राष्ट्र भाषा हिन्दी की दुर्गति, भाग-3 भारत में संविधान के अंदर एक दर्जन से भी अधिक भारतीय भाषाओं को मान्यता प्रदान कर दी गयी है। यदि राजभाषा हिंदी अपने सही ढंग से उन्नति करती और उसकी उन्नति पर हमारी सरकारें (केन्द्रीय और प्रांतीय दोनों) ध्यान देतीं तो आज जो क्षेत्रीय भाषाई लोग अपनी-अपनी भाषाओं को […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
पूर्णत: सजग भारत की सजग विदेश नीति : भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में भारत की विदेशनीति पर उठाये गये विपक्ष के प्रश्नों का जिस प्रकार उत्तर दिया-उससे विपक्ष की बोलती बंद हो गयी। उसके पास कोई प्रति प्रश्न नहीं था। विदेशमंत्री के स्पष्टीकरण से लगा कि भारत की वर्तमान विदेशनीति […]
उठो! स्वाभिमानी भारत के निर्माण के लिए. पाकिस्तान ने अपने जन्म के पहले दिन से ही भारत के लिए समस्याएं खड़ी करने का रास्ता अपनाया। पराजित मानसिकता के इतिहास बोध से ग्रसित भारत के शासक वर्ग ने पाकिस्तान द्वारा देश में और देश के बाहर बोयी गयी समस्याओं के काटने पर तो ध्यान दिया, पर […]
संसार में अधिकांश झगड़े, वाद-विवाद और कलह क्लेश हमारी जिह्वा पर हमारा नियंत्रण न होने के कारण होते हैं। रसना और वासना व्यक्ति की सबसे बड़ी शत्रु हैं। जिह्वा का नियंत्रण समाप्त हुआ नहीं कि कुछ भी घटना घटित हो सकती है। जिह्वा के विषय में यह भी सत्य है कि- रहिमन जिह्वा बावरी कह […]
जिस देश की अपनी कोई भाषा नहीं होती- वह बैसाखियों पर चलता है। ऐसे देश की स्वाधीनता उधार होती है, उसकी आस्थायें उधार होती हैं, उसकी मान्यतायें और परम्परायें भी उधार होती हैं। जब ऐसी परिस्थितियां किसी देश के समाज में बन जाया करती हैं तब इस देश का सांस्कृतिक पतन होने लगता है। आज […]
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण को अनिवार्य घोषित कर सामाजिक सुधारों की दिशा में एक क्रांतिकारी निर्णय लिया है। इस निर्णय से महिला अधिकारों की रक्षा होगी, साथ ही इसका सीधा लाभ उन मुस्लिम महिलाओं को अधिक मिलेगा जिनके पति उनकी बिना स्वीकृति और सहमति के किसी अन्य […]
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा का स्तर दिया गया। हिंदी को ही राजभाषा भी माना गया। संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार हिंदी भारत की राजभाषा तथा देवनागरी इसकी लिपि है। यह दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि व्यवहार में हमारा यह संवैधानिक अनुच्छेद हमारा राष्ट्रीय संकल्प न बनकर केवल कागज का […]
1962 में देश चीन के हाथों परास्त हुआ। तब हमारे तत्कालीन नेतृत्व ने अपनी भूलों पर प्रायश्चित किया और सारे देश को यह गीत गाकर रोने के लिए बाध्य किया-‘ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी।’….हम अपने उन शहीदों की पावन शहादत पर रो रहे थे-जिनके हाथों से बंदूक छीनकर हमने […]
भारत बनाम इण्डिया जिस प्रकार अंग्रेजों के आगमन से सदियों वर्ष पूर्व से इस देश को इंडिया कहा जाता था, उसी प्रकार मुस्लिमों के आगमन से सदियों पूर्व इसे हिंद भी कहा जाता था। हजरत मोहम्मद साहब से 1700 वर्ष पूर्व हुए प्रसिद्घ कवि ‘लबि बिन अखताब’ की कविताओं का सम्मेलन अब्बासी खलीफा हारून रशीद […]
हम उस देश के वासी हैं
भारत के गौरव पर प्रकाश डालते हुए मैक्समूलर ने अपनी पुस्तक इंडिया व्हाट कैन इज टीच असष् में लिखा है. यदि मैं विश्वभर में से उस देश को ढूंढने के लिए चारों दिशाओं में आंखें उठाकर देखूं जिस पर प्रकृति देवी ने अपना संपूर्ण वैभवए पराक्रम तथा सौंदर्य खुले हाथों लुटाकर उसे पृथ्वी का स्वर्ग […]