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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम अध्याय- 57 : रामचंद्र जी का अयोध्या आगमन

श्री राम जी की आज्ञा पाकर हंसों से युक्त वह उत्तम पुष्पक विमान बड़ा शब्द करते हुए उड़कर आकाश में पहुंचा । उस समय उन्होंने लंका नगरी को बड़े ध्यान से देखा। तब रामचंद्र जी सीता जी से कहने लगे कि देखो! यह समर भूमि है। जहां पर असंख्य राक्षसों और वानरों का वध हुआ […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम अध्याय 56 श्री राम का अयोध्या के लिए प्रस्थान

रावण वध, विभीषण राज्याभिषेक और सीता जी की अग्नि परीक्षा के पश्चात जब वह रात्रि व्यतीत हुई और प्रात:काल हुआ तब शत्रु नाशक श्री राम सुखपूर्वक उठे। उस समय विभीषण हाथ जोड़ तथा ‘आपकी जय हो’ ऐसा कह कर बोले – आपके स्नान के लिए उत्तम अंगराग (उबटन) विविध प्रकार के वस्त्र और आभूषण तथा […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग – 405 (हिंदवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से ..) *छत्रपति शिवाजी महाराज की नेतृत्व क्षमता, अध्याय – 3*

डॉ राकेश कुमार आर्य *कि* सी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके अपने निजी गुणों से ही नापा जाता है। जैसे गुणावगुण उसके भीतर होते हैं और उनमें से जिसका अधिक अनुपात होता है, वैसा ही उस व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है। यदि कोई व्यक्ति अवगुणों से भरा हुआ है तो उसका व्यक्तित्व भी अवगुण से […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

राजा महाराजाओं के बहाने राहुल ने किया फिर किया हिंदू समाज का अपमान

राहुल गांधी ने कल सारे राजा महाराजाओं को लुटेरा और छिनैत बता दिया…. किसे किसे दुख तकलीफ हुई ?? बहुतों को हुई है, लेकिन आपत्ति जताते हुए कोई विशेष कुछ बोला नहीं। पर मोदी जी ने इस मुद्दे पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने आज पूछा है कि राजा महाराजा क्यो बोला..? शहंशाह या मुगल […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. जयद्रथ और अभिमन्यु -अध्याय 3

अ पने ज्येष्ठ पिताश्री धर्मराज युधिष्ठिर और अन्य पांडवों के आग्रह और आदेश को स्वीकार कर अभिमन्यु ने भयंकर युद्ध करना आरंभ किया। वह जिधर भी निकलता उधर ही कौरव दल में हड़कंप मच जाता। उसका साहस और उसकी वीरता आज देखने लायक थी। आज दैवीय शक्तियाँ भी अभिमन्यु की वीरता और युद्ध कौशल को […]

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संपादकीय

देश विरोधी शक्तियों का साथ देते राहुल गांधी ?

अमेरिका कभी भी वैश्विक राजनीति में भारत का मित्र नहीं रहा है। हर मोड़ पर इसने भारत को पटखनी देने का हर संभव प्रयास किया है। पाकिस्तान और चीन को भारत के विरुद्ध उकसाने की गतिविधियों में भी अमेरिका की सीआईए सक्रिय रही है। इसके साथ-साथ वहां के नेतृत्व ने भी भारत को नीचा दिखाने […]

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Uncategorised भाषा

हिंदी भाषा को लेकर कांग्रेस के लिए मोहम्मद शाह रंगीला तो आर्य समाज के लिए सावरकर और शिवाजी आदर्श रहे

जब 6 जून 1674 को शिवाजी महाराज ने ” हिंदवी स्वराज्य ” की स्थापना करते हुए राज्य सत्ता संभाली तो उन्होंने मुगलिया राज्य होने के कारण प्रशासनिक शब्दावली में आ गए अरबी और फारसी के शब्दों को दूर करने का अभियान आरंभ किया। उन्होंने अपने एक मंत्री रामचंद्र अमात्य को शासकीय उपयोग में आने वाले […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग- 404 [ हिंदी स्वराज के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज पुस्तक से …] हिंदू राष्ट्रनीति व हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज – भाग 2

शिवाजी का चरित्र शिवाजी के भीतर भारतीय संस्कृति के महान संस्कार कूट-कूट कर भरे थे । वह सदैव अपने माता – पिता और गुरु के प्रति श्रद्धालु और सेवाभावी बने रहे । उन्होंने कभी भी अपनी माता की किसी आज्ञा का उल्लंघन नहीं किया और पिता के विरुद्ध पर्याप्त विपरीत परिस्थितियों के होने के उपरांत […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …(अध्याय-2) “चक्रव्यूह और अभिमन्यु”

डॉ राकेश कुमार आर्य **म** हाभारत के संबंध में ऐसी अनेकों भ्रांतियाँ हैं जो मूल महाभारत में किसी और प्रकार से वर्णित की गई हैं और समाज में किसी और प्रकार से उनके बारे में भ्रांतियाँ पैदा कर ली गई हैं। अभिमन्यु के बारे में भी कई प्रकार की भ्रांतियाँ हैं – जैसे चक्रव्यूह तोड़ने […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत के 1235 वर्षीय स्वाधीनता संग्राम का इतिहास, भाग – 402 हिंदू राष्ट्रनीति व हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज, भाग – 1

डॉ राकेश कुमार आर्य सन 1674 तक शिवाजी अधिकांश प्रांतों या क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित कर चुके थे जो उन्हें पुरंदर की संधि के अंतर्गत मुगलों को देने पड़े थे । अतः अब वह अपने आपको राजा घोषित कराने की तैयारी करने लगे थे । उधर मुगलों ने जब शिवाजी महाराज के उद्देश्यों को […]

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