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इतिहास के पन्नों से

वीतराग सन्यासी की भांति जीवन जीने वाली राजधानी माता पन्ना गुजरी

राजा का रमणीय भवन एक सम्राट ने अपनी राजधानी के मध्य में एक बहुत बड़ा भवन बनवाया। वह भवन बहुत ही सुदृढ़ विशाल और सुंदर था। जो कोई भी राजा के पास आता वह उस भव्य भवन की प्रशंसा किये बिना नही रहता था। इससे राजा को बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति होती थी। एक बार […]

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इतिहास के पन्नों से

मातृभूमि की स्वतंत्रता के हितार्थ किया पन्ना ने अपने पुत्र चंदन का बलिदान

मैं संन्यासी हूं तो क्या हुआ? बात 1957 की है। आर्य समाजी नेता महाशय कृष्ण धर्मशाला की कारागार में बंदी का जीवन यापन कर रहे थे। उनके सुपुत्र वीरेन्द्र और महात्मा आनंद स्वामीजी भी उन्हीं के साथ बंदी बनाकर रखे गये थे। महाशय कृष्ण अब वृद्घ हो चले थे, इसलिए कोई न कोई व्याधि उनका […]

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आज का चिंतन

विश्व गुरु के रूप में भारत खोदता था आकाश में कुंआ

तालाबों को प्राचीन काल में हमारे पूर्वज लोग बड़ा स्वच्छ रखा करते थे। पर आजकल तो इनमें कूड़ा कचरा और गंदी नालियों का गंदा पानी भरा जाता है। यही स्थिति नदियों की है। जो वस्तु हमारे जीवन का उद्घार करने में सहायक थी उन्हें ही हमने अपने लिए विनाश का कारण बना लिया है। हमें […]

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आज का चिंतन

भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि के अवसर पर

आज पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि है ।आजीवन मां भारती की सेवा में रत रहे ‘ भारत रत्न ‘ उदारमना महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी स्वतंत्रता मिलने से लगभग 10 महीने पहले इस असार संसार से चले गए थे । उनके जीवन पर जितना भी लिखा जाए उतना कम है । उन्होंने प्रत्येक […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वप्नद्रष्टा : वीर बंदा बैरागी

—————————————— अध्याय — 11 ” वीर बनकर लड़ो ” जैसा कि हमारे अन्य कितने ही इतिहास पुरुषों के साथ अन्याय करते हुए इतिहासकारों ने उनके विषय में भ्रामक तथ्यों का समावेश भारतीय इतिहास में करने का पाप किया है , वैसा ही हमारे इस महानायक बंदा वीर बैरागी के बारे में भी किया गया है […]

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महत्वपूर्ण लेख

राष्ट्र की आत्मा और मर्यादा की जीत

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बीते 70वर्षों से चले आ रहे अयोध्या मामले में ऐतिहासिक निर्णय देकर अपनी विश्वसनीयता , न्यायप्रियता और निष्पक्षता को संपूर्ण विश्व के सामने एक बार फिर स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है ।बीते कई सप्ताहों में देश के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात का सबसे महत्वपूर्ण […]

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राष्ट्र निर्माण की राष्ट्र नीति का उदय

स्मरण रहे कि एक बार महर्षि अरविंद ने सन् 1926 में कहा था कि “किसी भी प्रकार से मुसलमानों को तुष्ट करने का प्रयास मिथ्या कूटनीति है…. एक तरफा ध्यान करके सभी राष्ट्रीय कार्यों में लगकर राष्ट्र के विकास के मार्ग पर चलते रहते तो मुसलमान भी अपने आप धीरे धीरे राष्ट्रीय कार्यों में लगते।” […]

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आज का चिंतन

कौन है पराली जलाने का वास्तविक अपराधी

पिछले कुछ वर्षों से हर वर्ष दीपावली के आसपास पराली से पूरा एनसीआर पीड़ित हो उठता है । अब प्रश्न यह है कि इस पराली को जलाकर एनसीआर सहित देश के कई भागों में लोगों के लिए ‘ डेथ चेंबर ‘ बनाने की इस प्राणलेवा घटना का जिम्मेदार कौन है ? सचमुच इस प्रश्न पर […]

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आज का चिंतन

7 नवंबर को गौ भक्तों के बलिदान दिवस पर विशेष : कहां गई गोचर भूमि ?

1976ई. में स्व. श्रीवेणीशंकर मु. वासु ने एक लेख लिखा था जिसका शीर्षक था-‘‘कहां गयी गोचर भूमि’’। लेख बड़ा तथ्यपरक और मार्मिक था, जो आज भी हमारी सरकार और हमारे देश वासियों की उस सामूहिक चेतना को झंकृत करने की सामथ्र्य रखता है, जो इस समय गाय के विषय में पूर्णत: उदासीन है, या मर […]

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कविता

इतिहास बेचने वाले गद्दारो

भारत लहू की धार से कभी अपमानित नहीं हुआ , तू-इतिहास पर हमला कर देश को लज्जित किया- जम्मू द्वीपे आर्यवृते के भारत भूखंड पर प्रकृति की गोद में हुआ मानव जन्म प्रकृति की वाणी की पुत्री संस्कृत हुई प्रथम सूर्य की किरण से धरती पवित्र हुई भौतिकवाद की माता बनी भारत आध्यात्मिक धार,गंगा से […]

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