पाकिस्तान के जाने-माने लेखक खलील-उर-रहमान ने एक टीवी डिबेट के दौरान एक महिला के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद उनका विरोध शुरू हो गया है। खलील ने लाइव टीवी न्यूज़ डिबेट के दौरान पाकिस्तानी महिला पत्रकार मारवी सिरमद के ख़िलाफ़ टिप्पणी की। दरअसल, खलील पाकिस्तान में चल रहे ‘औरत मार्च’ पर चर्चा में हिस्सा […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
मुस्लिमों पर ईसाई देशों की ज्यादती… लेकिन विदशी मीडिया करती है वॉर कवरेज! आजकल विदेशी मीडिया को भारत के आंतरिक मामलों में बहुत दिलचस्पी रहती है। साल 2014 के बाद तो इसमें इजाफा हो गया है। हिन्दू राष्ट्रवाद को आधार बनाकर भारत को मुस्लिम अथवा अल्पसंख्यक विरोधी बताने का झूठा प्रचार किया जा रहा है। […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगे के दौरान आईबी के अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अंकित के शरीर के हर हिस्से पर चाकू मारे गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उन्हें 400 से अधिक बार गोदा गया था। इस मामले में आप के निलंबित पार्षद […]
*मंदिर :-* मंदिर सिर्फ एक देव या देवी स्थल ही नहीं होता था बल्कि एक बड़े समुह या जनता या जनसंख्या को एकत्रित, संयोजित और संगठित करने हेतु साधन होता था। आपने इतिहास को खोदें तो आप पाएंगे की मंदिर राजाओं तथा महाराजाओं के द्वारा ही बनाया गया है। और मंदिर में दर्शन करने हेतु […]
गीता उपदेश और एकात्म मानववाद
भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से गीता में धर्मयुद्ध का उपदेश दिया है । उन्होंने अर्जुन को धर्मयुद्ध के लिए प्रेरित करते हुए उसे स्पष्ट संदेश दिया कि यदि होने वाले युद्ध में तुम युद्ध के उपरांत जीवित रहे तो इस संपूर्ण वसुधा का राज्य भोगने का सौभाग्य तुम्हें प्राप्त होगा और यदि इस युद्ध […]
आर्यावर्त कालीन आर्य राजाओं की यह विशेषता रही कि वे भारतवर्ष की केंद्रीय सत्ता के प्रति सदैव निष्ठावान रहे । सुदूर प्रांतों में अलग स्वतंत्र राज्य होने के उपरांत भी केंद्र की सत्ता के प्रति वे अपनी आस्था को वैसे ही बनाए रहे जैसे एक पुत्र अपने पिता के प्रति निष्ठावान बना रहता है । […]
पशु प्रवृत्ति चर रहीं, जीवन रूपी खेत। चंदन कोयला बन रहा, चेत सके तो चेत॥1255॥ व्याख्या:- चंदन के वृक्ष की यह विशेषता है कि वह जहां उगता है, वहां के आस-पास के वृक्षों में भी अपनी जैसी खुशबू पैदा कर देता है। चंदन की नायाब खुशबू के कारण चंदन की लकड़ी बड़ी महँगी बिकती है।कल्पना […]
अब जिस-जिस गुण से जिस-जिस गति को जीव प्राप्त होता है उस-उस को आगे 11 श्लोकों के द्वारा लिखते हैं- देवत्वं सात्त्विका यान्ति मनुष्यत्वञ्च राजसाः। तिर्यक्त्वं तामसा नित्यमित्येषा त्रिविधा गतिः।।१।। से इन्द्रियाणां प्रसंगेन धर्मस्यासेवनेन च। पापान् संयान्ति संसारान् अविद्वांसो नराधमाः।।११।। तक जो मनुष्य सात्त्विक हैं वे देव अर्थात् विद्वान्, जो रजोगुणी होते हैं वे मध्यम […]
दक्षिणी एशिया पर कुछ लिखने के पूर्व दक्षिण भारत में आबाद द्रविड़ जाति की उत्पत्ति का विवरण विस्तारपूर्वक हो जाना चाहिए। क्योंकि पाश्चात्यों और उनके द्वारा शिक्षा पाए हुए कतिपय एतद्देशीय विद्वानों का मत है कि भारतवर्ष के मूल निवासी कोल और द्रविड़ ही है। आर्य लोग तो यहां कहीं बाहर से आकर आबाद हुए […]
जुगनू का जुनून
जुगनू का जुनून कुछ भी नहीं कहा सूरज से कुछ भी नहीं सवेरे से । जुगनू स्वयं लड़ा करता है गहन तिमिर के घेरे से ।। जब निशीथ का गहरा तम हो कोई साथ न देता है । तब जुगनू का छोटा फेरा अंधकार हर लेता है ।। राजमहल जब ठुकरा दे तो आशा रैन […]