Categories
संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-5

इन सारी विकृतियों से मुक्त समाज ‘आर्य समाज’ ही होगा। उसे चाहे आप जो नाम दे लें। किंंतु वह समाज वास्तव में मानव समाज कहलाएगा। जिसकी ओर बढऩे के लिए हमको वेद ने आदेशित करते हुए कहा कि-‘मनुर्भव:’ अर्थात मनुष्य बन। श्रेष्ठ मानव समाज और कर्म और विज्ञान के समुच्चय में विश्वास रखने वाले मानव […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति विशेष संपादकीय संपादकीय

विश्वात्मा भाषा: संस्कृत

भारत जब-जब भी भारतीयता की और भारत केे आत्म गौरव को चिन्हित करने वाले प्रतिमानों की कहीं से आवाज उठती है, तो भारतीयता और भारत के आत्मगौरव के विरोधी लोगों को अनावश्यक ही उदरशूल की व्याधि घेर लेती है। अब मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहीं संस्कृत के लिए कुछ करना चाहा […]

Categories
मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

इन घोटालों पर कौन सोचेगा?

भारत में ऐसी-ऐसी मूर्खताएं शासन स्तर पर की गयी हैं कि उनसे देश का भारी अहित हुआ है। आज जबकि मोदी सरकार देश में भ्रष्टाचार के विरूद्घ आंदोलन छेड़ रही है, और बिहार में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को भ्रष्टाचार के शिकंजे में लाकर देश के बड़े भ्रष्टाचारियों को जेल की हवा खिलाने […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-3

जब तक ये तथ्य हमारे सामने नहीं लाये जाएंगे-तब तक हमारे भीतर इस शब्द को अपनाने में हीन भाव बना रहेगा। वस्तुत: हिन्दू एक चुनौती का नाम है, जिसका पर्याय काला, काफिर आदि हो ही नहीं सकते। यह चुनौती वही है जो मध्यकाल में हमारे पूर्वजों द्वारा विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं को दी जाती रही, और […]

Categories
राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

‘गया नीतीश आया नीतीश’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू की भालू पार्टी से मुक्ति पाकर पुन: मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। यह त्यागपत्र प्रत्याशित था। जिस समय बिहार में महागठबंधन किया गया था, उसी समय अधिकांश राजनीतिक समीक्षकों की दृष्टि में यह निश्चित था कि यह ‘गठबंधन’ कुछ समय पश्चात ‘लठबंधन’ […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-2

आर्य ईश्वर पुत्र है। इस प्रकार आर्यत्व एक जीवनशैली है जो जीवन को उत्कृष्टता में ढालती है। उसमें नियमबद्घता, क्रमबद्घता, शुचिता, परोपकारिता, उद्यमशीलता आदि के भाव जागृत कर उसे उच्चता प्रदान करती है। इसीलिए ‘कल्पद्रुम’ में आर्य शब्द का अर्थ पूज्य, श्रेष्ठ, धार्मिक, उदार, कल्याणकारी और पुरूषार्थी कहा है तथा निरूक्त में-‘श्रेष्ठ सज्जन साधव:’ कहकर […]

Categories
मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

कुछ नई पहल करें नये राष्ट्रपति

भारत के शीर्ष संवैधानिक पद अर्थात राष्ट्रपति के रूप में श्री रामनाथ कोविन्द ने 25 जुलाई को अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभालते समय देश के सवा अरब लोगों को संविधान की रक्षा का भरोसा दिलाया और बड़ी विनम्रता व सादगी का प्रदर्शन किया। नये राष्ट्रपति को संसद के केन्द्रीय हॉल में […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय

वेद उस घाट का नाम है जहां पूरा हिन्दू समाज जाकर अपनी ज्ञान की प्यास बुझाता है। इस घाट से कोई भी व्यक्ति बिना तृप्त हुए नहीं लौटता। सभी स्नातक होकर लौटते हैं, अर्थात स्नान कर लौटते हैं और यह स्नान आत्मिक ज्ञान का स्नान है। जिसमें आत्मा पूर्णानन्द की अनुभूति करता है। ऐसा स्नान […]

Categories
राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

प्रणव दा का अन्तिम सन्देश

प्रणव मुखर्जी अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति हो गये हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि उनका व्यक्तित्व असाधारण है और उन्हें अपने जीवन में राष्ट्रपति के रूप में नहीं अपितु प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र की सेवा करने का अवसर मिलना चाहिए था। परंतु कांग्रेस में जब तक एक ही परिवार की आरती उतारने […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

15 अगस्त सन 1947 और भारत का विभाजन, भाग-3

15 अगस्त सन 1947 और भारत का विभाजन, भाग-3अंग्रेज शासक राष्ट्र की एकता और अखण्डता को निमर्मता से रौंदता रहा और हम असहाय होकर उसे देखते रहे। इनसे दर्दनाक और मर्मांतक स्थिति और क्या हो सकती है? कांग्रेस इस सारे घटनाक्रम से आंखें मूंदे रही। उसकी उदासीनता सचमुच लज्जाजनक है। बर्मा, रंगून और माण्डले की […]

Exit mobile version