े। वह सक्षम बने अपने भरण-पोषण के लिये। हर व्यक्ति को काम मिले, ऐसी योजना पर गंभीरता से कदम बढ़ाये जाने चाहिए। आजादी के अमृत महोत्सव मना चुके मुल्क में, […]
– ललित गर्ग – गाजियाबाद। ( ब्यूरो डेस्क ) आज़ादी का अमृत महोत्सव मना चुके राष्ट्र में विधायी संस्थानों लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधियों की संख्या दयनीय है, नगण्य है। 75 वर्षों में लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत तक भी नहीं बढ़ा है जबकि विधानसभाओं में यह स्थिति और भी चिन्तनीय है, […]
भारत के दो राज्यों गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश और एक नगर निगम दिल्ली के चुनावों में इन क्षेत्रों के मतदाताओं ने जो जनादेश दिया है उससे एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि भारत में लोकतंत्र कायम है और इसकी जीवंतता के लिये मतदाता जागरूक है। मतदाता को ठगना या लुभाना अब नुकसान का […]
हर रिश्ते को संवेदना से जीने के लिये जरूरी है प्रेम एवं विश्वास। प्यार एवं विश्वास दिलों को जोड़ता है। इससे कड़वे जख्म भर जाते हैं। प्यार की ठंडक से भीतर का उबाल शांत होता है। हम दूसरों को माफ करना सीखते हैं। इनकी छत्रछाया में हम समूह और समुदाय में रहकर शांतिपूर्ण जीवन जी […]
ललित गर्ग आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे भारत देश के सभी धर्मों के नागरिकों के लिये एक समान धर्मनिरपेक्ष कानून होना चाहिये। संविधान के संस्थापकों ने राज्य के नीति निदेशक तत्त्व के माध्यम से इसको लागू करने की ज़िम्मेदारी बाद की सरकारों को हस्तांतरित कर दी थी। लेकिन पूर्व की सरकारों ने वोट बैंक […]
ललित गर्ग पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम भारतीय संसद द्वारा 1960 में पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य पशुओं को दी जाने वाली अनावश्यक पीड़ा और कष्ट को रोकना है। पशुओं के साथ निर्दयता का अर्थ है मानव के अतिरिक्त अन्य पशुओं को नुकसान पहुँचाना या कष्ट देना। उत्तर प्रदेश के बदायूं में चूहे […]