‘लीग ऑफ नेशन्स’ और भारतप्रथम विश्वयुद्घ 1914ई. से 1919 ई. तक चला। तब भारतवर्ष की राजनीतिक सत्ता अंग्रेजों के आधीन थी। विश्वयुद्घ की समाप्ति पर ‘लीग ऑफ नेशन्स’ की स्थापना की गयी। तब पराधीन भारत इस नये वैश्विक संगठन का सदस्य अपने बल पर नही बन सकता था, क्योंकि वह तब ‘राष्ट्र’ नही था। ऐसी […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
राज्योत्पत्ति का भारतीय सिद्घांतभारत के विषय में पिछले लेख में हम उल्लेख कर रहे थे कि भारत प्राचीनकाल से ही स्वतंत्रता प्रेमी देश रहा है। एक समय ऐसा था जब आर्यावर्त्त में राज्य और राजा नही होते थे। देश का शासन धर्म से शासित होता था। शनै:-शनै: इस व्यवस्था में विकार उत्पन्न हुआ और समाज […]
महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि रेगिस्तान में अरण्ड का पौधा भी बड़ा पेड़ दिखाई देता है। यही स्थिति समाज और राष्ट्र के लिए उस समय बन जाया करती है जब वास्तव में राष्ट्र में बड़े नेता ना हों और छोटे छोटे दीपक स्वयं को सूर्य समझने लगें या समझाने का प्रयास […]
जब लार्ड मैकाले भारत आया था तो यहां की न्याय व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था को दखकर दंग रह गया था। उसके आने से पूर्व सदियों से भारत विदशी शासकों की दासता से लड़ रहा था, परंतु अपनी न्याय व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था को बचान में वह सफल रहा था। सैकड़ों वर्ष […]
भारतीय संस्कृति का विदेशों में प्रचार-प्रसार मानवता का प्रचार-प्रसार था। मेधा के उपासक रहे हमारे पूर्वजों ने विदेशों को भी मेधा का उपासक बनाकर सुशिक्षित और सुसंस्कारित विश्व समाज के बनाने में सहयोग दिया। जीतकर भी विनम्र और मर्यादित रहना भारत की ही परंपरा है, अन्यथा तो लोग जीत में आपा खो देते हैं, पराजित […]
भाजपा के पी.एम. पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी को कांग्रेस के रणनीतिकार और केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम् ने पहली बार कांग्रेस के लिए ‘चुनौती’ माना है। पी. चिदंबरम् ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा से बचने की प्रवृत्ति को भी पार्टी के लिए चिंताजनक कहा है। उन्होंने कहा है कि […]
जब हम भारत वर्ष क अतीत क विषय मं जानन की इच्छा करत हैं, तो हमाराप्रचलित इतिहास हमं आज क खण्डित भारत की सीमाओं मं रहन क लिए ही बाध्यकरता है। इतिहास स शत्रुलखकों न उन गौरवपूर्ण पृष्ठों को विलुप्त कर दियाहै, जो ‘वृहत्तर-भारत’ का आभापूर्ण और शोभायमान चित्र प्रस्तुत कर सकतहैं।वृहत्तर भारत का वह […]
गीता का अनमोल गीत भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है। विश्व का कोई भी धर्म ग्रंथ इतने जीवनप्रद और ज्ञानप्रद संवादों को समाविष्ट कर ‘युद्घभूमि’ में खड़े होकर नही लिखा गया। सचमुच युद्घ में भी ‘जीवन और ज्ञान’ का उपदेश करना अनुपम और अद्वितीय है। क्योंकि जब सामने शत्रु सेना युद्घ के लिए उद्यत हो, […]
राजाओं की गौरवपूर्ण श्रंखला से कश्मीर का इतिहास भरा पड़ा है। जब हम कश्मीर के इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों का अवलोकन करते हैं तो ज्ञात होता है कि भारतीय संस्कृति को अपनी गौरव-गरिमा से लाभान्वित करने में कश्मीर के राजाओं ने महत्वपूर्ण योगदान किया। चूंकि यह योगदान अब से 1000 वर्ष पूर्व या उससे भी […]
प्रकाश पर्व दीपावली हमें अपने भीतर झांक कर देखने अर्थात अंतरावलोकन कर अपने भीतर व्याप्त सभी बुराईयों को समूल नष्ट कर उनके स्थान पर अच्छाईयों को रोपित करने और उन्हें पल्लवित व पुष्पित करने का सुअवसर प्रदान करता है। इस प्रकार यह पर्व आत्म निरीक्षण का पर्व है। जीवन को उत्थानवाद की ओर धकेलकर उसे […]