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भारतीय संस्कृति

देश में गुरुकुल होंगे तभी आर्य समाज को वेद प्रचारक विद्वान मिल सकते हैं

ओ३म् ========== परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में वेदों का ज्ञान दिया था। इस ज्ञान को देने का उद्देश्य अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न व उसके बाद जन्म लेने वाले मनुष्यों की भाषा एवं ज्ञान की आवश्यकता को पूरा करना था। सृष्टि के आरम्भ से लेकर महाभारत काल पर्यन्त भारत वा आर्यावत्र्त सहित विश्व भर की […]

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इतिहास के पन्नों से

जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की बहादुरी को नमन : जब चीन को हराया था भारत ने

अपने पाठकों के लिए हम बताना चाहेंगे कि 1962 के युद्घ के 5 वर्ष पश्चात ही 1967 में चीन ने एक बार फिर प्रयास किया था कि भारत को एक बार फिर चुनौती दी जाए और उसे मार का एक और ‘सदमा’ दिया जाए, परंतु तब तक परिस्थितियां बदल चुकी थीं । सिक्किम उस समय […]

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इतिहास के पन्नों से

जब अपनी ताकत दिखाने के लिए जिन्ना ने कराया था कत्लेआम

विपिन खुराना 16 अगस्त 1946। पूर्वी बंगाल का मुश्लिम बहुल्य नोआखाली जिला। यहाँ अधिकांश दो ही जाति के लोग हैं, गरीब हिन्दू और मुस्लिम। हिंदुओं में 95 फीसदी पिछड़ी जाति के लोग हैं, गुलामी के दिनों में किसी भी तरह पेट पालने वाले। लगभग सभी जानते हैं कि जिन्ना का “डायरेक्ट एक्शन” यहाँ लागू होगा […]

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देश विदेश

अमेरिका पाक की बढ़ती नजदीकियों के चलते भारत सतर्क

नई दिल्ली। ईरान के जनरल सुलेमानी की हत्या के बाद खाड़ी के क्षेत्र में जो नए समीकरण बन रहे हैं उसको लेकर भारत को अब ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है। खास तौर पर जिस तरह से अमेरिका ने पाकिस्तान से संपर्क किया है वह भारत के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है। सोलेमानी की […]

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महत्वपूर्ण लेख

ऐतिहासिक भूल का सुधार है नागरिकता संशोधन अधिनियम

शिव प्रकाश धर्म के आधार पर हुए देश के बंटवारे को स्वीकार कर कांग्रेस ने जो ऐतिहासिक भूल की थी उसका परिणाम भुगतने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह गए लाखों करोड़ों हिंदु, सिख, बौद्ध, पारसियों और ईसाइयों के हितों की सुरक्षा का उपाय केंद्र की भाजपा सरकार ने कर दिया है। नागरिकता संशोधन […]

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आज का चिंतन

संस्कृत भाषा है भारत क प्राण

एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला अर्थात शस्त्र और शास्त्र का उचित समन्वय बनाना आर्य हिंदू संस्कृति का एक बहुत ही गहरा संस्कार है । भारत की चेतना में यही संस्कार समाविष्ट रहा है । इसी संस्कार ने समय आने पर संत को भी सिपाही बनाने में देर नहीं की । इसी […]

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संपादकीय

भारत की चेतना के मूल स्वर हैं हमारे ये ध्येय वाक्य

हमारे देश के संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष के द्वार के ऊपर पंचतंत्र का एक संस्कृत श्लोक अंकित है। वह श्लोक इस प्रकार है :– अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।।(पंचतंत्र 5/38) हिन्दी में इस श्लोक का अर्थ है:- “यह निज, यह पर, सोचना, संकुचित विचार है। उदाराशयों के लिए अखिल विश्व […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वपन द्रष्टा बंदा वीर बैरागी

—————————————- अध्याय 21 बैरागी के जीवन का सिंहावलोकन जब भारत देश को मिटाने के अकल्पनीय , अकथनीय और अमानवीय प्रयास हो रहे थे और जब विदेशी शक्तियां हमें प्रत्येक प्रकार से मसलकर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए यहां पर सक्रिय थीं , तब यहां पर बंदा बैरागी जैसे व्यक्तित्व का आविर्भाव सचमुच बहुत महत्व […]

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महत्वपूर्ण लेख

वर्तमान राजनीति को भी आवश्यकता है पंच प्यारों की

देश के थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि जो देश में हिंसा भड़काए या आग लगाए वह व्यक्ति नेता नहीं हो सकता । जनरल रावत ने चाहे चाहे जिस नेता के लिए भी ऐसा कहा हो , परंतु वर्तमान की परिस्थितियों को देखकर उनके इस वक्तव्य का बहुत गहरा अर्थ है। सचमुच […]

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इतिहास के पन्नों से

नव वर्ष की शुभकामनाएं आज नहीं

आज ईसाई नववर्ष है । अंग्रेजों के राजा किंग जॉर्ज का जन्म दिवस है । जिसे अंग्रेजों के डोमिनियन रहे अधिकांश देश 1752 से इसी रूप में मनाते चले आ रहे हैं । भारत में भी जिनके मन मस्तिष्क से गुलामी अभी उतरी नहीं है , वे इस दिवस को बड़ी धूमधाम से मना रहे […]

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