25 दिसंबर 1861 को जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक दैदीप्यमान नक्षत्र हैं । उन्होंने गांधी जी के साथ रहकर भी और गांधीजी से अलग होकर भी मुस्लिम तुष्टीकरण जैसी उनकी राष्ट्रघाती नीतियों का विरोध किया था । मालवीय जी से पहले स्वामी दयानंद जी ने सत्यार्थ – प्रकाश हिन्दी […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
प्रतिष्ठा में श्रीमान नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली महोदय सादर प्रणाम । एक समाचार के अनुसार राजस्थान की पथमेड़ा गौशाला में इस समय 135 से ₹140 किलो गौमूत्र बेचा जा रहा है । जिससे किसानों को बड़ा लाभ पहुंच रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती जा रही है। समाचार में कहा […]
” मैं तो आपका ही बंदा हूँ ” रंग चढ़ा उस देश का मस्ती का चढ़ा नूर । रब की मस्ती छा गई क्लेश भए सब दूर ।। लक्ष्मण देव से माधोदास बने बैरागी अब किसी दूसरे संसार में रहने लगे थे । इस संसार के भौतिक ऐश्वर्य अब उन्होंने त्याग दिए थे । अब […]
हमारे समाज में यह आम धारणा है कि रावण को रामचंद्र जी महाराज के द्वारा दशहरा के दिन मारा गया था । लोगों की यह भी धारणा है कि तभी से विजयदशमी का त्यौहार हमारे देश में मनाया जाना आरम्भ हुआ । परंतु बाल्मीकि रामायण के साक्ष्यों पर यदि विश्वास करें तो समाज की यह […]
आज हमारे पूज्य पिता श्री महाशय राजेंद्रसिंह आर्य जी की 108 वी जयंती है । इस अवसर पर मैं आपके लिए क्या लिखूं ? यह सोच रहा था । तब विचार आया कि क्यों ना आज इतिहास के एक महानायक भीष्म पितामह के विषय में कुछ लिखा जाए । उसी की परिणति है यह आलेख […]
आज क्रांतिकारियों के सिरमौर श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती है । आज ही के दिन 1857 में , जो कि भारतीय इतिहास में क्रांति वर्ष के नाम से विख्यात है , हमारे इस क्रांति पुत्र का जन्म हुआ था । श्यामजी कृष्ण वर्मा ही हमारे वह क्रांति नायक हैं , जिनसे क्रांतिवीर सावरकर , मदन […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारे सभी शास्त्रों में ईश्वर की चर्चा है और वेद सहित अनेक ग्रन्थों में ईश्वर के स्वरूप व उसके गुण, कर्म व स्वभाव का वर्णन भी है। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज के दूसरे नियम में ईश्वर के सत्यस्वरूप पर प्रकाश डाला है। इस नियम के अनुसार ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारे सभी शास्त्रों में ईश्वर की चर्चा है और वेद सहित अनेक ग्रन्थों में ईश्वर के स्वरूप व उसके गुण, कर्म व स्वभाव का वर्णन भी है। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज के दूसरे नियम में ईश्वर के सत्यस्वरूप पर प्रकाश डाला है। इस नियम के अनुसार ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, […]
क्या है इतिहास की सही परिभाषा
इतिहास की भारतीय विद्वानों के अनुसार परिभाषा कुछ इस प्रकार स्थापित की जा सकती है :— ” इतिहास धर्म का रक्षक है , संस्कृति का पोषक है , मानवता का उद्धारक है, समाज का मार्गदर्शक है , राष्ट्र का उन्नायक है और अतीत में हुई दुर्घटनाओं से शिक्षा लेकर मर्यादा पथ को प्रशस्त करने वाले […]
———————————————– लक्ष्मण देव से बने बैरागी माधोदास क्रांतिकारी नेताओं को जन्म देने में भारत भूमि प्राचीन काल से ही उर्वरा भूमि के रूप में जानी जाती रही है । यहां पर ऋषियों ने भी क्रांति की है । जिन्होंने अपने अद्भुत आविष्कारों से संसार को चमत्कृत किया और उसको नए – नए आविष्कारों का लाभ […]