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महत्वपूर्ण लेख

सत्यमेव जयते की भारतीय परंपरा

हमारे देश में सरकारी मंत्रालयों , विभागों व संस्थानों के सूत्र वाक्य संस्कृत में निर्धारित किए गए हैं । उनसे पता चलता है कि वह ये सूत्र वाक्य हमें सूत्र या बीज रूप में प्रेरणा दे रहे हैं और हमारे राजधर्म को निर्धारित कर रहे हैं । यही कारण है कि हमारे देश के संसद […]

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उगता भारत न्यूज़

ईरान से सटे पाकिस्तान में कोरोना बनी आफत , अब तक 300 पॉजिटिव दो की मौत

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भारत में कोरोना से 186 के लोगों के प्रभावित होने से पूर्व ही मोदी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है, जबकि पडोसी देश पाकिस्तान में भारत से कहीं अधिक फैली बीमारी पर वहां की सरकार को जनता के हित चिन्ता नहीं। वर्ल्ड बैंक और IMF से कर्जा माफ़ और भारत […]

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संपादकीय

क्या है शिक्षा का उद्देश्य

आजकल विद्यालयों का परिवेश विलासिता पूर्ण हो जाने से बच्चों में उच्च मानवीय नैतिक गुणों का लोप होता जा रहा है और विद्यालय केवल ‘मशीनी मानव’ के रूप में बच्चों का विकास कर रहे हैं। जबकि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को मशीनी मानव न बनाकर संस्कारित समाज की एक संस्कारित ईकाई बनाना होता है। शिक्षा […]

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मुद्दा

मां भारती के सच्चे साधक देवता स्वरूप भाई परमानंद जी को मिले भारत रत्न ; संदीप कालिया

नई दिल्ली ( श्रीनिवास आर्य )अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कालिया ने कहा है कि मां भारती के सच्चे साधक देवता स्वरूप भाई परमानंद को केंद्र की मोदी सरकार को भारत रत्न प्रदान करना चाहिए । श्री कालिया ने उगता भारत के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि भारत के […]

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स्वास्थ्य

भयभीत होकर कोरोना से नहीं लड़ सकते

ललित गर्ग इस बात में बड़ी सचाई है कि सबसे बुरा वह रोग होता है, जो आपको भीतर तक भयभीत एवं असुरक्षित कर देता है। असुरक्षा का भाव एवं भय बहुत खतरनाक चीज है। इनदिनों यह भय एवं भाव सम्पूर्ण दुनिया में व्याप्त है, सम्पूर्ण मानव जाति के लिये गंभीर खतरा बन गया है, उसे […]

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स्वास्थ्य

कोरोना महामारी : विदेशी कंपनियों की असंवेदनशीलता , दाम बढ़ाकर जनता को लूट रही हैं

जब जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है या किसी भी प्रकार से मनुष्य के लिए कोई ऐसी त्रासदी भयानक रूप धारण कर हमारे सामने आती है जो जानलेवा सिद्ध हो सकती हैं , तब स्वभाविक रूप से मनुष्यों के अंदर एक भय पैदा हो जाता है । उस भय को कैसे कैश किया जाए […]

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धर्म-अध्यात्म

संसार को बनाने और पालन करने वाली सत्ता ईश्वर ही उपासनीय है

ओ३म् ================= मनुष्य संसार में माता-पिता से एक शिशु के रूप में जन्म लेता है। वह पहली बार जब आंखे खोलता है तो शायद अपनी माता को अपनी आंखों के सम्मुख देखता है। माता के बाद वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों यथा पिता व भाई-बहिनों सहित दादा व दादी आदि को देखता है। इसके […]

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धर्म-अध्यात्म

मनुष्य वा जीवात्मा का जन्म मरण एवं मोक्ष

ओ३म् =========== संसार में तीन पदार्थ सत्य हैं। इसका अर्थ यह है कि संसार में तीन पदार्थों की सत्ता है। यह तीन पदार्थ अनादि, नित्य, अविनाशी तथा अमर हैं। यह पदार्थ सदा से इस जगत में हैं और अनन्त काल तक रहने वाले हैं। यह तीन पदार्थ हैं ईश्वर, जीवात्मा और प्रकृति। ईश्वर व जीवात्मा […]

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इतिहास के पन्नों से

जब नेताजी सुभाष को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया था गांधी ने और चुन लिया था डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को : लोगों ने की थी डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ धक्का-मुक्की

1938 में हरिपुरा अधिवेशन के वार्षिक अधिवेशन के लिए सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था । हरिपुरा में कांग्रेस अधिवेशन के समय सुभाष बोस ने जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना की जिसके सदस्यों में बिङला,लाला श्रीराम, विश्वरैया शामिल थे। 1939 के त्रिपुरी कांग्रेस के वार्षिक […]

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भारतीय संस्कृति

भारत की अनमोल निधि : वैदिक संपत्ति

भाषा के विषय में जो वर्णन वेद में आया है,वे भी मूलनिवासियों की भाषा के लिए नहीं है।वेदों में आयें हुए ‘ मध्रवाचा ‘ आदि शब्द, जिनको अनार्यों की भाषा कहा जाता है, जांच से सिद्ध नहीं होते कि वे अनार्यों की भाषा के लिए आए है। मिस्टर मूर कहते हैं कि ‘मृध्रवाचा’ से अनार्यो […]

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