प्रस्तुति : ज्ञान प्रकाश वैदिक इस पर्व का प्राचीनतम नाम वासन्ती नव सस्येष्टि है अर्थात् बसन्त ऋतु के नये अनाजों से किया हुआ यज्ञ, परन्तु होली होलक का अपभ्रंश है। यथा– *तृणाग्निं भ्रष्टार्थ पक्वशमी धान्य होलक: (शब्द कल्पद्रुम कोष) अर्धपक्वशमी धान्यैस्तृण भ्रष्टैश्च होलक: होलकोऽल्पानिलो मेद: कफ दोष श्रमापह।*(भाव प्रकाश) *अर्थात्*―तिनके की अग्नि में भुने हुए […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
मन भेद मिटाने वाला पर्व है होली
होली जहाँ एक हो जाने का अर्थात् समस्त रंगों-जांति पाँति ऊंच नीच को एक कर मन भेद मिटा, तन मन के मनके मिलाने का प्रतीक है वहीं *हुतं लाति इति होली* कृषक के बोए बीज को सहस्र गुणा कर प्राकृतिक बासन्ती देवत्व के विदा स्वरूप अंतिम आनंद को मनाने का सुखदायी प्रेरणास्पद उत्सव है। वस्तुतः […]
————————————- नोएडा (गोतम बुद्ध नगर) भारत की आज़ादी के संघर्ष में जिस समय देश वासियों के दिलो दिमाग में अंग्रेजों के खौफ का साया मंडरा रहा था और जय हिन्द कहना भी एक अपराध था उस भयंकर समय में आजादी के दीवानों का समर्थन करना भी अपराध था। ऐसे भयंकर समय में आजादी के लिए […]
नोएडा । ( अजय आर्य ) यहां पर ग्राम बरौला स्थित एल डी पब्लिक स्कूल में”१८५७ कॆ क्रान्तिनायक अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ ” के तत्वाधान में “अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध समूह जनपद-गौतमबुद्ध नगर” द्वारा १८५७ के क्रान्तिनायकों के सम्मान मॆं एक शोधपरक संवाद कार्यक्रम का आयोजन विगत 8 मार्च को किया […]
ग्रेटर नोएडा । (अजय आर्य ) यहां पर अंसल गोल्फ लिंक 2 में भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति की मासिक बैठक संपन्न हुई । समिति की बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने उगता भारत राष्ट्र मंदिर की अपनी स्वप्निल योजना पर प्रकाश डाला । जिसका सभी उपस्थित सदस्यों […]
ओ३म् ============ मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह अकेला रहकर जीवनयापन नहीं कर सकता। उसे समान विचारों तथा अपने शुभचिन्तकों की आवश्यकता होती है जो उसकी चिन्ता करें, उससे प्रेम करें व उससे स्नेह करें। ऐसे वातावरण में ही मनुष्य सुरक्षित रह सकता है। आज के संसार की विडम्बना यह है कि ज्ञान व विज्ञान […]
प्राचीन अरबी काव्य-संग्रह ‘शायर-उल्-ओकुल’ में एक महत्त्वपूर्ण कविता है। इस कविता का रचयिता ‘लबी-बिन-ए-अख़्तर-बिन-ए-तुर्फा’ है। यह मुहम्मद साहब से लगभग 2300 वर्ष पूर्व (18वीं शती ई.पू.) हुआ था । इतने लम्बे समय पूर्व भी लबी ने वेदों की अनूठी काव्यमय प्रशंसा की है तथा प्रत्येक वेद का अलग-अलग नामोच्चार किया है— ‘अया मुबारेक़ल अरज़ युशैये […]
भारत के पुराण इतिहास की घटनाओं के बारे में हमें अच्छी जानकारी देते हैं । पुराणों के अनुसार धरती के सात द्वीप थे- जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर। इसमें से जम्बू द्वीप जिसे आजकल हम यूरेशिया के नाम से जानते हैं , इन सबके मध्य स्थित था। एक समय था जब इस […]
कोर्ट की पार्किंग से दबोचा गया था ताहिर हुसैनआर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार अगर पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है तो फिल्में समाज का आईना। फिल्में समाज का आईना होती हैं, को चरितार्थ किया दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के सरगना ताहिर हुसैन की गिरफ़्तारी ने। 2003 में एक फिल्म आई थी। नाम था गंगाजल। […]
नई दिल्ली। एक समय था जब आयुर्वेद की चिकित्सा प्रणाली से संपूर्ण संसार लाभ उठाता था। उस समय इस चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक चिकित्सा प्रणाली का दर्जा प्राप्त था । यह एक बहुत ही सुखद पहल है कि हमारी वर्तमान केंद्र सरकार आयुर्वेद को फिर से वैश्विक चिकित्सा प्रणाली का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास […]