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आओ कुछ जाने देश विदेश संपादकीय स्वर्णिम इतिहास

क्या है ‘गणराज्य’ या गणतंत्र?

संविधान के अधीन सभी प्राधिकारों का स्त्रोत भारत के लोग हैं। भारत एक स्वाधीन राज्य है और अब वह किसी बाहरी प्राधिकारी के प्रति निष्ठावान नहीं है। हमारे देश का राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति है। अब इस पद सहित किसी भी पद पर भारत के नागरिक की नियुक्ति होना संभव है। […]

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अन्य राजनीति संपादकीय

गठबंधन नहीं ‘घटिया’ बंधन है ये

भारत का लोकतंत्र बड़े-बड़े अजूबों से भरा है। यहां लोगों को भ्रमित करने के हथकंडे अपनाने वाले राजनीतिज्ञों की कमी नहीं है। कदम-कदम पर ऐसी बारूदी सुरंगें बिछाने की शतरंजी चालों को चलने में हमारे नेता इतने कुशल हैं कि सारे विश्व के राजनीतिज्ञ संभवत: इनसे मात खा जाएंगे। निश्चित रूप से ये बारूदी सुरंगें […]

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राजनीति संपादकीय

अखिलेश, राहुल और मुलायम

उत्तर प्रदेश में चुनावी संघर्ष नये-नये रूप दिखा रहा है। ‘महाभारत’ आरंभ हो गया है। किस रथी या महारथी को किस पक्ष से लडऩा है-यह भी पूर्णत: निश्चित हो चुका है। इस दौरान कुछ मनोरंजक दृश्य भी देखने को मिल रहे हैं। सपा के ‘अर्जुन’ बने अखिलेश ने युद्घ आरंभ कर दिया है-पर आज के […]

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आर्थिकी/व्यापार संपादकीय

एक संतुलित और दूरगामी बजट

केन्द्रीय वित्तमंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा प्रस्तुत 2017-18 वित्तीय वर्ष का आम बजट कई मामलों में अनूठा और सराहनीय है। इस बजट को पहली बार एक फरवरी को प्रस्तुत किया गया है, इससे पूर्व रेल बजट और आम बजट फरवरी के अंत में आया करते थे, रेल बजट को रेलमंत्री तथा आम बजट को भारतीय […]

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राजनीति संपादकीय

शाह, बादशाह और शाहजादे

आजकल जुमलों की राजनीति का दौर है। इस समय पांच प्रांतों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में हर राजनीतिक  दल ने एक दूसरे पर जुमले उछाल-उछालकर हमला करने तेज कर दिये हैं। भाजपा में मोदी और अमित शाह की जोड़ी अपने विरोधियों पर तीखे वार करने के लिए जानी जाती हैं, उनकी देखा […]

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राजनीति संपादकीय

अमित शाह की भाजपा कांग्रेस की राह पर

पांच राज्यों में टिकट बंटवारे को लेकर वैसे तो हर दल में इस समय मारामारी का माहौल है पर यह माहौल भाजपा में कुछ अधिक ही है। इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि इस पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए टिकटों के सर्वाधिक दावेदार इसी पार्टी के मंच पर आये हैं। […]

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राजनीति संपादकीय

बापू चाचा की विरासत और राहुल गांधी

महाभारत में भीष्म पितामह युधिष्ठिर से कहते हैं :-”जो राजा सदा प्रजा के पालन में तत्पर रहता है, उसे कभी हानि नही उठानी पड़ती। भरत नंदन! तुम्हें तर्कशास्त्र और शब्दशास्त्र दोनों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। गांधर्व शास्त्र (संगीत) और समस्त कलाओं का ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। तुम्हें प्रतिदिन ब्राह्मण ग्रंथ, इतिहास, उपाख्यान तथा […]

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संपादकीय

देश के सैनिकों की ‘मन की बात’

भारत की सेना की शानदार परंपरा रही है और इस शानदार परंपरा को हमारे वीर देशभक्त सैनिकों ने भूखे रहकर भी निभाने का हरसंभव प्रयास किया है। उन्होंने देश के दर्द को अपने प्राणों से भी अधिक प्राथमिकता दी है, और देश के दर्द के निवारण के लिए अपने अनेकों बलिदान दिये हैं। अपने दर्द […]

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मनु की राजव्यवस्था

मनु की राज्य व्यवस्था और रामभरत संवाद भाग-4

गतांक से आगे…….. एक अध्यापक को अपने उसी शिष्य से विशेष स्नेह होता है जो पढऩे में सदा अग्रणी रहता है, चरित्रवान है, आज्ञाकारी है। जबकि उस अध्यापक को अपने उस शिष्य से कोई स्वार्थ नहीं है पर फिर भी वह उसे ही अधिक स्नेह करता है तो केवल इसलिए कि वह शिष्य कत्र्तव्य परायण […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

हिन्दू विरोध की चल रही है आत्मघाती नीति

हिन्दू इस भारतीय राष्ट्र की चेतना शक्ति का नाम है, इसकी आत्मा है। हिन्दुत्व उस प्रसुप्त शक्ति का नाम है जो इस राष्ट्र में राष्ट्रवाद की भावना को जगाकर सारे राष्ट्र को आंदोलित और चेतनामय करने की क्षमता और सामथ्र्य रखती है। भारत का यह दुर्भाग्य रहा कि इस प्रसुप्त शक्ति को सोई हुई शक्ति […]

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