प्रो. भगवती प्रकाश पाकिस्तान अधिक्रांत कश्मीर यानी पीओके में कृष्णगंगा नदी के तट पर नियंत्रण रेखा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन शारदा मन्दिर, शक्तिपीठ और शारदा पीठ विश्वविद्यालय कश्मीर की संस्कृति का प्राण व पहचान रहे हैं। प्राचीन शारदा लिपि का विकास केन्द्र होने के साथ ही यह शक्ति पीठ देश के […]
Author: ज्ञानप्रकाश वैदिक
प्रणय कुमार विनायक दामोदर सावरकर यानी स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर एक विचारधारा विशेष के लोग आरोप लगाते रहे हैं| उनका आरोप है कि वीर सावरकर ने तत्कालीन ब्रितानी हुकूमत से माफ़ी माँगी थी और उनकी शान में क़सीदे पढ़े थे। यद्यपि राजनीतिक क्षेत्र में आरोप लगाओ और भाग जाओ की प्रवृत्ति प्रचलित रही है।उसके लिए आवश्यक […]
गौरक्षा के लिए बलिदान
बलिदान पर्व – 8 फरवरी सन 1920 ई. सन 1918 में ग्राम कटारपुर, हरिद्वार के मज़हबी गौ हत्यारों ने बकरीद पर सार्वजनिक रूप से गौहत्या की घोषणा की, मायानगरी हरिद्वार के मायापुरी क्षेत्र में कभी ऐसा घोर अनर्थ नहीं हुआ था. अतः हिन्दुओं ने तत्कालीन स्थानीय ज्वालापुर थाने पर शिकायत की, पर वहां के थानेदार […]
आखिर अजान में कहा क्या जाता है?
उगता भारत ब्यूरो मस्जिदों में लाउड स्पीकर पर अजान में क्या बोला जाता है? सर्वप्रथम मुअज्जिन ४ बार ‘”अल्लाह हू अकबर” यानी अल्लाह सबसे बड़ा है कहता है। इसके बाद वह २ बार कहता है – ‘अशहदो अल्ला इलाह इल्लल्लाह’ अर्थात मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवाय कोई पूज्य नहीं है। फिर २ […]
उगता भारत ब्यूरो कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को हुआ था। अपने चार भाई-बहनों में वे सबसे छोटी थीं। घर पर उन्हें प्यार से मोंटू कहकर पुकारा जाता था। कल्पना जब आठवीं क्लास में थीं तब उन्होंने अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा […]
विश्राम की अवस्था और मुक्ति
अध्यात्म गंगा ऐसा हुआ कि अमरीका में पहली दफा ट्रेनें चलाई गईं; ट्रेन की पटरियां डाली गईं; तो एक आदिवासी कबीले में भी पहली दफे ट्रेन गुजरने वाली थी। अमरीकी प्रेसीडेंट उसका उदघाटन करने गया। स्टेशन पर झाड़ के नीचे एक आदिवासी लेटा हुआ सारा दृश्य बड़े मजे से देख रहा है; बीच बीच में […]
वेदों में राष्ट्रभक्ति
अर्थववेद में ऋषियों ने कहा- भद्रं इच्छन्तः ऋषयः स्वर्विदः / तपो दीक्षां उपसेदु: अग्रे/ ततो राष्ट्रं बलं ओजश्च जातम्/ तदस्मै देवाः उपसं नमन्तु यानि आत्मज्ञानी ऋषियों ने जगत का कल्याण करने की इच्छा से सृष्टि के आरंभ में जो दीक्षा लेकर तप किया था, उससे राष्ट्र-निर्माण हुआ, राष्ट्रीय बल और ओज भी प्रकट हुआ। इसलिये […]
मदन गड़रिया धन्ना गूजर आगे बढ़े वीर सुलखान, रूपन बारी खुनखुन तेली इनके आगे बचे न प्रान। लला तमोली धनुवां तेली रन में कबहुं न मानी हार, भगे सिपाही गढ़ माडौ के अपनी छोड़-छोड़ तरवार। अगर आपने ये चार लाइन पढ़ ली हैं तो शायद अंदाजा भी हो गया होगा कि ये विख्यात लोककाव्य “आल्हा-उदल” […]
उगता भारत ब्यूरो ( मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है ) कभी भी खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना !! अब आप कहेंगे हम तो हमेशा यही करते हैं ! 99% लोग ऐसे होते है जो पानी लिए बिना खाना नहीं खाते है।पानी पहले होता है […]
के विक्रम राव इतिहास का उतार—चढ़ाव देखें। साथ में वक्त की करवट भी। पांच दशक बीते, नयी दिल्ली के हृदय स्थल इंडिया गेट से अपने विशाल भारत साम्राज्य को निहारती रही ब्रिटिश बादशाह जॉर्ज पंचम की पथरीली मूर्ति। अब उसके हटने से रिक्त पटल पर कल (23 मार्च 2022) उनकी 125वीं जयंती पर अंग्रेज राज […]