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राजनीति

कांग्रेस ने 1984 के दंगों में क्लीन चिट देने वाले चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा को भेजा था राज्यसभा

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 16 मार्च को पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है, जिनमें 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति नामांकित करते हैं। इन्हें ‘नामित सदस्य’ कहा जाता है। राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होते […]

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मुद्दा

दक्षिण कोरिया : एक रहस्यमयी चर्च , एक अमर पादरी और कोरोना के 7500 मामले

कोरोना वायरस के प्रसार में चर्च का रोल सामने आने के बाद प्रार्थना करते चर्च के 88 वर्षीय संस्थापक ली मैन हीदक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के ख़तरे के लिए एक चर्च को दोष दिया जा रहा है। एक ‘कल्ट’ चर्च, जो दक्षिण कोरियाई लोगों के गुस्से का शिकार बना है। अब तक दक्षिण कोरिया […]

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उगता भारत न्यूज़

कांग्रेस में राज्यसभा टिकट पाने के लिए दो शर्तें जरूरी , नामदार होना और गांधी परिवार की चमचागिरी

अगर कांग्रेस का चरित्र समझना हो तो उन उम्मीदवारों को देख लीजिए, जिसे कांग्रेस ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। ये बेवजह नहीं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बरसों तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद भी पार्टी को एक झटके में छोड़ दिया। राज्यसभा के लिए घोषित किए गए सभी उम्मीदवार ऐसे हैं, जिसके […]

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उगता भारत न्यूज़

भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति जमशेदपुर झारखंड की बैठक संपन्न

जमशेदपुर । भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति की एक आवश्यक बैठक विष्टूपुर मे समिति के मुख्य संरक्षक श्री गिरधारी लाल देबूका की अध्यक्षता में संपन्न हुई । इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संयोजक धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि आज आवश्यकता है कि इतिहास को सत्य और प्रामाणिक जानकारी के साथ लिखा जाए । […]

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भारतीय संस्कृति

वेद ज्ञान ही है सनातन

भारत के लोग अपने आप को सनातनधर्मी कहने और मानने में इसीलिए गर्व और गौरव की अनुभूति करते हैं कि उनका ज्ञान का खजाना शाश्वत है , सनातन है । वेदज्ञान जब सृष्टि दर सृष्टि चलता है तो इसका अर्थ यही है कि यह ज्ञान कभी समाप्त होने वाला नहीं है , यह कभी पुरातन […]

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भारतीय संस्कृति

आर्य समाज विश्व की प्रथम संस्था है जो संगठित वेद प्रचार से विश्व में शांति स्थापित होना स्वीकार करती है

ओ३म् =========== आर्यसमाज वेदों के मर्मज्ञ विद्वान ऋषि दयानन्द सरस्वती द्वारा दिनांक 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में स्थापित वह संस्था है जो आज प्रायः पूरे विश्व में जानी पहचानी होने सहित सक्रियरूप से कार्यरत है। आर्यसमाज की स्थापना से पूर्व ऋषि दयानन्द (1825-1883) ने देश के अनेक भागों में जाकर वेद की शिक्षाओं का […]

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Uncategorised धर्म-अध्यात्म

विश्व में शांति एवं कल्याण के लिए एक सत्य विचारधारा का प्रचार आवश्यक

ओ३म् =========== विश्व में अशान्ति, हिंसा, भेदभाव, अज्ञान, अविद्या, अन्धविश्वास, अनेकानेक अनावश्यक सामाजिक परम्पराओं आदि के कारणों पर विचार करें तो विश्व में अनेक परस्पर विरोधी विचारधाराओं वाले मतों और उनके अनुयायियों द्वारा अपनी सत्यासत्य मिश्रित विचारधारा को सबसे मनवानें के लिये किया जाने वाला प्रचार व अनुचित साधन ही विश्व में अशान्ति के प्रमुख […]

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धर्म-अध्यात्म

घृणा प्रेम को खा जाती है

जहां घृणा होती है वहां भावनाओं में पाप छाने लगता है। घृणा प्रेम को खा जाती है, जिससे जीवन रस का स्रोत सूखने लगता है। और हमारे सबके बीच का बिछा हुआ प्रेम का तानाबाना भी छिन्न-भिन्न हो जाता है। तब व्यक्ति व्यक्ति के प्रति पाप और अत्याचार से भर जाता है। कई बार इस […]

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स्वर्णिम इतिहास

अतिथि देवो भव: – की ऐसी रोमांचकारी परंपरा भारत से अलग भला और कहां मिल सकती है

17 मार्च 1527 को हुए खानवा युद्ध के महानायक महाराणा संग्राम सिंह की स्मृति में एक बार राणा सांगा अपने प्राणों को संकट में फंसा देखकर भागे जा रहे थे । उनका जयमल से युद्ध हो रहा था। जयमल भी राणा का पीछा करता जा रहा था। वह पीछे पीछे था और राणा सांगा आगे […]

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भारतीय संस्कृति

वेद विज्ञान और इतिहास

संस्कृत भाषा से भारत वासियों की दूरी बनाकर विदेशी लेखकों , विद्वानों , साहित्यकारों और इतिहासकारों को भारत और भारत के बारे में झूठी और भ्रामक धारणाएं स्थापित करने का अच्छा अवसर उपलब्ध हुआ । भारतवासियों ने अज्ञानता के कारण और पश्चिमी जगत के विद्वानों को ही विद्वान मानने की अपनी मूर्खता के कारण अपने […]

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