ओ३म् ========== परमात्मा ने हमें मानव शरीर और इसमें पांच ज्ञानेन्द्रियां एवं पांच कर्मेन्द्रियां दी हैं। हमारे नेत्र हमारी ज्ञानेन्द्रिय है जो हमें स्थूल दृश्यों का दर्शन कराती हैं। अपने नेत्रों से हम स्वयं को व दूसरे मनुष्यो, अन्य प्राणियों एवं पृथिवी, वृक्ष, सूर्य, चन्द्र, जल आदि पदार्थों को देखते हैं। वेद से हमें ज्ञात […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार फ़िल्म ‘छपाक’ के प्रमोशन के लिए पब्लिसिटी स्टंट के चक्कर में जेएनयू जाने वाली दीपिका पादुकोण को बॉक्स ऑफिस पर तगड़ा झटका तो लगा ही है, साथ ही उनकी ब्रांड वैल्यू को भी चोट पहुँची है। दीपिका पादुकोण जिन ब्रांड्स का प्रचार करती हैं, उनकी विजिबिलिटी में कमी आई है। वामपंथियों के […]
भारत को क्रांति के माध्यम से स्वतंत्रता दिलाने का संकल्प ले चुके नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजीवन अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बने रहे थे। अपनी योजना को फलीभूत करने के लिए 22 जून 1940 को वह सावरकर जी से मिल चुके थे और उनसे आशीर्वाद ले चुके थे कि उन्हें भारत छोड़कर रासबिहारी बोस […]
भारत को क्रांति के माध्यम से स्वतंत्रता दिलाने का संकल्प ले चुके नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजीवन अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बने रहे थे। अपनी योजना को फलीभूत करने के लिए 22 जून 1940 को वह सावरकर जी से मिल चुके थे और उनसे आशीर्वाद ले चुके थे कि उन्हें भारत छोड़कर रासबिहारी बोस […]
पाकिस्तान स्थित मुल्तान बार काउंसिल की बैठक में अल्पसंख्यक विरोधी निर्णय आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जहाँ एक तरफ भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के नाम पर ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ के नारे लगते हैं, उसी जिन्ना के पाकिस्तान में ऐसा प्रस्ताव पास किया गया है जिससे वहाँ के अल्पसंख्यकों की स्थिति का अंदाज़ा हो जाता […]
विश्व का कोई भी देश नहीं चाहता युद्ध
-ललित गर्ग- अमेरिका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनाव से बनती विश्व युद्ध की स्थितियों ने समूची दुनिया को संकट में डाल दिया है। इन वैश्विक तनावों के बीच व्यापार और तकनीकी संघर्ष के चलते वैश्विक बाजार अस्थिर हो रहे हैं, विकास की गति मंद हो रही है, महंगाई बढ़ती जा रही है, मानव जीवन […]
संस्कृत भाषा है भारत के प्राण
एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला अर्थात शस्त्र और शास्त्र का उचित समन्वय बनाना आर्य हिंदू संस्कृति का एक बहुत ही गहरा संस्कार है । भारत की चेतना में यही संस्कार समाविष्ट रहा है । इसी संस्कार ने समय आने पर संत को भी सिपाही बनाने में देर नहीं की । इसी […]
1947 में भारत के पहले शिक्षामंत्री बने मौलाना अबुल कलाम आजाद। उन्होंने कांग्रेस के द्वारा अपनी वर्धा योजना के अंतर्गत भारत के लिए प्रस्तावित की गई शिक्षा नीति के अंतर्गत भारत के शिक्षा संस्कारों को बिगाड़ने का काम आरंभ किया।उन्होंने ही इतिहास का विकृतिकरण करते हुए मुस्लिम मुगल शासकों को हिंदू शासकों की अपेक्षा कहीं […]
आज हम आपको आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य दार्शनेय लोकेश जी के एक तार्किक और तथ्यात्मक विश्लेषण से अवगत कराते हैं। जिसके अनुसार यह सिद्ध होता है कि मकर संक्रांति वास्तव में 14 या 15 जनवरी को नहीं बल्कि 22 दिसंबर को प्रत्येक वर्ष आती है। उसी दिन हमें यह पर्व मनाना भी चाहिए […]
जमशेदपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में ख्याति प्राप्त यहां के श्री देसी पोद्दार का कहना है कि मेरा बिहार स्टेट बार काउंसिल के द्वारा लाइसेंस सन 1999 में निर्गत किया गया था । उसी वर्ष सन 1999 में ही मैंने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ( डीबीए ) की सदस्यता ग्रहण की । स्टेट बार कौंसिल से […]