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विश्वगुरू के रूप में भारत

वेदों में निर्दिष्ट नागरिकों के मौलिक राष्ट्रीय कर्तव्य

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक ● Vedas hint national duties of citizens ● ● वयं राष्ट्रे जागृताम पुरोहिताः । – यजुर्वेद : 9.23 अर्थ : हम राष्ट्र के बुद्धिमान् नागरिक अपने राष्ट्र में सर्वहितकारी होकर अपनी सद्प्रवृत्तियों के द्वारा निरन्तर आलस्य छोड़कर जागरूक रहें । ———————————- ऋग्वेद आदि चार मूल वेद संहिताएं संसार के […]

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इतिहास के पन्नों से

गुरु गोविंद सिंह और बंदा बैरागी का मिलन

  (इतिहास निर्माण करने वाली घटना) राजिंदर सिंह गुरु गोविन्द सिंह एक ऐसे सामर्थ्यवान् व्यक्ति की खोज करने लगे जिसको वे भावी नेतृत्व सौंप सकें। अपने दीवानों और सभासदों से विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने नान्देड़ के एक आश्रम में वर्षों से रह रहे वैरागी माधोदास को नेतृत्व सौंपने का मन बना लिया। भट्ट स्वरूप […]

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समाज

*ब्राह्मण-विरोध के पीछे क्या है?*

प्रस्तुति – आचार्य ज्ञानप्रकाश वैदिक हमारे देश में ब्राह्मण-विरोध की पूरी लॉबी है, जो बात-बेबात किसी बहाने ब्रांह्मणों के प्रति घृणा फैलाने में लगी रहती है। ‘हेट स्पीच’ के विरुद्ध नारेबाजी करने वाले ब्राह्मणों के विरुद्ध खुद घृणा फैलाते हैं। कुछ पहले ट्विटर मालिक जैक डोरसी की फोटो के साथ ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को कुचल डालो!’ […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

हिंदू राष्ट्र ही है एकमात्र विकल्प

———————————– अकरम जो दिल्ली के मालिक केजरीवाल के यहां सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ,ये हमारी छाती में बैठकर पाकिस्तान और गजवा -ए-हिन्द का समर्थन कर रहा है ,जिसके ऊपर सरकार कोई कार्यवाही नही कर रही है,अपनी आवाज बुलंद कीजिये जिससे सरकार अपनी नींद से जागे!! अंग्रेजों द्वारा थोपे गए संविधान और शासन तंत्र को इसी प्रकार […]

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भारतीय संस्कृति

देवता शराब नहीं पीते थे

—-आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक सोमरस सोम के पौधे से प्राप्त था , आज सोम का पौधा लगभग विलुप्त है , शराब पीने को सुरापान कहा जाता था , सुरापान असुर करते थे , ऋग्वेद में सुरापान को घृणा के तौर पर देखा गया है , टीवी सीरियल्स ने भगवान इंद्र को अप्सराओं से घिरा दिखाया […]

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विविधा

ऑपरेशन ब्लूस्टार : जब सेना को स्वर्ण मंदिर पर चढ़ाने पड़े टैंक जिसके कारण मारी गई थीं इंदिरा गांधी

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक [वर्तमान में पंजाब में अलगाववादी ताकतें 1984 में भारतीय सेना हुई स्वर्ण मंदिर में कार्यवाही को सिखों के धार्मिक अधिकारों का अतिक्रमण के रूप में बखान कर रही हैं। जबकि भारतीय सेना के द्वारा की गई कार्यवाही में पाकिस्तान की संलिप्तता और खालिस्तान के नाम से अलग देश बनने […]

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आज का चिंतन

एक पत्थर की कीमत

  एक जंगल की राह से एक जौहरी गुजर रहा था। देखा उसने राह में एक कुम्हार अपने गधे के गले में एक बड़ा हीरा बांधकर चला आ रहा है। ये देख कर चकित हुआ कि ये कितना मूर्ख है। क्या इसे पता नहीं है कि ये लाखों का हीरा है। और गधे के गले […]

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राजनीति

4 जून और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

  प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक भारत मे कम्युनिस्ट, जेहादी और सेक्युलर लोग रात दिन अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं। आइए जानिए कितनी आजादी दी है इन्होने– 1 – 4 जून 1989 – स्थान चीन का थियानमेन चौक ब्रिटिश पुरालेख के मुताबिक शहर के थियानमेन चौक पर जून, 1989 में लोकतंत्र समर्थक […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

इतिहास का महानायक और बुंदेलखंड का शेर : वीर छत्रसाल

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक 3 जून/जन्म-दिवस झाँसी के आसपास उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की विशाल सीमाओं में फैली बुन्देलखण्ड की वीर भूमि में तीन जून, 1649 (ज्येष्ठ शुक्ल 3,विक्रम संवत 1706) को चम्पतराय और लालकुँवर के घर में छत्रसाल का जन्म हुआ था। चम्पतराय सदा अपने क्षेत्र से मुगलों को खदेड़ने के प्रयास […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू जिंदाबाद नेहरू मुर्दाबाद

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक ———————————————————- जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया में अनेक हिन्दूवादियों ने जमकर नेहरू-निंदा की। नेहरू के हानिकर कामों से लेकर उनके निजी अवगुणों तक की खबर ली। निस्संदेह, तथ्यों की दृष्टि से अधिकांश आलोचनाएं सही है। मगर दो चीज अखरने वाली है, जो देश के लिए स्वास्थकर नहीं […]

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