यह काल नि:संदेह भारत में मुस्लिम शासन में ही आया था। अन्यथा हमारी तो मान्यता थी कि- ‘यंत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है। हमने माता को निर्माता माना। व्यष्टि से समष्टि तक में उसकी प्रधानता को और उसकी महत्ता को स्वीकार किया। […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
अलवर का प्राचीन इतिहास राजस्थान के अलवर क्षेत्र ने भी समय आने पर भारत की अस्मिता की रक्षार्थ अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके विषय में मान्यता है कि महाभारत कालीन शाल्व नामक राजा ने इसे बसाया था। राजा शाल्व कार्तिकावल्क का शासक था। उस समय अलवर का नाम कार्तिकावल्क ही रखा गया था। इसे […]
पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-47
भावना मिट जायें मन से पाप अत्याचार की गतांक से आगे……… तब ऐसी बुद्घि व्यक्ति से पवित्र कार्य कराती है, व्यक्ति की धैर्य शक्ति में वृद्घि करती है, उसे सहनशील बनाती है। ठिकाने पर आयी बुद्घि से जो अनुष्ठान किया जाता है-उसमें आस्था और श्रद्घा के साथ जुड़ी बुद्घि ही विवेकशील होती है। उसी बुद्घि […]
तुलसीदास के राम कहते हैं… तुलसीदास जी ने रामचंद्र जी के मुख से ‘परशुराम-राम संवाद’ के समय कहलवाया है :- छत्रिय तनु धरि समर सकाना, कुल कलंकु तेहिं पावर आना, कहऊं सुभाऊ न कुलहि प्रसंसी, क ालहु डरहिं न रन रघुबंसी अर्थात क्षत्रिय का शरीर धरकर जो युद्घ में डर गया, उस नीच ने अपने […]
पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-46
भावना मिट जायें मन से पाप अत्याचार की कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को स्वाभिमान का प्रश्न बना लेता है, और उन्हीं में बह जाता है। बात-बात पर कहने लगता है कि-यह बात तो मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंचा गयी, और कोई भी व्यक्ति मेरे स्वाभिमान को चोटिल नहीं कर […]
पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-45
भावना मिट जायें मन से पाप अत्याचार की वैदिक संस्कृति में गृहस्थ धर्म को सर्वोत्तम माना गया है। वेद ने एक सदगृहस्थ का चित्र खींचते हुए कहा है :- ”तुम दोनों व्यवहारों में (पति-पत्नी की ओर संकेत है) सदा सत्य बोलते हुए भरपूर धन कमाओ। हमारी प्रभु से कामना है कि यह पत्नी तुझ पति […]
तीन तलाक और संविधान पीठ
तीन तलाक के मुद्दे पर एक ठोस और सकारात्मक पहल करते हुए केन्द्र सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से चार प्रश्न पूछे हैं। जिनमें पहला है कि क्या ‘तलाक-एक-बिद्दत’ (एक बार में तीन तलाक देना) निकाह, हलाला और बहुविवाह को संविधान के अनुच्छेद 25 (1) (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) में संरक्षण प्राप्त है? […]
महात्मा विदुर का मानना है कि राजा को चाहिए कि वह राजा कहलाने और राजछत्र धारण करने मात्र से ही संतुष्ट रहे, अर्थात राजा का ऐश्वर्य उसका राजा कहलवाना और राजछत्र धारण करना ही है। उसे चाहिए कि राज्य के ऐश्वर्यों को राज्यकर्मचारियों और प्रजा के लिए छोड़ दे, उनमें बांट दे, सब कुछ अकेला […]
पासबां जब चोर हो तो..
13 अप्रैल 1919 भारतीय इतिहास का वह ‘काला दिवस’ है जिसे ‘जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड’ के लिए जाना जाता है। उस समय देश के स्वातंत्रय समर का क्रांतिकारी आंदोलन अपने यौवन पर था। कांग्रेस के नेता अक्सर यह कहते मिलते हैं कि देश की स्वतंत्रता के लिए हमने ही बलिदान दिये हैं-भाजपा जैसे दलों का स्वतंत्रता […]
देवासुर संग्राम का सत्य
हमें स्मरण रखना होगा कि संसार में मानव की मानवी और दानवी प्रवृत्तियों में एक शाश्वत संघर्ष चलता रहा है। इसे ‘देवासुर संग्राम’ की संज्ञा भी दी जाती है। मानव के भीतर का मानव उसे सृजनशील बनने के लिए प्रेरित करता है। उसे संसार के लिए उपयोगी और सकारात्मक बनाये रखने के लिए प्रोत्साहित करता […]