यह जीवन है अबुझ पहेली हँस-हँस कर सुलझाना । भटक चुके हैं कई बटोही तुम भी भटक न जाना ।। पीड़ा की क्रीड़ा को समझो तभी समझ में आएगा । बिन समझे जो कदम बढ़ाया वह निश्चय पछतायेगा।। बिन सोचे समझे प्रियवर मत तम में तीर चलाना । यह जीवन है————- जग का हर व्यवहार […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
ओ३म् =========== जिस समाज व देश में अनेक विचारधारायें, मत- मतान्तर आदि हों वहां एक विचारधारा व सिद्धान्तों के लोगों को संगठित रहना चाहिये अन्यथा वह सुरक्षित नहीं रह सकते। इतिहास में उदाहरण देखे जा सकते हैं कि हमारी जाति का महाभारत युद्ध से लेकर आज तक क्या हश्र हुआ है। महाभारत के समय पूरे […]
—————————————– अध्याय 17 मुगलिया शासन व्यवस्था और बंदा बैरागी धरती के फैले आंगन में पल दो पल है रात का डेरा, जुल्म का सीना चीर के देखो , झांक रहा है नया सवेरा , ढलता दिन मजबूर सही , चढ़ता सूरज मजबूर सही , रात के राही रुक मत जाना , सुबह की मंजिल दूर […]
ओ३म् ============ यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ही ज्ञान होता है। अतः चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ज्ञान की पुस्तकें हैं। इन चारों वेदों पर ऋषि दयानन्द का आंशिक और अनेक आर्य वैदिक विद्वानों का भाष्य वा टीकायें उपलब्ध हैं। […]
पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को कभी आसाम के नाम से ही जाना जाता था । हमारे देश की ये वह पवित्र धरती है जो विदेशियों की गुलामी में कभी नहीं रही , यदि अल्पकाल के लिए रहा भी तो उसे बहुत शीघ्र ही हमारे वीर योद्धाओं ने स्वतंत्र करा लिया । इस क्षेत्र में हमारे […]
डॉ अजय खेमरिया “मोदी है तो मुमकिन है”यह नारा पिछले लोकसभा चुनावों में जमकर चला।यह भारतीय मतदाताओं को भी खूब भाया और 2014 की तुलना में ज्यादा सीटें देकर जनता ने नरेन्द्र मोदी को फिर से देश की कमान सौंपी।दुबारा सत्ता में आने के बाद’ मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे को सार्थक बनाने […]
ललित गर्ग कहते हैं कि पानी की असल अहमियत वही शख्स समझता है, जो तपते रेगिस्तान में एक बूंद पानी की खोज के लिए मीलों भटका हो। वह शख्स पानी की कीमत क्या जाने, जो नदी के किनारे रहता है। भारत के कई राज्यों में पीने के पानी की भारी समस्या है और उसके […]
रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसने न केवल भारत वासियों को बल्कि संसार के अन्य देशों के निवासियों को भी एक सुव्यवस्थित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है । इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सहित अन्य अनेकों पात्रों की ऐसी गंभीर मर्यादानुकूल भूमिकाएं हैं कि उन्हें यदि आज का समाज स्वीकार कर ले तो संसार […]
महर्षि दयानन्द ने अपने उद्बोधन, पत्रों तथा अन्यान्य लेखन में सर्वत्र महिला-उत्पीडऩ के विरुद्ध कार्य करने के निर्देश दिए हैं। यद्यपि महाभारत युद्ध के बाद समाज में अनेक दुर्गुणों का समावेश हो गया था और जहाँ राजधर्म विखण्डित हुआ वहीं समाज में विभिन्न प्रकार की दुर्नीतियाँ प्रचलित हो गईं। 8वीं शताब्दी के बाद इस्लामी आक्रमण […]
प्रवीण गुगनानी गाजियाबाद । ( ब्यूरो डेस्क ) तो अंततः देश विभाजन के तुरंत बाद किया जाने वाला बहू प्रतीक्षित व प्राकृतिक न्याय वाला कार्य अब पूर्ण हुआ और संसद ने नागरिकता संशोधन बिल पारित कर दिया। चाणक्य ने कहा था कि ऋण, शत्रु और रोग को समय रहते ही समाप्त कर देना चाहिए। जब […]