-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में तीन अनादि सत्तायें वा पदार्थ हैं जो ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से वैदिक साहित्य में वर्णित किये गये हैं। वेदों की भाषा मनुष्यकृत न होकर परमात्मा की अपनी भाषा है। वेद की संस्कृत भाषा के शब्द भी परमात्मा के द्वारा प्रयुक्त होने से उसके द्वारा उत्पन्न वा […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
भारत के क्रांतिकारी इतिहास में भारत की महान वीरांगनाओं का योगदान कभी भी विस्मृत नहीं किया जा सकता । यहां पर अनेकों ऐसी महान वीरांगनाएं हुईं हैं जिन्होंने समय आने पर अपने देश के लिए और देश की आन , बान शान के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया । ऐसी ही एक महान […]
——————————————- अध्याय — 12 तान कर सीना चला एक पुजारी कई दिनों से यज्ञ कर रहा था , किंतु उसे अपने इष्टदेव के दर्शन नहीं हो रहे थे। इसी बीच राजा विक्रमादित्य वहां से निकले जा रहे थे । उन्होंने पुजारी की ओर देखा तो उसके चेहरे पर छाए भावों को देखकर उन्हें यह समझने […]
महाराष्ट्र में सरकार किसकी हो ?- इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा एनसीपी की सरकार भी बन सकती है और शिवसेना , कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सरकार भी बन सकती है । तीसरा विकल्प इन राजनीतिक विश्लेषकों की दृष्टि में यह भी […]
ओ३म् =====xxx======= हमारा देश भारत संसार का सबसे प्राचीनतम देश है। सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने मनुष्य जीवन की उन्नति व मनुष्यों के सर्वविध कल्याण के लिए वेदों का सर्वोत्तम ज्ञान एवं संस्कृत भाषा प्रदान की थी। संस्कृत विश्व की सर्वोत्तम भाषा है। मनुष्य का कर्तव्य है कि वह जिस में जन्म लेता व […]
डॉ अवधेश कुमार अवध विश्वविख्यात वैज्ञानिक/ गणितज्ञ आइंस्टीन और गौस के सिद्धांतों को चुनौती देकर प्रसिद्धि पाने वाले महान गणितज्ञ नहीं रहे। नासा में अपोलो मिशन लांचिंग के दौरान तीस कम्प्यूटर अचानक फेल हो गए, उसी क्षण पेन से सटीक कैलकुलेशन देकर अभियान सफल कराने वाले महान गणितज्ञ हमें छोड़कर चले गए। चक्रीय सदिश समष्टि […]
वेद ने मनुष्य से अन्य प्राणियों के प्रति मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे-अर्थात प्रत्येक प्राणी को अपना मित्र समझो, ऐसा व्यवहार करने का निर्देश दिया है। इसलिए अपने मित्रों के बीच रहकर कोई अनपेक्षित और अवांछित प्रतियोगिता वेद ने आयोजित नही की, अपितु सबको अपने अपने मर्यादा पथ में जीवन जीने के लिए स्वतंत्र छोड़ा। एक मनुष्य […]
भारत में लोकतंत्र की बहुत स्वस्थ प्रणाली प्राचीन काल से कार्य करती रही है । लोकतांत्रिक स्वस्थ प्रणाली के अंतर्गत समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुयोग्यतम संतान को राष्ट्र के लिए प्रदान करता आया है । विज्ञान की मान्यता है कि हर पिता की पहली संतान उसके अधिकतम गुणों को लेकर उत्पन्न होती है। यही […]
======xx======xx====== अधिकांश मनुष्य प्रायः ईश्वर की भक्ति व उपासना करते हैं। संसार में अनेक प्रकार की उपासना पद्धतियां प्रचलित हैं। कुछ तो ऐसी हैं जो मनुष्य को मंजिल वा लक्ष्य से दूर भी करती हैं। उपासना करने का कारण भी अवश्य कुछ है? वह क्या है, इसका उत्तर वेद एवं वैदिक साहित्य पढ़ने के बाद […]
यूं कहने को तो भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है परंतु वास्तविकता यह है कि भारत में लोकतंत्र कहीं पर भी नहीं है । जी हां , जो राजनीतिक पार्टियां लोकतंत्र लोकतंत्र का शोर मचाती हैं यदि उनकी भी चीर फाड़ की जाए तो पता चलता है कि लोकतंत्र तो उनके […]