Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अपने स्वतन्त्रता सैनानियों को हमने बना दिया आदिवासी व जनजाति इत्यादि

गतांक से आगे… भारतीय इतिहास को विकृतीकरण से उबारने का आवाहन करते हुए स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अब यह हमारे लिए है कि (इतिहास की) शोध का हम अपना व्यक्तिगत स्वतंत्र मार्ग अपनावें और वेदों, पुराणों और अन्य प्राचीन ऐतिहासिक गृथों का अध्ययन करें, और जीवन की साधना बना देश का भारत भूमि […]

Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

विश्व को विश्वगुरू (भारत) ने दिया था राष्ट्र का वैज्ञानिक स्वरूप:भाग-2

गतांक से आगे….. राकेश कुमार आर्य इसीलिए महाभारत (अ. 145) में कहा गया है कि शासक को चाहिए कि भयातुर मनुष्यों की भय से रक्षा करे, दीन दुखियों पर अनुग्रह करे, कर्त्तव्य अकर्त्तव्य को विशेष रूप से समझे, तथा राष्ट्र हित में संलग्न रहे। सबको यह कामना करनी चाहिए कि राष्ट्र में पवित्र आचरण वाले […]

Categories
संपादकीय

बापू साधु हैं या बहेलिया

आशाराम बापू के ‘कुकृत्य’ से धर्म की पुन: हानि हुई है। दुष्टता जब किसी कथित महापुरूष के सिर चढ़कर ‘पाप के घड़े’ के रूप में फूटती है, तो दुख ना केवल ऐसे किसी महापुरूष के अनुयायियों को होता है, अपितु उसके ना मानने वालों को भी होता है। क्योंकि ऐसे ‘पापकृत्यों’ के कारण लोग फिर […]

Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

विश्व को विश्वगुरू (भारत) ने दिया था राष्ट्र का वैज्ञानिक स्वरूप

डा. संपूर्णानंद का कथन है कि-’विज्ञान के नाम पर अपनी ज्ञान धरोहर को एकदम खारिज कर दिया जाए यह भी अंधविश्वास का ही एक प्रकार है, क्योंकि सही विज्ञान को परीक्षण के अनंतर ही निष्कर्ष निकालता है। अपनी वैदिक परंपरा तो जांच की परंपरा रही है, उसे जांचें और उस जांच में कुछ त्याज्य पायें […]

Categories
संपादकीय

84 कोसी यात्रा: अखिलेश का राजहठ उचित नही

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है जिसने विहिप द्वारा अयोध्या की 84 कोसी यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है और भाजपा को प्रदेश में नई ऊर्जा से भरने का अवसर उपलब्ध करा दिया है। कांग्रेस ने सपा और भाजपा को इस समय मुस्लिम और हिंदू मतों का अपने-अपने पक्ष में धु्रवीकरण करते देखकर […]

Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत को सदियों से आलोकित रखा है बप्पारावल की देशभक्ति ने

भारत की जनता या भारत के नरेश जितने बड़े स्तर पर किसी विदेशी अक्रांता को चुनौती देते थे, उतने ही बड़े स्तर पर विजयी होने पर विदेशी अक्रांता यहां नरसंहार, लूट, डकैती और बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया करता था। महमूद ने भी वहीं-वहीं अधिक नरसंहार कराया जहां-जहां उसे अधिक चुनौती मिली। वस्तुत: ऐसा […]

Categories
संपादकीय

महारथी से अधिरथ बना भारतीय नेतृत्व

स्वतंत्रता दिवस की 66वीं वर्षगांठ भारत मना रहा है। इस पावन अवसर पर हम एक दूसरे को शुभकामनाएं प्रेषित कर रहे हैं। सचमुच पिछले 66 वर्षों में हम दो चार कदम नही अपितु मीलों चले हैं, बहुत कुछ किया गया है। बहुत कुछ किया जा रहा है पर जितना किया गया या किया जा रहा है […]

Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

जब स्वतंत्रता के लिए बिना राजा के ही लड़ती रहीं जातियां

भारतीय इतिहास अदभुत रोमांचों से भरा पड़ा है। यह सच है कि विदेशी इतिहासकारों ने उन रोमांचपूर्ण किस्से कहानियों के सच को इतिहास में स्थान नही दिया। इसके विपरीत हमें समझाया और पढ़ाया गया कि तुम्हारा अतीत कायरता का रहा। दूसरे, तुम सदा युद्घ में पराजित हुए हो, तीसरे, तुममें  कभी भी राष्ट्रवाद की भावना नही रही, चौथे-हिंदुओं की […]

Categories
संपादकीय

न्याय की भाषा हिन्दी बनाम देश की दूसरी आजादी

हिंदी हमारी राजभाषा है। पर वास्तव में राजभाषा अभी तक अंग्रेजी ही है। देश के सभी उच्च न्यायालयों व सर्वोच्च न्यायालय की भाषा तो पूर्णत: अंग्रेजी है। इन सभी न्यायालयों में वादों की सुनवाई और आदेशों का निष्पादन अंग्रेजी में ही होता है। अब इस प्रकार के न्यायालयों के अंग्रेजी मोह को समाप्त करने के […]

Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हिदुत्व के व्यापक विरोध के कारण गनजवी 10 प्रतिशत भारत भी नही जीत पाया था

आनंदपाल के पश्चात उसके पौत्र भीमपाल ने अपने महान पूर्वज राजा जयपाल की वीर और राष्टभक्ति से परिपूर्ण परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस शिशु राजा को पुन: कुछ अन्य राजाओं ने सैन्य सहायता देने का निश्चय किया। अत: एक बार पुन: देशभक्ति का एक रोमांचकारी वातावरण देश में बना। राजा ने झेलम […]

Exit mobile version