देवराज सिंह जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र और उनसे सहानुभूति रखने वाले कथित बुद्धिजीवी सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर संविधान की दुहाई देते नहीं थकते हैं। लेकिन जब बात विश्वविद्यालय के दोहरे रवैये की आती है, दलितों और जनजातीय समुदाय के साथ होते बुरे व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी होती है तो […]
लेखक: ज्ञानप्रकाश वैदिक
अथ सत्यार्थ प्रकाश ज्ञान हमने सत्यार्थ प्रकाश का नाम अनेकों बार सुना है और हमारे बहुत से हिन्दू युवाओं और युवतियों को इसके बारे में जानने की जिज्ञासा सदा बनी रहती है, इसलिये अब सत्यार्थ प्रकाश की विषय सूची को सबके लिये खोलकर लिखा जाता है :- सत्यार्थ प्रकाश में कुल 14 समुल्लास (अध्याय) हैं। […]
अपने गौरवशाली इतिहास को लिए दार्शनियों, कवियों और सूफी सन्तों के शहर पानीपत को बड़ा गर्व है । इसी शहर के सनातन धर्म महाविद्यालय में एक बार एक ईसाई पादरी आया और उसने वहाँ के पंडितों और विद्वान प्रोफेसरों को चैलेंज किया कि तुन्हें अपने वेदों पर बड़ा गर्व है और तुम वेदों को भगवान […]
सन्ध्या और अग्निहोत्र: बाल्मीकि रामायण से विदित होता है कि उस काल में आर्यों की उपासना सन्ध्या के रुप में होती थी।जप, प्राणायाम तथा, अग्निहोत्र के भी विपुल उल्लेख मिलते हैं। पौराणिक मूर्तिपूजा, व्रत, तीर्थ, नामस्मरण या कीर्तन रुप में धार्मिक कृत्य का वर्णन मूलतः नहीं है। क्षणिक उल्लेख जो इस सम्बन्ध में मिलते […]
पं० क्षितिश कुमार वेदालंकार [संसार के सभी मत वाले अपने-अपने धर्म ग्रन्थों को ईश्वरीय ज्ञान कहते हैं, तब प्रश्न उठता है कि वेद ही क्यों? इस प्रश्न का सुलझा उत्तर आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान्, वक्ता और पत्रकार लेखक की लेखनी से पढ़िए। -डॉ० सुरेन्द्र कुमार] इस प्रश्न को उपस्थित करने वाले दो […]
भारत में ७ लाख ३२ हज़ार गुरुकुल एवं विज्ञान की २० से अधिक शाखाएं थीं!!! अब बात आती है की भारत में विज्ञान पर इतना शोध किस प्रकार होता था, तो इसके मूल में है भारतीयों की जिज्ञासा एवं तार्किक क्षमता, जो अतिप्राचीन उत्कृष्ट शिक्षा तंत्र एवं अध्यात्मिक मूल्यों की देन है। “गुरुकुल” के बारे […]
🚩 || ओ३म् ||🚩 🔥जीवात्मा !!! १) जीवात्मा किसे कहते है ? उत्तर = एक ऐसी वस्तु जो अत्यंत सूक्ष्म है, अत्यंत छोटी है , एक जगह रहने वाली है, जिसमें ज्ञान अर्थात् अनुभूति का गुण है, जिस में रंग रूप गंध भार (वजन) नहीं है, कभी नाश नहीं होता, जो सदा से है और […]
राकेश सैन पंजाब में कांग्रेस सरकार द्वारा विशुद्ध रूप से राजनीतिक दृष्टि से लिए गए इस फैसले की वैधानिकता पर सवाल उठने शुरू हो चुके हैं। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह का कदम नहीं उठा सकती। पंजाब सरकार ने दिल्ली में […]
*विशेष कार्य करने की इच्छा वालों को तेज चलना चाहिए, तभी वे विशेष कार्य कर पाएंगे, अन्यथा नहीं।* *जो लोग संसार में कुछ विशेष कार्य करना चाहते हैं, वे लोग पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण तीव्र गति से चलते हैं।* अधिकतर लोग कोई विशेष कार्य नहीं करते। सामान्य रूप से पढ़ना लिखना खाना-पीना और […]
असहयोग आंदोलन वापस लेने के साथ ही गाँधीजी ने 200 लोगों को अंग्रेजों के हाथों क्रूर मौत के लिए छोड़ दिया था। फिर उन्हें बचाने के लिए एक ऐसा व्यक्ति सामने आया, जिसने वकालत कब की छोड़ दी थी। चौरी चौरा कांड के बारे में सभी को पढ़ाया जाता है। ये जगह गोरखपुर में देवरिया […]