Categories
आज का चिंतन

जीवन की सबसे अनमोल पूँजी कोनसी है?*_

_* सफलता की इमारत बहुत समय पहले की बात है, एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। उनके गुरुकुल में साधारण परिवार के लड़को से लेकर बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के पुत्र भी पढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

चीफ जस्टिस रमना आखिर किस संविधान के प्रति जवाबदेह छोड़कर जा रहे हैं न्यायपालिका को

किस संविधान के लिए जवाबदेह छोड़ कर जा रहे हैं न्यायपालिका को। CJI रमना बता कर जाएँ। एक संविधान में दूसरा संविधान दे कर जा रहे हो, यही सत्य है। चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा था कि न्यायपालिका केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है लेकिन रिटायर होने से पहले बता कर जाइए कि […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने वाले मोहम्मद बिन बख्तियार खिलजी की ऐसे हुई थी मृत्यु

क्या आप जानते हैं कि विश्वप्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय को जलाने वाले जे हादी बख्तियार खिलजी की मौत कैसे हुई थी ??? असल में ये कहानी है सन 1206 ईसवी की…! 1206 ईसवी में कामरूप में एक जोशीली आवाज गूंजती है… “बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया […]

Categories
मुद्दा

प्रधानमंत्री के द्वारा भूलवश नहीं जानकर नहीं लिया गया महर्षि दयानंद जी का नाम* आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक*

*आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक* देश आजादी का 75 अमृत महोत्सव मना रहा था। जनता हर्षोल्लास से प्रफुल्लित थी ।घर घर तिरंगा लहराया जा रहा था। चौक चौराहे स्वतंत्रता दिवस के पर्व के रंग में सजे हुए थे। वही लाल किला के प्राचीर से ध्वजारोहण की तैयारी भी जोरों शोर से चल रही थी ।प्रतीक्षा थी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

पाणिनि : भाषा के इतिहास में युगप्रवर्तन का कार्य

~ ~~~~~~~~~~~~~ ईसापूर्व पांचवीं- शताब्दी का भारत कैसा था ? पाणिनि ने उस समय के लोकजीवन पर प्रामाणिक सामग्री अष्टाध्यायी में प्रस्तुत कर दी है । आचार्य वासुदेवशरण अग्रवाल का महत्त्वपूर्ण अनुसंधान-ग्रन्थ है >>पाणिनिकालीन भारतवर्ष ! उस समय के लोकजीवन के व्यवहार , जनपद , पर्वतनाम, नदी ,ग्रामनाम , नगर और वन , उससमय के […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

चारों वेदों की सरल शब्दों में जानकारी

सरल शब्दों में वेद प्रायः यह कहा जाता है कि वेद केवल विद्वानो के लिए है। वेद की भाषा और शैली दोनों नीरस हैं। वेदों के अर्थों के समझना और याद रखना कठिन है। इसी समस्या का हल है यह पुस्तकें। वेदमंत्रों का सरल भाषा मे शब्दार्थ और भावार्थ इनकी विशेषता है। विद्वान लेखक ने […]

Categories
स्वास्थ्य

मांसाहार से होने वाली हानि:

1; हावर्ड मेडिकल स्कूल के डा डी एस वर्न्सटीन के वर्षो के किए गए शोध के अनुसार मासाहारियो का मुत्र प्राय अम्लीय होता है फ़ल्तयः शरीर का पी एच को उदासीन रखने से हड्डिया कमजोर हो जाती है। 2; मासाहार से ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, थ्रोम्बोसिस, लकवा,गुर्दे, पित्ताश्य की पथरी, यकृत रोग आदि होते है। […]

Categories
आओ कुछ जाने

वयं राष्ट्रे जागृयामः पुरोहिता:

वयं राष्ट्रे जागृयामः पुरोहिता: हम पुरोहित हैं,, हम राष्ट्रदेव को जागृत रखते हैं,, कोई भी राष्ट्र जागृत रहता है उसमें रहने वाली प्रजा से,, वह सोई पड़ी है वह मूढ़ है वह स्वार्थों में घिरी है,,तो आज नहीं कल राष्ट्र भी विपत्तियों में घिर जाएगा,, वेदमन्त्र है–संशितं म इदं ब्रह्म संशितं वीर्यम बलम l संशितं […]

Categories
Uncategorised

महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के अमूल्य उपदेश

प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ ३१. सन्तानों को उत्तम विद्या, शिक्षा, गुण, कर्म और स्वभाव रूप आभूषणों का धारण कराना माता, पिता, आचार्य और सम्बन्धियों का मुख्य कर्म है। (सत्यार्थप्रकाश समुल्लास ३) ३२. शरीर और आत्मा सुसंस्कृत होने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्राप्त हो सकते हैं और सन्तान अत्यन्त योग्य होते हैं इसलिए संस्कारों […]

Categories
Uncategorised

करवट लेता इतिहास : पावागढ़ में लहराया गया 500 वर्ष बाद भगवा ध्वज

 अरुण कुमार सिंह गुजरात में पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित माता काली के मंदिर के शिखर पर 500 वर्ष बाद धर्म ध्वजा लहराई गई। लोगों का मानना है कि यह पुनीत कार्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण जैसा ही है गत 18 जून का दिन भारत और भारतीयता के लिए बहुत ही शुभ रहा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

Exit mobile version