हमारे लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा? एक सामान्य जनधारणा है कि महाभारत एक कुरूवंश में राजा दुष्यंत और उनकी पत्नी शकुंतला के प्रतापी पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। लेकिन वही पुराण इससे अलग कुछ दूसरी साक्षी प्रस्तुत करता है। इस ओर […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा?
हमारे लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा? एक सामान्य जनधारणा है कि महाभारत एक कुरूवंश में राजा दुष्यंत और उनकी पत्नी शकुंतला के प्रतापी पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। लेकिन वही पुराण इससे अलग कुछ दूसरी साक्षी प्रस्तुत करता है। इस ओर […]
मोदी के बढ़ते कदम
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समय सर्वथा अनुकूल चल रहा है। इसलिए उनकी हर बात को प्रमुखता मिल रही है। जब लोग किसी उदीयमान व्यक्तित्व के गुणों की चर्चा और अवगुणों की उपेक्षा करने लगें तब मानना चाहिए कि प्रारब्ध की कोई बदरी जमकर बरसना चाहती है और यह भी कि यह व्यक्ति […]
मोदी के बढ़ते कदम
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समय सर्वथा अनुकूल चल रहा है। इसलिए उनकी हर बात को प्रमुखता मिल रही है। जब लोग किसी उदीयमान व्यक्तित्व के गुणों की चर्चा और अवगुणों की उपेक्षा करने लगें तब मानना चाहिए कि प्रारब्ध की कोई बदरी जमकर बरसना चाहती है और यह भी कि यह व्यक्ति […]
तुलसी के राम बाल्मीकि के राम से कई रूपों में भिन्न हैं। ऐसा प्रक्षेपों के कारण तो हुआ ही है साथ ही अर्थ का अनर्थ कर देने से भी हुआ है। असंगत अर्थों को और अतार्किक बातों को हमने पत्थर की लकीर मान लिया और लकीर के फकीर बनकर उन असंगत अर्थों को तोता की […]
तुलसी के राम बाल्मीकि के राम से कई रूपों में भिन्न हैं। ऐसा प्रक्षेपों के कारण तो हुआ ही है साथ ही अर्थ का अनर्थ कर देने से भी हुआ है। असंगत अर्थों को और अतार्किक बातों को हमने पत्थर की लकीर मान लिया और लकीर के फकीर बनकर उन असंगत अर्थों को तोता की […]
हिंदुत्व के पुजारी ठाकरे
‘किसी भी भाषा के एक ही शब्द में थोड़ा परिवर्तन कर देने मात्र से शब्दों के अर्थों में परिवर्तन आ जाया करता है। जैसे ताप, संताप, प्रताप और परिताप। ताप का अर्थ गर्मी है, संताप का अर्थ है-जो व्यक्ति को व्यथित करे, दुखी करे, प्रताप का अर्थ है जो किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित […]
हिंदुत्व के पुजारी ठाकरे
‘किसी भी भाषा के एक ही शब्द में थोड़ा परिवर्तन कर देने मात्र से शब्दों के अर्थों में परिवर्तन आ जाया करता है। जैसे ताप, संताप, प्रताप और परिताप। ताप का अर्थ गर्मी है, संताप का अर्थ है-जो व्यक्ति को व्यथित करे, दुखी करे, प्रताप का अर्थ है जो किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित […]
‘इस्लामिक द्विराष्ट्रवाद एवं संविधान
जब भारत स्वतन्त्र होने की प्रक्रिया से निकल रहा था तभी भारत के लिए संविधान निर्माण हेतु संविधान सभा का गठन हो गया था। 9 दिसम्बर 1946 से 26 नवम्बर 1949 तक 2 साल 11 महीने 18 दिन में बनकर यह संविधान तैयार हुआ था। हमारे संविधान निर्माताओं के सामने देश में द्विराष्ट्रवाद के सिद्घान्त […]
‘इस्लामिक द्विराष्ट्रवाद एवं संविधान
जब भारत स्वतन्त्र होने की प्रक्रिया से निकल रहा था तभी भारत के लिए संविधान निर्माण हेतु संविधान सभा का गठन हो गया था। 9 दिसम्बर 1946 से 26 नवम्बर 1949 तक 2 साल 11 महीने 18 दिन में बनकर यह संविधान तैयार हुआ था। हमारे संविधान निर्माताओं के सामने देश में द्विराष्ट्रवाद के सिद्घान्त […]