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कविता

दिव्य भाव से करो मित्रता

जीवन में छल छद्मों से, बचता चल – तू बचता चल। मार्ग बना निष्कंटक अपना, पाप-घात से बचता चल ।। जितने भर भी दिव्य भाव हैं, चुनता चल तू – चुनता चल। जितने भर भी दुष्ट भाव हैं, मन से दूर हटाता चल।। भव्य भाव में जीना दुर्लभ , पर नहीं असंभव कुछ भी। दिव्य […]

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संपादकीय

क्रांतिकारी संन्यासी और भारत की राजनीति

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर कई बार चर्चाओं आ चुके हैं। उनकी मानें तो योगी आदित्यनाथ जैसे भगवाधारी साधु संतों को राजनीति में नहीं रहना चाहिए। अब इस बात को कहकर खड़गे अपनी राजनीतिक हताशा का प्रदर्शन कर रहे हैं या वह वास्तव में इस बात के प्रति […]

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कविता

अंधकार नहीं रोक सका है

जीवन की हारी बाजी को, जो हार गया- सो हार गया। जिसने पलटा इस पासे को, वह पार गया – वह पार गया।। अंधकार नहीं रोक सका है, कभी सवेरे को जग में। गहन निशा भी छंट जाती है, संकल्प धार लो यदि मन में।। नियम शाश्वत चलता आया, जहां अंधेरा, होता वहीं सवेरा। जहां […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग – 414

(हिन्दी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से..) महान पेशवा बाजीराव प्रथम – अध्याय 12 जैसा कि हम पूर्व अध्याय में ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बालाजी विश्वनाथ की मृत्यु के उपरांत उनके पुत्र बाजीराव प्रथम को मराठा साम्राज्य का अगला वंशानुगत पेशवा बनाया गया। बाजीराव प्रथम अपने उत्कृष्ट सैनिक गुणों, नेतृत्व […]

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कविता

कहीं यौवन की धूप मचलती है….

कोई माथा पीट रहा जग में, एक धेला उसके पास नहीं। कोई कुबेर बना बैठा जग में, दुख का तनिक आभास नहीं।। कोई बनी कोठी को त्याग रहा , कोई कब्ज़ा करता कोठी पर। कोई भोजन को भी त्याग रहा, कोई लड़ता देखा रोटी पर।। कोई रक्त बहाता बंधु का, कोई निज रक्त लुटाता बंधु […]

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राजनीति संपादकीय

प्राथमिकताएं तय करनी होंगी मुख्यमंत्री फडणवीस को

अभी हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव के परिणामों की यदि निष्पक्षता के साथ समीक्षा की जाए तो पता चलता है कि इन चुनावों में देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की जनता की पहली पसंद रहे । इसलिए यदि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तो यह बहुमत के जनमत का स्वागत ही माना […]

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कविता

संसार समर है तुम योद्धा हो

संसार क्षेत्र में संबंध निभाना, हर किसी के वश की बात नहीं। रो – रोकर जो काटें जीवन को, ढंग जीने का उनको ज्ञात नहीं।। संसार समर है तुम योद्धा हो, किरदार निभाना भूल गए। अमृत चखने तुम आए थे, यहां नींद नशे में टूल रहे।। अपनों को अपना कह न सके, कभी कष्ट निवारक […]

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इतिहास के पन्नों से

ओ३म् से ‘बोम’ तक पहुँचा अफगानिस्तान

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से .. आजकल अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है उससे हम भारतवासियों को बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। हमें यह पता होना चाहिए कि अफगानिस्तान कभी भारतवर्ष का एक अंग हुआ करता था। आर्यावर्त कालीन अनेकों सम्राटों का इस क्षेत्र पर शासन रहा है। उस समय वैदिक संस्कृति […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग – 413

हिंदवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से .. महान पेशवा बालाजी विश्वनाथ – अध्याय 11 मराठा शासनकाल में प्रधानमंत्री को ही पेशवा कहा जाता था। राजा की अष्टप्रधान परामर्शदात्री परिषद में इसका स्थान सबसे प्रमुख होता था। इसलिए बराबर वालों में प्रथम या प्रधान होने के कारण यह पद प्रधानमंत्री का पद […]

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राजनीति संपादकीय समाज

संभल विवाद की वास्तविकता

1947 में जब देश आजाद हुआ तो एक मिथक कांग्रेस की ओर से गढ़ा गया कि देश को आजाद कराने में हिंदू – मुस्लिम दोनों समुदायों का बराबर का योगदान है । यद्यपि मुस्लिम अपने लिए अलग देश लेने में सफल हो गए थे, परन्तु जो मुसलमान उस समय देश में रह गए थे, उनका […]

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