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महत्वपूर्ण लेख

महिलाओं के संवैधानिक अधिकार

भारत में संवैधानिक रूप से महिलाओं के कई प्रकार के वैधानिक अधिकारों की घोषणा की गई है । संविधान प्रदत्त अधिकारों की इस व्यवस्था के उपरांत भी महिलाओं पर अत्याचार होना सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है । इसका अभिप्राय है कि या तो महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं या व्यवस्था ने संवैधानिक अधिकारों के […]

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पर्यावरण

यज्ञ द्वारा जीवन की सफलता शुद्ध सामग्री और व्यवहार से ही संभव

ओ३म् ========== वैदिक धर्म ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिसके पास परमात्मा का सृष्टि के आरम्भ में दिया हुआ वेद ज्ञान उपलब्ध है। सृष्टि की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष पूर्व तिब्बत में हुई थी। परमात्मा ने प्रथम बार अमैथुनी सृष्टि करके स्त्री व पुरुषों को युवावस्था में उत्पन्न किया था। यह मान्यता ऋषि दयानन्द […]

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आज का चिंतन

महान विदुषी महिला गार्गी का महर्षि याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ , भाग – 2

गार्गी ने चाहे जितने भी प्रश्न ऋषि याज्ञवल्क्य से पूछे , उन सबके पूछने के पीछे कारण यही था कि वह याज्ञवल्क्य ऋषि की सर्वोत्कृष्टता और सर्वश्रेष्ठता को सिद्ध कर देना चाहती थी । वह नहीं चाहती थी कि ऋषि याज्ञवल्क्य के बारे में कल को कोई यह कहे कि वह गायों के सींगों के […]

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इतिहास के पन्नों से

वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी क्यों मांगी ?

डॉ विवेक आर्य वीर सावरकर पर राहुल गाँधी द्वारा पुन: बयान दिया गया है। पूर्व में मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी मांगने के नाम पर गद्दार तक कहा था। भारत देश […]

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व्यक्तित्व

सुप्रसिद्ध ऋषि भक्त भजनोपदेशक पंडित ब्रजपाल शर्मा कर्मठ स्मृति शेष हो गए

ओ३म् ============ संसार का नियम है कि सृष्टि बनती है और उसके बाद उसकी प्रलय आती है। सूर्योदय होता है और कुछ समय बाद अस्त हो जाता है तथा रात्रि के बाद पुनः सूर्याेदय होता है। इसी प्रकार से जीवात्माओं का मनुष्य आदि अनेक योनियों में जन्म होता है और बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा […]

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धर्म-अध्यात्म

बलशाली व संगठित मनुष्य एवं समुदाय ही सुरक्षित रह सकते हैं

ओ३म ========== परमात्मा ने जीवात्माओं को स्त्री या पुरुष में से एक प्राणी बनाया है। हम सामाजिक प्राणी हैं। हम अकेले नहीं रह सकते। परिवार में माता-पिता, दादी-दादा, भाई-बहिन, बच्चे व अन्य कुटुम्बी-जन होते हैं। परिवार समाज की एक इकाई होता है। परिवार प्रायः संगठित होता है। जो परिवार विचारों एवं भावनाओं की दृष्टि से […]

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इतिहास के पन्नों से

जब जवाहरलाल नेहरू ने सरदार पटेल के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को किया था मना

सरदार पटेल की 15 दिसम्बर पुण्यतिथि है. मुंबई के बिड़ला हाउस में इसी दिन 1950 में सुबह नौ बजकर सैंतीस मिनट पर सरदार पटेल ने आखिरी सांस ली थी. महापुरुष दो प्रकार के होते हैं, कुछ की याद उनके निधन के बाद कम होने लगती है, जबकि कुछ की याद बढ़ती जाती है.’ लौहपुरुष सरदार […]

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आज का चिंतन

महान विदुषी महिला गार्गी का महर्षि याज्ञवल्क्य शास्त्रार्थ , भाग – 1

भारतीय इतिहास में ऐसी अनेकों महान नारियां हुई हैं जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता , ज्ञान – विज्ञान में निष्णात होने और प्रत्येक क्षेत्र में पुरुष की बराबरी कर अपने धर्म का पालन किया। प्राचीन काल में गर्गवंश में वचक्नु नामक महर्षि थे, जिनकी पुत्री का नाम वाचकन्वी गार्गी था। बृहदारण्यक उपनिषद् में इनका ऋषि याज्ञवल्क्य के […]

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इतिहास के पन्नों से

विदुषी महिला भारती और आदि शंकराचार्य

भारत की ऐसी अनेकों नारियां हुई हैं जिन्होंने ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अपने वे वैदुष्य का परचम लहराया है । इन्हीं में से एक महान विदुषी भारती थीं । जो कि उस काल के परम विद्वान मंडन मिश्र की पत्नी थीं ।आदि शंकराचार्य एक ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने अपने समय में […]

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धर्म-अध्यात्म

सभी विद्वानों का कर्तव्य लोगों को श्रेष्ठ गुण संपन्न मनुष्य बनाना

=========== मनुष्यों की सन्तानें जन्म के समय व उसके बाद ज्ञान की दृष्टि से ज्ञानहीन होती हैं। उन बच्चों को उनके माता-पिता, कुटुम्बी जन तथा आचार्यगण ज्ञान देते हैं। यदि माता-पिता व आचार्य आदि बच्चों को ज्ञान न दें तो वह सद्ज्ञान व सद्गुणों का ग्रहण नहीं कर सकते। माता-पिता व आचार्यों का यही मुख्य […]

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