लेखक- आचार्य अभयदेव मैं अभी आपके यज्ञ में सम्मिलित हुआ था। भारत के इस सुदूर कोने में ठेठ काश्मीरी लोगों को वेदमन्त्रों का उच्चारण करते हुए देख कर मुझे एक विशेष उल्लास हो रहा था। यह सब दयानन्द का प्रताप है। मेरे मन में यह भी आ रहा था कि आप वेदोच्चारण करने वाले लोगों […]
Author: ज्ञानप्रकाश वैदिक
————————————————————- मुसलमान किसके वफादार ? मुसलमान किसी के सगे नहीं होते ,उनके लिए सभी हिन्दू काफिर हैं इस समस्त विश्व में लगभग 200 देश हैं ,जिनमे अपना अपना संविधान और अपने नियम कानून लागू है .और अलग शासन प्रणाली है .और कुछ इस्लामी देश हैं ,लेकिन कुछ ऐसे गैर मुस्लिम देश भी हैं जहाँ मुसलमानों […]
रामायण की प्रसिद्ध नगरिया जैसे अयोध्या, चित्रकूट, किष्किंधा इन सभी का बाद में क्या हुआ? ऐसा इसलिए ताकि हम भी यहूदियों की तरह खुद पर हुए अत्याचारों को याद रखे *1) #अयोध्या -* श्री राम और रघुवंशियो की राजधानी, सन 1270 में इस पर मुस्लिम आक्रमणकारी बाबर ने आक्रमण किया। बाबर ने अयोध्या के सभी […]
आदि भाषा संस्कृत का प्रकाश और स्वरूप
✍🏻 लेखक – पदवाक्यप्रमाणज्ञ पण्डित ब्रह्मदत्तजी जिज्ञासु प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ अब हम आदि-भाषा के स्वरूप पर कुछ विचार उपस्थित करते हैं। जब आदि-ज्ञान के स्वरूप को जान लिया जावे, तो आरम्भ में भाषा का व्यवहार कैसे चला होगा? ऐसी आकाङ्क्षा प्रत्येक व्यक्ति को होनी स्वाभाविक ही है। यह नियम है कि मनुष्यों में ज्ञान […]
जीवात्मा के बारे में विशेष जानकारी
1) जीवात्मा किसे कहते है ? उत्तर = एक ऐसी वस्तु जो अत्यंत सूक्ष्म है, अत्यंत छोटी है , एक जगह रहने वाली है, जिसमें ज्ञान अर्थात् अनुभूति का गुण है, जिस में रंग रूप गंध भार (वजन) नहीं है, कभी नाश नहीं होता, जो सदा से है और सदा रहेगी, जो मनुष्य-पक्षी-पशु आदि का […]
हमारे अस्तित्व का आधार है राष्ट्र
वैदिक सभ्यता और उसको मानने वालों के निम्न लिखित आदर्श है मा नः स्तेन ईशतः यजुर्वेद 1।1 भ्रष्ट व् चोर लोग हम पर शासन न करें वयं तुभ्यं बलिहृतः स्याम । – अथर्व० १२.१.६२ हम सब मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले हों। यतेमहि स्वराज्ये । – ऋ० ५.६६.६ हम स्वराज्य के लिए सदा यत्न […]
भारतीय रेलवे और साम्यवादी लेखक
साम्यवादी लोगों की एक विशेष पहचान होती है। ये लोग सदा देश के हित के विरुद्ध लेखन करते है। अब देखिये इस जमात ने अंग्रेजीशासन का गुणगान करते हुए यह लिख दिया कि अंग्रेजी शासन भारत पर उपकार के समान था। अंग्रेजों ने भारतीयों को रेल व्यवस्था दी, डाक व्यवस्था दी। अन्यथा भारतीय इतने गंवार […]
आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक महाराणा प्रताप मेवाड़ के शासक और एक वीर योद्धा थे जिन्होंने कभी अकबर की अधीनता स्वीकार नही की। उनका जन्म सिसोदिया कुल में हुआ था। महाराणा प्रताप जीवनपर्यन्त मुगलों से लड़ते रहे और कभी हार नही मानी। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। […]
आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक महाराणा प्रताप मेवाड़ के शासक और एक वीर योद्धा थे जिन्होंने कभी अकबर की अधीनता स्वीकार नही की। उनका जन्म सिसोदिया कुल में हुआ था। महाराणा प्रताप जीवनपर्यन्त मुगलों से लड़ते रहे और कभी हार नही मानी। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। […]
(आज राष्ट्रगान के रचियता, नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर का जन्मदिवस है। इस अवसर पर गुरुदेव के द्वारा महर्षि दयानन्द की स्मृति में दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि को प्रस्तुत कर रहे है। ) महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्रकवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर […]