न ऋतु बदली, न मौसम, न कक्षा बदली, न सत्र न फसल बदली, न खेती न पेड़ पौधों की रंगत न सूर्य चाँद सितारों की दिशा ना ही नक्षत्र।। 1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानों कितना बड़ा पर्व हैं । नया केवल एक दिन ही नही होता, […]
लेखक: ज्ञानप्रकाश वैदिक
उगता भारत ब्यूरो पहले विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों की भूमिका पर प्रकाशित एक नई किताब के अनुसार पहले विश्व युद्ध में ब्रिटेन ने पश्चिमी मोर्चे पर जर्मनों से टक्कर लेने के लिए 10 साल तक के भारतीय बच्चों का उपयोग किया था। शीघ्र प्रकाशित फॉर ‘किंग ऐंड अनदर कंट्री: इंडियन सोल्जर्स ऑन द वेस्टर्न […]
सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी प्रखंड के बनगाँव में उत्सवी माहौल है।कोरोना-संक्रमण के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के फैलाव की आशंकाओं के बीच ग्रामीण भगवान बौधायन की जयंती 31 दिसम्बर को मनाने जा रहे हैं।भगवान के तौर पर इस गाँव में नित्य पूजनीय बौधायन असल में महर्षि अथवा गणितज्ञ है।इन्होंने रेखागणित का सूत्रपात किया है पर दुर्भाग्य […]
अश्वनी मिश्र छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ इलाका 3905 वर्ग किलोमीटर में फैला है। प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न यह क्षेत्र नक्सलियों और मिशनरियों के आपसी गठजोड़ के कारण अबूझ बन गया है। एक तरफ नक्सली वनवासियों के हाथों में बंदूक थमा रहे हैं, तो दूसरी ओर मिशनरी बाइबिल थमाकर उन्हें उनकी सदियों पुरानी सनातन संस्कृति से दूर […]
डॉ. मनोज चतुर्वेदी पुरुषोत्तम नागेश ओक, (२ मार्च,१९१७-७ दिसंबर,२००७), जिन्हें लघुनाम श्री.पी.एन.ओक के नाम से जाना जाता है, द्वारा रचित पुस्तक “कौन कहता है कि अकबर महान था?” में अकबर के सन्दर्भ में ऐतिहासिक सत्य को उद्घाटित करते हुए कुछ तथ्य सामने रखे हैं जो वास्तव में विचारणीय हैं….. अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबरमहान) के […]
उगता भारत ब्यूरो आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का लेपाक्षी मंदिर हैंगिंग पिलर्स (हवा में झूलते पिलर्स) के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इस मंदिर के 70 से ज्यादा पिलर बिना किसी सहारे के खड़े हैं और मंदिर को संभाले हुए हैं। मंदिर के ये अनोखे पिलर हर साल यहां आने वाले लाखों टूरिस्टों […]
उगता भारत ब्यूरो भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज ने अपनी सरकार से कोहिनूर हीरे को भारत को लौटाने का आग्रह करके ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में सुशोभित अनमोल हीरे को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया था। भारत के कई लोग चाहते हैं कि कोहिनूर को वापस भारत में लाया जाए, […]
लेखक :- आचार्य विरजानन्द दैवकरणि पुस्तक :- भारत के प्राचीन मुद्रांक प्रस्तुतकर्ता :- अमित सिवाहा भारत की धार्मिक परम्परा में स्वस्तिक चिह्न का अङ्कन अत्यन्त प्राचीनकाल से चला आ रहा है । भारत के प्राचीन सिक्कों , मोहरों , बर्तनों और भवनों पर यह चिह्न बहुशः और बहुधा पाया जाता है । भारत के प्राचीनतम […]
ईसाईमत अभ्यासुओं, विद्वानों, मिशनरीयों तथा लेखकों के यीशु ख्रिस्त [जीसस क्राइस्ट] विषयक सदियों पुराने बडे-बडे दावों के बावजूद, योरोप और अमरिका के बुद्धिजीवी वर्ग ने यीशु ख्रिस्त का स्वीकार करने से इन्कार कर दिया है। आज-कल वहाँ उपन्यासों के ‘कल्पित यीशु’ का ही बोल-बाला है। भारतविद्याविद् डॉ. कोनराड एल्स्ट का कहना है कि पश्चिम में, […]
उगता भारत ब्यूरो शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के पितामह और सुश्रुतसंहिता के प्रणेता आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व काशी में हुआ था। सुश्रुत का जन्म विश्वामित्र के वंश में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की थी। सुश्रुतसंहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है। इसमें शल्य चिकित्सा के विभिन्न […]