आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार राजनीति में न कोई किसी का मित्र और न ही कोई बैरी। सियासत के अखाड़े में उतरने से पूर्व आम आदमी पार्टी के संयोजक और पार्टी के अन्य कर्णधार जो कांग्रेस के इशारे पर अपनी रोजी-रोटी चला रहे थे। संसद में सत्तारूढ़ कांग्रेस भ्रष्टाचार से घिरी थी तो दिल्ली के रामलीला मैदान […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
—————————————- अध्याय 20 अद्वीतीय बलिदान बंदा वीर बैरागी को गिरफ्तार करके मुगल सैनिकों ने उसे काजियों के समक्ष प्रस्तुत किया । बंदा बैरागी की गिरफ्तारी मुगल सैनिकों के लिए बहुत बड़े उत्सव का कारण बन गई थी । क्योंकि उन्हें यह सफलता बहुत भारी हानि के पश्चात मिली थी । यदि इस समय भी सिक्ख […]
इतिहास की विशेषता इतिहास किसी जाति के अतीत को वर्तमान के संदर्भ में प्रस्तुत कर भविष्य की संभावनाओं को खोजने का माध्यम है। इतिहास अतीत की उन गौरवपूर्ण झांकियों की प्रस्तुति का एक माध्यम होता है जो हमारी आने वाली पीढिय़ों को ऊर्जान्वित करता है और उन्हें संसार में आत्माभिमानी, आत्म सम्मानी और स्वाभिमानी बनाता […]
——————————– —– अध्याय — 19 स्वतंत्रता हमसे दूर चली गई वीर सावरकर ने लिखा है कि :— ” 17 वीं शताब्दी के प्रारंभ से अर्थात प्राय: शिवाजी के जन्म से ही हिंदू मुसलमानों के संघर्ष में रणदेवता के निर्णय में एक आश्चर्यजनक परिवर्तन देखा जाने लगा । पहले जहां हिंदू मुस्लिम संघर्ष में अंतिम पराजय […]
देश के थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि जो देश में हिंसा भड़काए या आग लगाए वह व्यक्ति नेता नहीं हो सकता । जनरल रावत ने चाहे चाहे जिस नेता के लिए भी ऐसा कहा हो , परंतु वर्तमान की परिस्थितियों को देखकर उनके इस वक्तव्य का बहुत गहरा अर्थ है। सचमुच […]
देश अभी ईसा मसीह के जन्म दिवस की खुशियों में डूबा हुआ है । धर्मनिरपेक्षता का राग हमारे सिर पर किस कदर चढ़कर बोल रहा है इस बात का पता हमारे इस आचरण से चल जाता है कि हम ने 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल को , पंडित मदन मोहन मालवीय जी और अटल बिहारी […]
महाभारत युद्ध के पश्चात आज के दिन अर्थात 25 दिसंबर को सूर्य के उत्तरायण में आने के पश्चात भीष्म पितामह अर्थात उस समय के सबसे बड़े व्यक्ति ने प्राण त्याग किया था , इसीलिए विश्व आज भी इस महत्वपूर्ण घटना को ‘बड़ा दिन ‘ अर्थात ‘ महान दिवस : कहकर सम्मान देता है और हम […]
ईसाइयत की मार झेलते हुए झारखंड ने अपना निर्णय दे दिया है । देश के कई लोगों के लिए यह खुशी का विषय है कि फिर वही लोग सत्ता में आ गए हैं जिनके कारण ईसाईकरण की प्रक्रिया इस देश में बलवती हुई । हमने उस विचार और विचारधारा को झारखंड में ठुकरा दिया है […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार लगता है 1555 में नॉस्त्रेदमस द्वारा की गयीं भविष्यवाणियां परवान चढ़ रही है। दूसरे, चाणक्य के कथन को देखें कि “जब देश के राजा के विरुद्ध शोर मचे, समझ लो राजा सख्त है।” भी चरितार्थ होती प्रतीत हो रही है।नागरिक संशोधन कानून पर हो रहे उपद्रवों से मोदी सरकार को लेशमात्र भी […]
शहीदी दिवस 23 दिसंबर पर विशेष शुद्धि आंदोलन में स्वामी श्रद्धानन्द (1856- 1926) का स्थान अमर है। आगरा में 13 फरवरी,1923 की क्षत्रिय उपकारिणी सभा की बैठक में उन्हें बुलाया गया था। इसमें सनातनी, आर्यसमाजी, सिख, जैन भी आए थे। यहीं ‘भारतीय हिन्दू शुद्धि सभा’ का गठन हुआ। इसी के दस दिन बाद स्वामी जी […]