अशोक आर्य रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से चार घड़ी (लगभग डेढ़ घण्टे) पूर्व […]
लेखक: ज्ञानप्रकाश वैदिक
पुलकित भारद्वाज वंदे मातरम को खरा सोना कहने वाले गांधी के लिए बाद में यह गीत मिट्टी जैसा क्यों हो गया था? बंकिम चंद्र चटर्जी के वंदे मातरम को गांधी, नेहरू और टैगोर ने शुद्ध राष्ट्रवाद से जोड़ा था तो दूसरी ओर जिन्ना इसे हिंदूवादी गीत मानते थे यह किस्सा 1770 और इसके इर्द-गिर्द के […]
-पंकज मिश्रा उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक आर्यसमाजी विचारधारा के समर्थक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को पहली विधानसभा चुनाव में एमएलए बनने का जनादेश मिला था। इन्होंने एमएलए बनने से पहले अंग्रेजों के खिलाफ हुंकार भरी थी। वह ऐतिहासिक मंदिर के तहखाने से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अखबार का प्रकाशन भी चोरीछिपे करते […]
तरुण शुक्ला विद्याधर वाव वडोदरा शहर के बाहरी हिस्से में गोत्री के पास सेवासी गांव में स्थित एक विशाल जल स्थापत्य के रूप में है। यह वाव वडोदरा शहर में ही है, फिर भी वडोदरा के लोग ही इससे अनजान हैं। गुजरात के अन्य लोगो की तो बात ही कहाँ करे? करीब 475 साल पुरानी […]
-अमित सिवाहा वर्ष 1938-39 में हैदराबाद निजाम के विरुद्ध आर्य समाज के सत्याग्रह में भजनोपदेशकों का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा। हमारे भजनोपदेशकों ने हरियाणा प्रदेश में फिल्ड मार्शल की भुमिका निभाई। आज कुछ भजनोपदेशकों द्वारा भोगी यातनाओं का विवरण प्रस्तुत कर रहे है। हमारे भजनीकों ने आर्य समाज का प्रचार बेहद विकट परिस्थितियों में करके मिशाल […]
प्रो लल्लन प्रसाद चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसके विधाता निर्माता, सलाहकार सब कुछ आचार्य कौटिल्य थे। राज्य को उन्होंने एक सशक्त प्रशासनिक ढांचा दिया, विभागध्यक्षों में स्पष्ट कार्य विभाजन किया, उनकी कार्यशैली, आपसी सहयोग के नियम, उनके कामों के निरीक्षण की प्रणाली, उनको प्रोत्साहन तथा दण्ड […]
बात उस समय की है जब ईरान और यूनान के बीच लड़ाई हो रही थी। ईरानियों का आक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा था और यूनानी कमजोर पड़ रहे थे। आलम ऐसा था कि देश के सारे व्यापार बंद हो चुके थे और सभी युद्ध की तैयारी में जुट गए थे। यहां तक की देश […]
महान सावरकर की आलोचना करने वालों को करारा जवाब देता हुआ विशेष लेख। लेखक-जयपाल सिंह हमारे देश में एक विशेष जमात यह राग अलाप रही है, कि जिन्नाह अंग्रेजों से लड़े थे इसलिए महान थे। जबकि वीर सावरकर गद्दार थे, क्यूंकि उन्होंने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी थी। वैसे इन लोगों को यह नहीं मालूम कि, […]
स्वामी श्रद्धानन्द: एक विलक्षण व्यक्तित्व मूल्य 350 रूपए 584 पृष्ठ सजिल्द भारत में शुद्धि के महानायक स्वामी श्रद्धानन्द . तारीख 23 दिसंबर 1926 । दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में दोपहर के समय स्वामी श्रद्धानंद अपने घर में आराम कर रहे थे। वो बेहद बीमार थे। तब वहां पहुंचा एक व्यक्ति। नाम अब्दुल रशीद। उसने […]
पंकज चतुर्वेदी हाल ही में उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग ने राज्य के हर जिले को इस बात की अनुमानित लागत भेजने को कहा है, जिससे राज्यभर की सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जा सके। इससे पहले आठ जुलाई को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश की राज्य सरकारों को सड़क […]